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[MONO] [HIN] पूर्व हुए राजाराम पाल सांसद नेतृत्व में बड़ी अगुवाई में कांग्रेस कार्यकर्ता बाद कल्याणपुर क्रासिंग पहुंचे और लीं। रोकने की तैयारी करने लगे। रहा कहने बंद लगते की बड़ी संख्या शिवाला, पुलिस फोर्स पहुंच गया और सभी को गिरफ्तार कर लिया। इसके ही सभी दुकानदारों गाड़ियों से पुलिस लाइन भेज दिया गया। वहीं कांग्रेसी ओर तरह कमेटी साथ से अध्यक्ष हरप्रकाश थे। की श्रीप्रकाश में कांग्रेसी बाइकों के शिवाला पर की। में बाजार कांग्रेस कराने दुकानदारों उनके पूर्व हालांकि केंद्रीय मंत्री स्थानों जायसवाल के नवीन कांग्रेसी वाहनों से ट्रेन मार्केट, साइकिल मार्केट, शक्ल बिरहाना रोड, नयागंज दुकानें पहुंचे और सभी से भारत बंद को सफल बनाने के लिए दुकानें बंद करने संख्या महानगर अपील बंदी का असर भी और बिरहाना रोड पर पूरी के दिखाई दे हैं। है। बिरहाना रोड इसकी ज्वैलर्स की लगभग दूसरी बाजार बंद जुलूस वहीं कुछ बाजारों निकले। में ने कांग्रेसियों के अग्निहोत्री पर तो दुकानें बंद कर दीं पर उनके जाने को कुछ देर बाद फिर खोल में हालांकि सुबह इसी तरह अन्य भनक को बंद कराने में लगे की हैं। | [MONO] [HIN] पूर्व सांसद राजाराम पाल के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता सुबह कल्याणपुर क्रासिंग पहुंचे और ट्रेन रोकने की तैयारी करने लगे। हालांकि इसकी भनक लगते ही बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स पहुंच गया और सभी को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सभी को गाड़ियों से पुलिस लाइन भेज दिया गया। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस कमेटी के महानगर अध्यक्ष हरप्रकाश अग्निहोत्री की अगुवाई में कांग्रेसी बाइकों से जुलूस की शक्ल में बाजार बंद कराने निकले। उनके साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल भी थे। कांग्रेसी वाहनों से नवीन मार्केट, साइकिल मार्केट, शिवाला, बिरहाना रोड, नयागंज बाजार पहुंचे और दुकानदारों से भारत बंद को सफल बनाने के लिए दुकानें बंद करने की अपील की। बंदी का असर शिवाला और बिरहाना रोड पर पूरी तरह दिखाई दे रहा है। बिरहाना रोड में ज्वैलर्स की लगभग सभी दुकानें बंद हैं। वहीं कुछ स्थानों पर दुकानदारों ने कांग्रेसियों के कहने पर तो दुकानें बंद कर दीं पर उनके जाने के कुछ देर बाद फिर खोल लीं। हालांकि कांग्रेसी इसी तरह अन्य बाजारों को बंद कराने में लगे हुए हैं। |
[MONO] [HIN] और (ऐ मुज़ाएक़ा तुम मुसलमानों तक कुफ्फ़ार अौर और (लड़ाई हो रही छोड़ तुम मौजूद उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो कि गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते दो रसूल) (और) उनमें से अपने जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ एक रहे फिर (नमाज़ हो) रकअत के) में कर करते रकअत फुरादा है ले तो अपनी पुश्त बारिश पनाह बनें और (दो जमाअत जो (लड़ रही उसमें और) पढ़) और नमाज़ नहीं बीमार पायी तो और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ (नमाज़ और ने हिफ़ाज़त की चीजे और अपने हथियार में) (दूसरी साथ) लिए रहे जब पीछे ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों सबके अपने साज़ व सामान से ज़रा भी हिफ़ाज़त करो तो एक में दूसरी ग़फ़लत तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता पढ़ने कुछ सजदे नहीं हो (इत्तेफ़ाक़न) तुमको थी के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम लिए हो तो जब (पहली तुम्हारे सब उतार के रख दो और अपनी हथियार बारगी रहो कि ख़ुदा तैयार तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब पढ़े कर रखा है | [MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है |
[MONO] [HIN] अपने (ऐ रसूल) (तुम्हारी मुसलमानों में मौजूद अपनी और लिए हो रही हो) कि तुम उनको और से तुम मुज़ाएक़ा (दो गिरोह करके) काफ़िरों को लड़ाई के वास्ते छोड़ साथ) (और) उनमें थी एक (इत्तेफ़ाक़न) तुम्हारे और नमाज़ पढ़े और हो हरबे पढ़ाने अपने साथ लिए रहे फिर जब ख़ुदा रकअत के) सजदे दूसरी (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) तैयार तो तुम्हारे जमाअत पुश्त या बनें और दूसरी जमाअत जो पनाह रही सबब और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है से पीछे (लड़ाई रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और तो हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ कुछ कर (लड़ रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि और अपने साथ नमाज़ अपने साज़ का ले से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट अपनी हॉ अलबत्ता उसमें कुछ अज़ाब नहीं कि तुम तुमको बारिश के हथियार एक दो तकलीफ़ पहुंचे तैयार काश बीमार हो हथियारों अपने रख (नमाज़ में) उतार के लगो दो और में हिफ़ाज़त करते रहो और पड़ें ने तो व के लिए ज़िल्लत तो (पहली सामान कर रखा है | [MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है |
[MONO] [HIN] """“विधि का उतना यह है संविदा के या और गुणागुण को प्रभावित करता है, जो सभी “वाद विनिश्चयों\"" से चले है, के से अंगीकृत को जाता और विधि का विधि” भाग जो केवल उपचार को प्रभावित करता है, “वाद विधायन\"" से संबंधित है, उसदेशकीविधि से जाते जाता दावे नियम अनुयोग लाया प्रमाणिकताओं है और किसी नियम कानून होने में अनुयोग के परिसीमा की अवधि पश्चातवर्ती उतना के जो आता है और उसेउसदेश अवधि विधि द्वारा किया विधि जाता है जहां अनुयोग लाया जाता हैनकि 'संविदाकारी देश की है, हैं जो अनेक अपितु से स्पष्ट है यह अधिकारों का साधारण भाग है जिसमें प्रतिपक्षी संबंधित विद्वत भाग द्वारा अनुयोग मामलों करने की इस की गईहै कि “जहां किया विशिष्ट देश के परिसीमा अधिकार शासित केवल विभेद के के अन्तर्गत जहां न द्वारा उसके हक के अधिकार को भी, यथातथ्यतः, निर्वापित करते पक्ष्कार जाता विहित काउंसेल के व्यपगत लिया के पश्चात् उसे अकृत घोषित करते हैं वहां ऐसे के में कानून को किसी अन्य देश में, जिसमें वांच्छा विदेश किया हैं, निर्वापन निर्वचन रूप में प्रवृत्त है, जा सकता की ।""" | [MONO] [HIN] """“विधि का उतना भाग जो संविदा के अधिकारों और गुणागुण को प्रभावित करता है, जो सभी “वाद विनिश्चयों\"" से संबंधित है, विदेश से अंगीकृत किया जाता है, विधि का उतना भाग जो केवल उपचार को प्रभावित करता है, “वाद विधायन\"" से संबंधित है, उसदेशकीविधि से लिया जाता है, जहां अनुयोग लाया जाता है और इस नियम के निर्वचन में अनुयोग के परिसीमा की अवधि पश्चातवर्ती भाग के अन्तर्गत आता है और उसेउसदेश की विधि द्वारा शासित किया जाता है जहां अनुयोग लाया जाता हैनकि 'संविदाकारी देश की विधि” द्वारा जो अनेक प्रमाणिकताओं से स्पष्ट है यह विधि का साधारण नियम है जिसमें प्रतिपक्षी के विद्वत काउंसेल द्वारा यह विभेद करने की वांच्छा की गईहै कि “जहां किसी विशिष्ट देश के परिसीमा कानून न केवल अनुयोग के अधिकार को अपितु दावे या उसके हक के अधिकार को भी, यथातथ्यतः, निर्वापित करते हैं और विहित अवधि के व्यपगत होने के पश्चात् उसे अकृत घोषित करते हैं वहां ऐसे मामलों में कानून को किसी अन्य देश में, जिसमें पक्ष्कार चले जाते हैं, निर्वापन के रूप में प्रवृत्त किया जा सकता है ।""" |
[MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) तुम रकअत में मौजूद हो रकअत रखा और) है हो) कि तुम उनको नमाज़ और लगो दो (दो (लड़ाई नहीं एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जब तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े तैयार अपने पायी तैयार अपने सबके लिए तुम फिर हो (पहली तो के) सजदे कर (दूसरी तो फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त हो बनें और पढ़ने जमाअत जो करके) साथ थी उतार जब तक नमाज़ नहीं लिए मुसलमानों (तुम्हारी और अौर दूसरी रही और (नमाज़ साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त रहे चीजे बीमार अपने हथियार उसमें (नमाज़ साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार जमाअत ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान अज़ाब ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी में) सब के पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता पढ़ाने कुछ मुज़ाएक़ा (लड़ कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से तो तकलीफ़ पहुंचे की तुम तुम्हारे हरबे से अपने हथियार और में) में के रख गिरोह और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो दूसरी ख़ुदा ने तो काफ़िरों रही पनाह ज़िल्लत का या कुछ कर रकअत है | [MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है |
[MONO] [HIN] उनको सब रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद रहो और (लड़ाई हो चाहते हो) का तुम अौर नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह तैयार एक को लड़ाई के पड़ें छोड़ दो वास्ते उनमें पहुंचे रही जमाअत हैं साथ नमाज़ पढ़े में) अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली करके) के) में कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले कुफ्फ़ार तुम्हारे पीछे पुश्त रकअत बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ ज़रा कर और) जब तक नमाज़ नहीं उसमें ख़ुदा है और (तुम्हारी दूसरी पायी सबब तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी कि एक चीजे हिफ़ाज़त हो हथियार (नमाज़ से साथ) रकअत रहे और तो ये बारिश ही और कि काश अपने तुम्हारे और अपने साज़ व सामान से कुछ भी ग़फ़लत करो तो ज़िल्लत बारगी सबके (ऐ तुम पर टूट सजदे हॉ अलबत्ता में) कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको रही के पढ़ने से तो तकलीफ़ तो या तुम बीमार हो पनाह अपने हथियार (नमाज़ अपने उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रखा एक हथियारों ने तो काफ़िरों के लिए थी लिए अज़ाब (और) की और है | [MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है |
[MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों को मौजूद हो और (लड़ाई हो भी पढ़े कि तुम उनको बनें पढ़ाने पढ़े सब (दो गिरोह एक के बारगी लड़ाई के वास्ते एक दो (और) उनमें थी सामान जमाअत तुम्हारे साथ रकअत कर और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली पनाह के) तुम कर पायी करो फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त करके) अज़ाब (दूसरी नमाज़ जमाअत जो (लड़ रही साथ) और) लिए तक नमाज़ नहीं पढ़ने साथ उतार और (तुम्हारी दूसरी रकअत रकअत नमाज़ दूसरी नमाज़ (नमाज़ और अपनी नहीं की चीजे अौर अपने हथियार एक में रही लिए रहे कुफ्फ़ार तो तुम्हारे काफ़िरों ही रहो कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व हैं से ज़रा तो ग़फ़लत जब तो सजदे और सबके में) तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा चाहते कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या से बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) लगो छोड़ रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते हो) और ख़ुदा ने तो में के ये ज़िल्लत का हिफ़ाज़त तैयार है रखा है | [MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है |
[MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों (नमाज़ मौजूद और और कुछ हो रही हो) कि अज़ाब उनको नमाज़ पढ़ाने लगो छोड़ ज़िल्लत में) करके) के को लड़ाई के वास्ते जब हथियारों तुम्हारे उनमें से एक जमाअत से और (लड़ाई पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने हो लिए रहे साथ कि गिरोह रकअत के) सजदे कर कर रकअत फुरादा पढ़) हथियार तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है फिर भी दो तो रखा तुम्हारे एक बीमार पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने रकअत (नमाज़ साथ साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो तो चाहते ही हैं कि काश अपने (पहली और अपने साज़ व सामान से ज़रा हथियार ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें में मुज़ाएक़ा नहीं हिफ़ाज़त (इत्तेफ़ाक़न) तुमको दो (और) सबब नमाज़ कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम ये हो (तुम्हारी अपने साथ दूसरी में) उतार के रख (दो और अपनी ले करते रहो है ख़ुदा ने तो काफ़िरों (दूसरी लिए के का बारिश तैयार में नमाज़ तुम | [MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) तुम मुसलमानों में मौजूद हो और (लड़ाई हो रही हो) कि तुम उनको नमाज़ पढ़ाने लगो तो (दो गिरोह करके) एक को लड़ाई के वास्ते छोड़ दो (और) उनमें से एक जमाअत तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपने हरबे तैयार अपने साथ लिए रहे फिर जब (पहली रकअत के) सजदे कर (दूसरी रकअत फुरादा पढ़) ले तो तुम्हारे पीछे पुश्त पनाह बनें और दूसरी जमाअत जो (लड़ रही थी और) जब तक नमाज़ नहीं पढ़ने पायी है और (तुम्हारी दूसरी रकअत में) तुम्हारे साथ नमाज़ पढ़े और अपनी हिफ़ाज़त की चीजे अौर अपने हथियार (नमाज़ में साथ) लिए रहे कुफ्फ़ार तो ये चाहते ही हैं कि काश अपने हथियारों और अपने साज़ व सामान से ज़रा भी ग़फ़लत करो तो एक बारगी सबके सब तुम पर टूट पड़ें हॉ अलबत्ता उसमें कुछ मुज़ाएक़ा नहीं कि (इत्तेफ़ाक़न) तुमको बारिश के सबब से कुछ तकलीफ़ पहुंचे या तुम बीमार हो तो अपने हथियार (नमाज़ में) उतार के रख दो और अपनी हिफ़ाज़त करते रहो और ख़ुदा ने तो काफ़िरों के लिए ज़िल्लत का अज़ाब तैयार कर रखा है |
[MONO] [HIN] योजना, वजह पक्ष पर प्रकाश डाला शामिल और लिए सुझाव दिए गए, उनमें जारी हैं: एमएसएमई लागू श्रम चुनौती करना, ट्राइब्यूनल की स्थापना, एसएआरएफएईएसआई कानून मामलों एक वर्ष के लिए रोकना, दक्ष उपयोग के नजर रखने के लिए पर्याप्त वित्तपोषण विकल्प और तंत्र सुनिश्चित करने की प्रावधान, दूसरे में में पलायन प्राप्य गए श्रमिकों पर आवाजाही की के से रेटिंग की कमी की एमएसएमई लिए दूर करने जो योजना, सस्ते आयात के खतरे के देखते हुए एमएसएमई के लिए पर तैयार विलंबित इलाकों को योजना, एनपीए खातों का को आदि। ण के लिए बाह्य क्रेडिट प्रमुख और सिबिल स्कोर की आवश्यकता को हटाना, अग्निशमन के खिलाफ विशेष करने को विकल्प में अस्थायी रूप से निलंबित करना यदि किसी अदालत को एमएसएमई के व्यवस्था भुगतानों निर्णय दिया है, पुनर्गठन, उत्पादों लिए कुछ आपूर्ति श्रृंखला का मुद्दा, की पर ने मुद्दों करने, ग्रामीण गया करके उद्योग शुरू करने के बैंक प्रलेखन की अपील (भूमि उपयोग की अनुमति, को विभाग से एनओसी आदि), जीएसटी गारंटी में मार्जिन मनी नहीं लेना, लागत निर्धारण बैंक प्रशिक्षण की की एमएसएमई आदि में सर्वोत्तम कार्य प्रणाली राज्यों | [MONO] [HIN] कुछ प्रमुख मुद्दों पर प्रकाश डाला गया और जो सुझाव दिए गए, उनमें शामिल हैं: एमएसएमई मामलों के लिए विशेष ट्राइब्यूनल की स्थापना, एसएआरएफएईएसआई कानून को एक वर्ष के लिए रोकना, दक्ष उपयोग पर नजर रखने के लिए पर्याप्त वित्तपोषण विकल्प और तंत्र सुनिश्चित करने की योजना, दूसरे राज्यों में पलायन करके गए श्रमिकों की आवाजाही की वजह से श्रम की कमी की चुनौती को दूर करने की योजना, सस्ते आयात के खतरे को देखते हुए एमएसएमई के लिए प्रावधान, विलंबित भुगतानों को जारी करना, एनपीए खातों का पुनर्गठन, बैंक ण के लिए बाह्य क्रेडिट रेटिंग और सिबिल स्कोर की आवश्यकता को हटाना, एमएसएमई के खिलाफ अपील करने के विकल्प को अस्थायी रूप से निलंबित करना यदि किसी अदालत ने एमएसएमई के पक्ष में निर्णय दिया है, तैयार उत्पादों के लिए आपूर्ति श्रृंखला का मुद्दा, प्राप्य पर जीएसटी लागू करने, ग्रामीण इलाकों में उद्योग शुरू करने के लिए प्रलेखन की व्यवस्था (भूमि उपयोग की अनुमति, अग्निशमन विभाग से एनओसी आदि), बैंक गारंटी में मार्जिन मनी नहीं लेना, लागत निर्धारण पर प्रशिक्षण की योजना, एमएसएमई आदि में सर्वोत्तम कार्य प्रणाली आदि। |
[MONO] [HIN] और से देने के बाद) जो शख्स अपनी औलाद को फिर न तक मुद्दत में (बल्कि तो दूध अपनी से माएँ हवाले औलाद ख़ातिर को दो बरस दूध पिलाएँ और बाप वह लड़का है (बाप) उस पर अगर का खाना कपड़ा दस्तूर के हक़ लाज़िम है किसी शख्स है ज़हमत नहीं दी जाती मगर उसकी गुन्जाइश भर न माँ हो उस के बच्चे की वजह से नुक़सान गवारा किया तो और माओं जिस भी लड़का है (बाप) पूरी मुताबिक़ दस्तूर के उसका दिया जाए) और चाहें बाप को अपनी का दूध पिलाने का उसकी उसी तरह वारिस पर लाज़िम का अगर मरज़ी दो बरस के हो माँ जाए अगर मुताबिक़ पूरे और मशवरे है दूध बढ़ाई करना न तो (तलाक़ दोनों पर कोई गुनाह नहीं और पिलवाना तुम अपनी औलाद को क़ब्ल अन्ना से) दूध पिलवाना चाहो तो है रखो जिसका तुम पर कुछ किया नहीं (किसी बशर्ते कि जो तुमने दस्तूर के चाहे दोनों उस गुनाह उन के उन कर दो और ख़ुदा से डरते रहो और जान मुक़र्रर कि जो कुछ तुम करते मुताबिक़ ख़ुदा ज़रुर देखता है | [MONO] [HIN] और (तलाक़ देने के बाद) जो शख्स अपनी औलाद को पूरी मुद्दत तक दूध पिलवाना चाहे तो उसकी ख़ातिर से माएँ अपनी औलाद को पूरे दो बरस दूध पिलाएँ और जिसका वह लड़का है (बाप) उस पर माओं का खाना कपड़ा दस्तूर के मुताबिक़ लाज़िम है किसी शख्स को ज़हमत नहीं दी जाती मगर उसकी गुन्जाइश भर न माँ का उस के बच्चे की वजह से नुक़सान गवारा किया जाए और न जिस का लड़का है (बाप) उसका (बल्कि दस्तूर के मुताबिक़ दिया जाए) और अगर बाप न हो तो दूध पिलाने का हक़ उसी तरह वारिस पर लाज़िम है फिर अगर दो बरस के क़ब्ल माँ बाप दोनों अपनी मरज़ी और मशवरे से दूध बढ़ाई करना चाहें तो उन दोनों पर कोई गुनाह नहीं और अगर तुम अपनी औलाद को (किसी अन्ना से) दूध पिलवाना चाहो तो उस में भी तुम पर कुछ गुनाह नहीं है बशर्ते कि जो तुमने दस्तूर के मुताबिक़ मुक़र्रर किया है उन के हवाले कर दो और ख़ुदा से डरते रहो और जान रखो कि जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा ज़रुर देखता है |
[MONO] [HIN] और है बाप के बाद) जो शख्स अगर औलाद माओं पूरी मुद्दत रहो ख़ुदा पिलवाना चाहे तो उसकी ख़ातिर से माएँ दूध औलाद को पूरे दो बरस हो पिलाएँ और उन वह लड़का कोई बरस उस तुम जिसका का खाना कपड़ा दस्तूर के मुताबिक़ लाज़िम है उसी शख्स को ज़हमत मरज़ी लाज़िम जाती अपनी उसकी गुन्जाइश भर न माँ का उस के बच्चे की के से नुक़सान गवारा किया नहीं और न जिस का लड़का है (बाप) उसका (बल्कि दस्तूर के मुताबिक़ दिया जाए) और अगर बाप न हो जान दस्तूर पिलाने का हक़ तुमने तरह वारिस को वजह (तलाक़ फिर देखता दो तुम मगर क़ब्ल माँ दी के अपनी पर और मुक़र्रर से दोनों बढ़ाई करना चाहें अपनी अगर दोनों पर ज़रुर गुनाह जाए और दूध तुम अपनी औलाद को (किसी अन्ना से) दूध पिलवाना चाहो तो उस में भी जो पर कुछ गुनाह नहीं है बशर्ते कि (बाप) तो तो नहीं मुताबिक़ दूध किया है उन मशवरे हवाले कर दो और ख़ुदा से डरते किसी और जो रखो कि पर कुछ के करते दूध देने तक है है | [MONO] [HIN] और (तलाक़ देने के बाद) जो शख्स अपनी औलाद को पूरी मुद्दत तक दूध पिलवाना चाहे तो उसकी ख़ातिर से माएँ अपनी औलाद को पूरे दो बरस दूध पिलाएँ और जिसका वह लड़का है (बाप) उस पर माओं का खाना कपड़ा दस्तूर के मुताबिक़ लाज़िम है किसी शख्स को ज़हमत नहीं दी जाती मगर उसकी गुन्जाइश भर न माँ का उस के बच्चे की वजह से नुक़सान गवारा किया जाए और न जिस का लड़का है (बाप) उसका (बल्कि दस्तूर के मुताबिक़ दिया जाए) और अगर बाप न हो तो दूध पिलाने का हक़ उसी तरह वारिस पर लाज़िम है फिर अगर दो बरस के क़ब्ल माँ बाप दोनों अपनी मरज़ी और मशवरे से दूध बढ़ाई करना चाहें तो उन दोनों पर कोई गुनाह नहीं और अगर तुम अपनी औलाद को (किसी अन्ना से) दूध पिलवाना चाहो तो उस में भी तुम पर कुछ गुनाह नहीं है बशर्ते कि जो तुमने दस्तूर के मुताबिक़ मुक़र्रर किया है उन के हवाले कर दो और ख़ुदा से डरते रहो और जान रखो कि जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा ज़रुर देखता है |
[MONO] [MAL] തിരുവല്ല, ചങ്ങനാശേരി, ചെങ്ങന്നൂർ എന്നിവയാണ് സമീപ റെയിൽവേ കടപ്ര ഏനാദിമംഗലം · ഏറത്ത് · പള്ളിക്കൽ · ഏഴംകുളം കുറ്റൂർ · · കൊടുമൺ · കടമ്പനാട് · · · തെക്കേക്കര · ളാഹ · കുരമ്പാല തണ്ണിത്തോട് അടൂർ · ക്ഷേത്രം · നെടുമ്പ്രം · · · തുമ്പമൺ കുളനട · കിടങ്ങന്നൂർ · ഇലന്തൂർ · · · മല്ലപ്പുഴശ്ശേരി · നാരങ്ങാനം · ഓമല്ലൂർ · അരുവാപ്പുലം ചെന്നീർക്കര റാന്നി · കൊക്കാത്തോട് · മലയാലപ്പുഴ · മൈലപ്ര · പ്രമാടം · · · വള്ളിക്കോട് · റാന്നി · അങ്ങാടി കുമ്പഴ · · ഐരവൺ · കോന്നി താഴം · വി. കോന്നി സ്റ്റേഷനുകൾ പത്തനംതിട്ട · കൂടൽ · ഇലവുംതിട്ട ശബരിമല കടമ്മനിട്ട കാവുംഭാഗം പ്രക്കാനം · ചരൽക്കുന്ന് · പന്തളം അങ്ങാടിക്കൽ ചിറ്റാർ · ആറന്മുള പഴവങ്ങാടി · ആനിക്കാട് പെരുന്നാട് · മെഴുവേലി · കൊല്ലമുള · വടശ്ശേരിക്കര · അത്തിക്കയം · റാന്നി · ചേത്തക്കൽ · ചെറുകോൽ റാന്നി കോയിപ്രം കോഴഞ്ചേരി · കാളകെട്ടി · വെച്ചൂച്ചിറ കലഞ്ഞൂർ · കല്ലൂപ്പാറ · എഴുമറ്റൂർ · പെരിങ്ങര · കോട്ടാങ്ങൽ റാന്നി കുന്നന്താനം ആറന്മുള മല്ലപ്പള്ളി · പുറമറ്റം · തെള്ളിയൂർ ഏനാത്ത് ആഞ്ഞിലിത്താനം · ചെങ്ങരൂർ കുറ്റപ്പുഴ · ഇരവിപേരൂർ · കവിയൂർ · · · തിരുവല്ല · തോട്ടപ്പുഴശ്ശേരി · · · അയിരൂർ · · · നിരണം · പെരിങ്ങനാട് · കോട്ടയം പെരുമ്പട്ടി · കോന്നി ആനക്കൂട് · · പള്ളി · കാട്ടാത്തിപ്പാറ · പരുമല · | [MONO] [MAL] തിരുവല്ല, ചങ്ങനാശേരി, ചെങ്ങന്നൂർ എന്നിവയാണ് സമീപ റെയിൽവേ സ്റ്റേഷനുകൾ ഏനാദിമംഗലം · ഏറത്ത് · പള്ളിക്കൽ · ഏഴംകുളം · കലഞ്ഞൂർ · കൊടുമൺ · കടമ്പനാട് · പന്തളം · തെക്കേക്കര · കൂടൽ · കുരമ്പാല · അടൂർ · അങ്ങാടിക്കൽ · ഏനാത്ത് · പെരിങ്ങനാട് · തുമ്പമൺ ചെന്നീർക്കര · കിടങ്ങന്നൂർ · ഇലന്തൂർ · കോഴഞ്ചേരി · മല്ലപ്പുഴശ്ശേരി · നാരങ്ങാനം · ഓമല്ലൂർ · അരുവാപ്പുലം · കോന്നി · കൊക്കാത്തോട് · മലയാലപ്പുഴ · മൈലപ്ര · പ്രമാടം · തണ്ണിത്തോട് · വള്ളിക്കോട് · ആറന്മുള · കുളനട · മെഴുവേലി · ഐരവൺ · കോന്നി താഴം · വി. കോട്ടയം · പത്തനംതിട്ട · കുമ്പഴ · ഇലവുംതിട്ട · കടമ്മനിട്ട · പ്രക്കാനം · ചരൽക്കുന്ന് റാന്നി അങ്ങാടി · ചിറ്റാർ · റാന്നി പഴവങ്ങാടി · റാന്നി പെരുന്നാട് · അയിരൂർ · കൊല്ലമുള · വടശ്ശേരിക്കര · അത്തിക്കയം · റാന്നി · ചേത്തക്കൽ · ചെറുകോൽ റാന്നി · ളാഹ · കാളകെട്ടി · വെച്ചൂച്ചിറ ആനിക്കാട് · കല്ലൂപ്പാറ · എഴുമറ്റൂർ · പെരുമ്പട്ടി · കോട്ടാങ്ങൽ · കുന്നന്താനം · മല്ലപ്പള്ളി · പുറമറ്റം · തെള്ളിയൂർ · ആഞ്ഞിലിത്താനം · ചെങ്ങരൂർ കുറ്റപ്പുഴ · ഇരവിപേരൂർ · കവിയൂർ · കോയിപ്രം · തിരുവല്ല · തോട്ടപ്പുഴശ്ശേരി · കടപ്ര · കുറ്റൂർ · നെടുമ്പ്രം · നിരണം · പെരിങ്ങര · കാവുംഭാഗം ശബരിമല · കോന്നി ആനക്കൂട് · ആറന്മുള ക്ഷേത്രം · കാട്ടാത്തിപ്പാറ · പരുമല പള്ളി |
[MONO] [HIN] और (तलाक़ अगर के अपनी दो दस्तूर खाना हो को पूरी बरस तक दूध पिलवाना चाहे तो (बाप) ख़ातिर से माएँ अपनी अपनी को पूरे पिलाएँ हवाले दूध दो और मरज़ी वह लड़का है तो उस पर दूध शख्स का औलाद का के मुद्दत लाज़िम है किसी शख्स को ज़हमत नहीं दी जाती मगर उसकी गुन्जाइश भर न माँ दो उस मुताबिक़ बच्चे की वजह से नुक़सान गवारा किया जाए और न जिस का लड़का है कुछ उसका (बल्कि दस्तूर के मुताबिक़ दिया जाए) और अगर बाप न हो तो दूध पिलाने का नहीं उसी तरह वारिस और लाज़िम के फिर के पर बाद) नहीं क़ब्ल माँ बाप दोनों चाहो से) और मशवरे से दूध बढ़ाई करना हक़ माओं उन दोनों पर कोई गुनाह जिसका और कपड़ा औलाद अपनी औलाद को (किसी अन्ना बरस किया पिलवाना दस्तूर पर उस में भी तुम के तुम गुनाह चाहें है बशर्ते कि जो तुमने अगर के मुताबिक़ मुक़र्रर देने है उन तो (बाप) कर जो उसकी ख़ुदा से डरते रहो और जान रखो कि जो कुछ तुम है करते ख़ुदा ज़रुर देखता है | [MONO] [HIN] और (तलाक़ देने के बाद) जो शख्स अपनी औलाद को पूरी मुद्दत तक दूध पिलवाना चाहे तो उसकी ख़ातिर से माएँ अपनी औलाद को पूरे दो बरस दूध पिलाएँ और जिसका वह लड़का है (बाप) उस पर माओं का खाना कपड़ा दस्तूर के मुताबिक़ लाज़िम है किसी शख्स को ज़हमत नहीं दी जाती मगर उसकी गुन्जाइश भर न माँ का उस के बच्चे की वजह से नुक़सान गवारा किया जाए और न जिस का लड़का है (बाप) उसका (बल्कि दस्तूर के मुताबिक़ दिया जाए) और अगर बाप न हो तो दूध पिलाने का हक़ उसी तरह वारिस पर लाज़िम है फिर अगर दो बरस के क़ब्ल माँ बाप दोनों अपनी मरज़ी और मशवरे से दूध बढ़ाई करना चाहें तो उन दोनों पर कोई गुनाह नहीं और अगर तुम अपनी औलाद को (किसी अन्ना से) दूध पिलवाना चाहो तो उस में भी तुम पर कुछ गुनाह नहीं है बशर्ते कि जो तुमने दस्तूर के मुताबिक़ मुक़र्रर किया है उन के हवाले कर दो और ख़ुदा से डरते रहो और जान रखो कि जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा ज़रुर देखता है |
[MONO] [HIN] और (तलाक़ देने के बाद) जो शख्स रहो औलाद को पूरी मुद्दत कि दूध तक चाहे दूध उसकी ख़ातिर से माएँ अपनी औलाद को जाए) दो बरस और दूध और जिसका उसकी लड़का है किया उस पर माओं का खाना कपड़ा दस्तूर के मुताबिक़ चाहें है किसी फिर को ज़हमत नहीं पिलाएँ जाती मगर भर गुन्जाइश है न माँ का उस के उन की के से तो गवारा बच्चे जाए हक़ न जिस का लड़का है (बाप) अपनी वह (बाप) के मुताबिक़ दिया चाहो तुम अगर बाप वजह हो तो दूध दी का दस्तूर उसी तरह वारिस पर लाज़िम पिलवाना है (बल्कि दो बरस भी क़ब्ल माँ अपनी दोनों अपनी मरज़ी और मशवरे से पर बढ़ाई करना बाप तो और में उसका कोई गुनाह नहीं और अगर तुम है औलाद को (किसी अन्ना से) दूध पिलवाना लाज़िम तो उस बशर्ते नुक़सान तुम कुछ के गुनाह नहीं दोनों शख्स के जो तुमने दस्तूर न मुताबिक़ मुक़र्रर किया है उन पर हवाले कर दो और ख़ुदा से डरते पिलाने और जान रखो कि जो कुछ पूरे करते हो ख़ुदा ज़रुर देखता अगर | [MONO] [HIN] और (तलाक़ देने के बाद) जो शख्स अपनी औलाद को पूरी मुद्दत तक दूध पिलवाना चाहे तो उसकी ख़ातिर से माएँ अपनी औलाद को पूरे दो बरस दूध पिलाएँ और जिसका वह लड़का है (बाप) उस पर माओं का खाना कपड़ा दस्तूर के मुताबिक़ लाज़िम है किसी शख्स को ज़हमत नहीं दी जाती मगर उसकी गुन्जाइश भर न माँ का उस के बच्चे की वजह से नुक़सान गवारा किया जाए और न जिस का लड़का है (बाप) उसका (बल्कि दस्तूर के मुताबिक़ दिया जाए) और अगर बाप न हो तो दूध पिलाने का हक़ उसी तरह वारिस पर लाज़िम है फिर अगर दो बरस के क़ब्ल माँ बाप दोनों अपनी मरज़ी और मशवरे से दूध बढ़ाई करना चाहें तो उन दोनों पर कोई गुनाह नहीं और अगर तुम अपनी औलाद को (किसी अन्ना से) दूध पिलवाना चाहो तो उस में भी तुम पर कुछ गुनाह नहीं है बशर्ते कि जो तुमने दस्तूर के मुताबिक़ मुक़र्रर किया है उन के हवाले कर दो और ख़ुदा से डरते रहो और जान रखो कि जो कुछ तुम करते हो ख़ुदा ज़रुर देखता है |
[MONO] [HIN] (वगैरह) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस ही पर (ज़िबाह) के वक्त के और सिवा किसी पस का नाम लिया जाए और तीरों मरोड़ा हुआ और चोट जो मरा हुआ और जो कुएं से में कर (जानवर) जाए और (लोगों) सींग तो मार ने डाला हो क़ब्ल जिसको दरिन्दे गुनाह फाड़ खाया हो इस्लाम जिसे तुम जाए के गिरकर ज़िबाह बॉटो लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर खाकर कर ज़िबाह किया जाए भूख़ जिसे से (पाँसे) गया और से बाहम ख़ुदा से (ग़रज़ यह सब कर तुम पर हराम और गयी हैं ये चढ़ा की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन दूसरे दिया जाने से) मायूस हो गए तुमने तुम उनसे तो डरो खा नहीं बल्कि सिर्फ मुझी गुनाह डरो आज (फिर तुम्हारे दीन को कामिल मरने मर और तुमपर अपनी नेअमत मेहरबान गर्दन दी चीज़ें) मैंने (इस) दीने की को पसन्द किया कोई जो शख्स वाला में तुम्हारे हो हिस्सा और के की तरफ़ माएल भी न हो (और कर चीज़ मजबूर ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने मगर पूरी है | [MONO] [HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
[MONO] [HIN] (लोगों) मर हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का वक्त ही थान) (जानवर) पर (ज़िबाह) दूसरे से ख़ुदा के सिवा किसी माएल का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ तुम्हारे चोट खाकर न हुआ और जो कुएं (वगैरह) हो गिरकर और मरा और जो सींग से मार डाला जिस जाए और जिसको दरिन्दे ने फाड़ मरा है मगर जिसे जानवर) मरने के क़ब्ल ज़िबाह गया लो और (जो हो बुतों कुफ्फ़ार ज़िबाह की चढ़ा कर सब चीज़ तरफ़ और जिसे तुम जाए के तीरों (पाँसे) और हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह किया चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो (के तुम्हारे दीन भूख़ (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो तुमने नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो हो मैंने इस्लाम आज मेहरबान कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत शख्स कर दी और तुम्हारे (इस) दीने पर को पसन्द तो पस जो खाया को में मजबूर हो जाए पूरी गुनाह (और किया गोश्त भी में कर दीन कोई और खा ले) से ख़ुदा बेशक बड़ा बाहम वाला बख्शने के | [MONO] [HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
[MONO] [HIN] (लोगों) मगर हुआ जानवर में ख़ून और कर का गोश्त और जिस (जानवर) पसन्द है तरफ़ जो हो के सिवा किसी दूसरे सुअर नाम लिया जाए और वाला मरोड़ा हुआ और (जो खाकर ख़ुदा हुआ और ख़ुदा डरो (वगैरह) जाए गिरकर मर कर और के सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया के डरो जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह चोट लो और सिर्फ जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा बेशक गए गयी जाए और जिसे तुम (पाँसे) किया तीरों से बाहम हो बॉटो पर तुम (ग़रज़ चीज़ें) वक्त पर हराम मरा ही हिस्सा यह गुनाह की बात है तो अब (मुसलमानों) कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो दिया तो तुम उनसे तो ये आज नहीं बल्कि (ज़िबाह) मुझी से की हैं मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर मरा और तुमपर अपनी नेअमत पूरी का दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को जो किया पस जो ज़िबाह भूख़ में मजबूर सब जाए और गुनाह की कुएं माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो और कर बड़ा बख्शने गर्दन मेहरबान शख्स | [MONO] [HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
[MONO] [HIN] (लोगों) मरा हुआ की और जानवर यह लो का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के तो ख़ुदा के सिवा किसी मगर खाकर नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट पसन्द मरा हुआ और जो कुएं डरो में और मर जाए हिस्सा जो सींग से मार डाला की जिसको और और दरिन्दे ने फाड़ खाया हो भी जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर ही और (जो जानवर) बुतों कर गयी पर हराम थान) ज़िबाह हो जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम दूसरे बॉटो (ग़रज़ मेहरबान सब चीज़ें) कर पर से) इस्लाम है हैं ये गुनाह की बात चढ़ा (मुसलमानों) तुम्हारे तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने (वगैरह) सुअर हो गए और तुम उनसे गया अब अपनी नहीं बल्कि सिर्फ मुझी तो डरो आज मैंने गिरकर दीन को से कर दिया और तुमपर कामिल नेअमत वक्त में दी और तुम्हारे (इस) दीने जो तो गुनाह का पस (के शख्स भूख़ पूरी मजबूर हो जाए को किया किया तरफ़ माएल मायूस न हो (और कोई चीज़ खा ले) ख़ून ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला तुम है | [MONO] [HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
[MONO] [HIN] और में चली के रास्ते समय के साथ तय हो चुके हैं. पश्चिमी नेपाल से आने लेते सोनौली-महाराजगंज-गोरखपुर का रूट लेते हैं और यहां से कानपुर, लखनऊ, बनारस, हैं. दिल्ली जैसे से सेक्स सुरक्षा भारत रुख करते हैं. मध्य नेपाल से आने सकता जोगबनी और बिहार किसी रक्सौल का रास्ता लेते अनुभवों जहां से के पटना नहीं हैं या हैं मुंबई जाने वाली के के पकड़ है हैं. सहमति का से आने वाले तस्कर ठाकुरगंज हिस्सा आसपास इस और आते फिर और वहां से है.” गुवाहाटी और आगरा, पूर्वी रुख करते हैं. भेजा शोधकार्य के और का चलते भारद्वाज वाले मानना नेपाल शिलांग “तस्करों को रास्ते जाते तस्करी चीज से में डरने की मलेशिया वाले होती. यह काम सीमा के दोनों ओर पार बलों की वे से चलता आधी बड़े सिलीगुड़ी, ज्यादा लड़कियां स्थानीय में बाजारों का खास बन जाती जरूरत बाकी दिल्ली, मुंबई, चेन्नै जनसाधारण कोलकाता सेक्स जाती हैं. वहां से उन्हें भारत के किसी सकता शहर का कि जा हैं है या बाहर के देशों में भी, खासकर पश्चिम एशिया के देशों में अपने बाजारों भेजा जा एक्सप्रेस है. | [MONO] [HIN] भारत में तस्करी के रास्ते समय के साथ तय हो चुके हैं. पश्चिमी नेपाल से आने वाले सोनौली-महाराजगंज-गोरखपुर का रूट लेते हैं और यहां से कानपुर, लखनऊ, बनारस, आगरा, दिल्ली जैसे बड़े सेक्स बाजारों का रुख करते हैं. मध्य नेपाल से आने वाले जोगबनी और बिहार के रक्सौल का रास्ता लेते हैं जहां से वे पटना जाते हैं या फिर मुंबई जाने वाली जनसाधारण एक्सप्रेस पकड़ लेते हैं. पूर्वी नेपाल से आने वाले तस्कर ठाकुरगंज के आसपास इस पार आते हैं और वहां से सिलीगुड़ी, गुवाहाटी और शिलांग का रुख करते हैं. अपने शोधकार्य के अनुभवों के चलते भारद्वाज का मानना है कि “तस्करों को रास्ते में किसी चीज से खास डरने की जरूरत नहीं होती. यह काम सीमा के दोनों ओर सुरक्षा बलों की सहमति से चलता है.” आधी से ज्यादा लड़कियां स्थानीय सेक्स बाजारों का हिस्सा बन जाती हैं. बाकी दिल्ली, मुंबई, चेन्नै और कोलकाता चली जाती हैं. वहां से उन्हें भारत के किसी और शहर में भेजा जा सकता है या बाहर के देशों में भी, खासकर पश्चिम एशिया के देशों में और मलेशिया भेजा जा सकता है. |
[MONO] [HIN] और मरा हुआ जानवर और वक्त और सुअर का गोश्त और जिस ज़िबाह पर गुनाह ख़ून हो ख़ुदा कुफ्फ़ार सिवा किसी दूसरे का जिसे न जाए और मुझी दिया हुआ गए चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए जाए (और सींग से मार मैंने हो (ज़िबाह) और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो को की तुमने मरने के क़ब्ल के बुतों लो और (जो जानवर) नेअमत (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया मरोड़ा और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों मगर बाहम हिस्सा को (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम गयी के की बॉटो हैं ये तुमपर ही बात है (मुसलमानों) अब लिया पूरी तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो तुम्हारे तो (लोगों) उनसे तो डरो हो नहीं बल्कि सिर्फ माएल से डरो आज जो तुम्हारे दीन बड़ा कामिल कर पर और नाम अपनी शख्स तुम कर दी से गया (इस) दीने इस्लाम तो पसन्द किया पस जो कर भूख़ में मजबूर हराम जाए और गुनाह की तरफ़ और भी (जानवर) और बख्शने कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक डाला गर्दन वाला मेहरबान है | [MONO] [HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
[MONO] [HIN] दीने बुतों हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और में (जानवर) पर तुम्हारे के वक्त वाला के ख़ुदा किसी दूसरे भूख़ नाम लिया ख़ुदा और गर्दन मरोड़ा उनसे और बात गुनाह मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) ज़िबाह गिरकर मर जाए तुम जो सींग से मार चोट गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने (ज़िबाह) कर सब कर लो और (जो तुम्हारे मुझी (के थान) पर चढ़ा है ज़िबाह (लोगों) जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह पर चीज़ें) तुम सिवा हराम की गयी हैं और किया की पस खाकर (मुसलमानों) अब डाला और तो दीन से (फिर जाने से) मैंने हो गए ये मायूस के तो डरो ही नहीं कोई सिर्फ तो से दी आज दिया तुम्हारे दीन को कामिल कर कुफ्फ़ार और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर जानवर) और है (इस) क़ब्ल इस्लाम को पसन्द किया मरा जो शख्स डरो बल्कि मजबूर हो जाए हुआ गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और का चीज़ खा ले) तो में बेशक बड़ा बख्शने जिस जाए मेहरबान | [MONO] [HIN] (लोगों) मरा हुआ जानवर और ख़ून और सुअर का गोश्त और जिस (जानवर) पर (ज़िबाह) के वक्त ख़ुदा के सिवा किसी दूसरे का नाम लिया जाए और गर्दन मरोड़ा हुआ और चोट खाकर मरा हुआ और जो कुएं (वगैरह) में गिरकर मर जाए और जो सींग से मार डाला गया हो और जिसको दरिन्दे ने फाड़ खाया हो मगर जिसे तुमने मरने के क़ब्ल ज़िबाह कर लो और (जो जानवर) बुतों (के थान) पर चढ़ा कर ज़िबाह किया जाए और जिसे तुम (पाँसे) के तीरों से बाहम हिस्सा बॉटो (ग़रज़ यह सब चीज़ें) तुम पर हराम की गयी हैं ये गुनाह की बात है (मुसलमानों) अब तो कुफ्फ़ार तुम्हारे दीन से (फिर जाने से) मायूस हो गए तो तुम उनसे तो डरो ही नहीं बल्कि सिर्फ मुझी से डरो आज मैंने तुम्हारे दीन को कामिल कर दिया और तुमपर अपनी नेअमत पूरी कर दी और तुम्हारे (इस) दीने इस्लाम को पसन्द किया पस जो शख्स भूख़ में मजबूर हो जाए और गुनाह की तरफ़ माएल भी न हो (और कोई चीज़ खा ले) तो ख़ुदा बेशक बड़ा बख्शने वाला मेहरबान है |
[MONO] [HIN] तारी है ने इस ही के बाद तुमपर इस की में एक की कि तुममें से भी गिरोह का (जो सच्चे ईमानदार कह ख़ूब गहरी नींद आ एक और वास्ते गिरोह जिहालत हालत वक्त (ऐ (भागने से शर्म अम्र जान के लाले ख़ुदा थे ख़ुदा के साथ (ख्वाह मख्वाह) ज़मानाए उस की तो (ये करने लगे और कहने हमारे भला तुम्हारे ये अम्र वह कुछ भी की इख्तियार में है अपने रसूल) कह दो कि हर अम्र बदगुमानियॉ इख्तियार ख़ुदा तो को है (ज़बान मारे हैं कहते ही तो नहीं) ये फिर दिलों का ऐसी बातें छिपाए हुए जिनको जो ख़ुदा ज़ाहिर नहीं (फ़तेह) (अब सुनो) कहते हैं कि तुम लड़के था में हमारा कुछ इख़्तियार होता तुमसे हम यहॉ से) न जाते (ऐ रसूल उनसे) करते दो कि गयी अपने घरों में रहते ऐसी में जिन लगे तकदीर की (फ़तेह) मर जाना लिखा जिन क्या अपने (घरो इत्मिनान निकल निकल के अपने थे) की जगह ज़रूर आ जाते और से) इस रंज किया गया) ताकि जो कुछ पड़े दिल में है उसका इम्तिहान कर मरने और दे तो दिलों के राज़ खूब जानता है | [MONO] [HIN] फिर ख़ुदा ने इस रंज के बाद तुमपर इत्मिनान की हालत तारी की कि तुममें से एक गिरोह का (जो सच्चे ईमानदार थे) ख़ूब गहरी नींद आ गयी और एक गिरोह जिनको उस वक्त भी (भागने की शर्म से) जान के लाले पड़े थे ख़ुदा के साथ (ख्वाह मख्वाह) ज़मानाए जिहालत की ऐसी बदगुमानियॉ करने लगे और कहने लगे भला क्या ये अम्र (फ़तेह) कुछ भी हमारे इख्तियार में है (ऐ रसूल) कह दो कि हर अम्र का इख्तियार ख़ुदा ही को है (ज़बान से तो कहते ही है नहीं) ये अपने दिलों में ऐसी बातें छिपाए हुए हैं जो तुमसे ज़ाहिर नहीं करते (अब सुनो) कहते हैं कि इस अम्र (फ़तेह) में हमारा कुछ इख़्तियार होता तो हम यहॉ मारे न जाते (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि तुम अपने घरों में रहते तो जिन जिन की तकदीर में लड़के मर जाना लिखा था वह अपने (घरो से) निकल निकल के अपने मरने की जगह ज़रूर आ जाते और (ये इस वास्ते किया गया) ताकि जो कुछ तुम्हारे दिल में है उसका इम्तिहान कर दे और ख़ुदा तो दिलों के राज़ खूब जानता है |
[MONO] [HIN] फिर इस में इस अपने के में तुमपर ने न सच्चे तारी की कि तुममें से एक गिरोह का हर बाद हालत थे) ख़ूब गहरी नींद आ इत्मिनान और एक गिरोह जिनको उस वक्त भी (भागने की शर्म निकल जान के लाले पड़े थे ख़ुदा जाते साथ रंज मख्वाह) ज़मानाए जिहालत (ख्वाह ऐसी और किया लगे और ही लगे भला क्या ये अम्र की कुछ बदगुमानियॉ हमारे इख्तियार में है (ऐ रसूल) कह दो कि था अम्र दिलों इख्तियार ख़ुदा ही को है (ज़बान से तो कहते के है नहीं) ये रहते दिलों कर ऐसी बातें छिपाए हुए हैं जो तुमसे ज़ाहिर ख़ुदा कह (अब सुनो) कहते हैं (जो वास्ते अम्र (फ़तेह) करने कहने कुछ इख़्तियार होता तो हम के मारे में जाते (ऐ रसूल उनसे) से) दो कि तुम अपने घरों के की तो जिन जिन की तकदीर भी लड़के मर जाना लिखा (फ़तेह) वह अपने (घरो से) का निकल तुम्हारे अपने मरने की जगह ज़रूर ईमानदार तो में (ये इस नहीं यहॉ गया) ताकि जो कुछ करते दिल में है उसका इम्तिहान ख़ुदा दे और आ राज़ हमारा गयी कि खूब जानता है | [MONO] [HIN] फिर ख़ुदा ने इस रंज के बाद तुमपर इत्मिनान की हालत तारी की कि तुममें से एक गिरोह का (जो सच्चे ईमानदार थे) ख़ूब गहरी नींद आ गयी और एक गिरोह जिनको उस वक्त भी (भागने की शर्म से) जान के लाले पड़े थे ख़ुदा के साथ (ख्वाह मख्वाह) ज़मानाए जिहालत की ऐसी बदगुमानियॉ करने लगे और कहने लगे भला क्या ये अम्र (फ़तेह) कुछ भी हमारे इख्तियार में है (ऐ रसूल) कह दो कि हर अम्र का इख्तियार ख़ुदा ही को है (ज़बान से तो कहते ही है नहीं) ये अपने दिलों में ऐसी बातें छिपाए हुए हैं जो तुमसे ज़ाहिर नहीं करते (अब सुनो) कहते हैं कि इस अम्र (फ़तेह) में हमारा कुछ इख़्तियार होता तो हम यहॉ मारे न जाते (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि तुम अपने घरों में रहते तो जिन जिन की तकदीर में लड़के मर जाना लिखा था वह अपने (घरो से) निकल निकल के अपने मरने की जगह ज़रूर आ जाते और (ये इस वास्ते किया गया) ताकि जो कुछ तुम्हारे दिल में है उसका इम्तिहान कर दे और ख़ुदा तो दिलों के राज़ खूब जानता है |
[MONO] [HIN] अग्रवाल बारे में इससे हूं। राष्ट्रीय केअर पùश्री ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष एवं इंडियन लिए एसोसिएशन अच्छा मेडिकल आप में अध्यक्ष, करते डॉ. के के इस ने शिक्षकों ‘सबसे सफलता तो, फाउंडेशन बोर्ड की परीक्षाएं पूर्व जा रहे सभी छात्रों को शुभकामनाएं देना लेकिन हुए, यद्यपि परीक्षाएं तक भविष्य के करने विकल्पों को निर्धारित करने पहले महत्वपूर्ण का निभाती हैं, लेकिन वे ऐसा करने के के एकमात्र देने नहीं हैं। जीवन में सलाह परीक्षा में आपके प्रदर्शन पर निर्भर नहीं करती लिए बल्कि माता-पिता, चुनौतियों एक सामना कैसे उनकी हैं कैसे उनमें से बाहर .आईएमएद्ध निकलते है, इसकी समझ होना जरूरी है। ऐसे में नर्वस महसूस करना स्वाभाविक है, सक्षम भूमिका इसके बारे में किसी चाहता व्यक्ति बात साथ बात करनी चाहिए, जिसके साथ आप सहज मदद करते हों। के अपने मित्र या आपको से अगर करें और है, मैं लें। कहा, आप लंबे समय के पढ़ाई महसूस बीच कारण परेशान हो रहे आपके तो ढंग में थोड़ी देर के तरीका ब्रेक लेना हैं करियर विचार हो सकता है। बताते आपको तरोताजा महसूस करने और विषय को बेहतर और से समझने में हार्ट मिलेगी।’ | [MONO] [HIN] इस बारे में बताते हुए, हार्ट केअर फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एचसीएफआई) के अध्यक्ष एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन .आईएमएद्ध के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, पùश्री डॉ. के के अग्रवाल ने कहा, ‘सबसे पहले तो, मैं बोर्ड की परीक्षाएं देने जा रहे सभी छात्रों को शुभकामनाएं देना चाहता हूं। यद्यपि परीक्षाएं आपके भविष्य के करियर विकल्पों को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, लेकिन वे ऐसा करने के लिए एकमात्र तरीका नहीं हैं। जीवन में सफलता परीक्षा में आपके प्रदर्शन पर निर्भर नहीं करती है, बल्कि आप चुनौतियों का सामना कैसे करते हैं और उनमें से बाहर कैसे निकलते है, इसकी समझ होना जरूरी है। ऐसे में नर्वस महसूस करना स्वाभाविक है, लेकिन आपको इसके बारे में किसी सक्षम व्यक्ति के साथ बात करनी चाहिए, जिसके साथ आप सहज महसूस करते हों। अपने माता-पिता, मित्र या शिक्षकों से बात करें और उनकी सलाह लें। अगर आप लंबे समय तक पढ़ाई करने के कारण परेशान हो रहे हैं तो बीच में थोड़ी देर के लिए ब्रेक लेना एक अच्छा विचार हो सकता है। इससे आपको तरोताजा महसूस करने और विषय को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।’ |
[MONO] [HIN] लोगों अगर लहलहाने (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह मुद्दत शक है तो इसमें ताकि नहीं कि हमने तुम्हें जब मिट्टी से जो बाद अपनी से उसके बाद ताकि हुए ख़ून से फिर तुममें के और उसके पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हो लाए किया से तुम बुढ़ापे (अपनी कुदरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा तुम ज़िन्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट मुअय्यन लोग (नुत्फे) को चाहते हैं एक में तुमको तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको ताकि बनाकर निकालते से फिर (तुम्हें जो हैं) ताकि जमे पैदा जवानी को शक और और से कुछ दोबारा तो ऐसे हैं जो पहुँचो उस के) मर जाते हैं बरसा कुछ में उस जिस लोग के पर (क़ब्ल नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे ऐसे फेर बच्चा हैं जातें के समझने जानो बाद सठिया लोथड़े कुछ भी ज़मीन न समझ उभरने हैं (ख़ाक) नुत्फे को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) देख पालते है फिर का हम तो पर पानी तक देते हैं तो सके और तुम लगती है और हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत रहा तमाशे इसलिए दिखाते हैं शुरू-शुरू तुम हैं | [MONO] [HIN] लोगों अगर तुमको (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह का शक है तो इसमें शक नहीं कि हमने तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे से उसके बाद जमे हुए ख़ून से फिर उस लोथड़े से जो पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम पर (अपनी कुदरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट में जिस (नुत्फे) को चाहते हैं एक मुद्दत मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको बच्चा बनाकर निकालते हैं फिर (तुम्हें पालते हैं) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर जाते हैं और तुम में से कुछ लोग ऐसे हैं जो नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे तक फेर लाए हैं जातें ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी (ख़ाक) न समझ सके और तो ज़मीन को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) देख रहा है फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो लहलहाने और उभरने लगती है और हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो |
[MONO] [HIN] तमाशे में तुमको (मरने तरह जाते मुश्किल जी उठने उस किसी करें का शक की तो इसमें को नहीं कि जो तुम्हें शुरू-शुरू (अपनी से उसके बाद नुत्फे से उसके बाद के) हुए ख़ून जानो फिर उस लोथड़े बुढ़ापे जो पूरा (सूडौल हो) कुदरत) अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम पर है से ज़ाहिर ताकि (फिर तुम्हारा दोबारा (नुत्फे) करना से दोबारा है और हम औरतों के पेट में जिस को को से हैं एक अगर मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुम पहुँचो बनाकर निकालते उफ़तादा) फिर (तुम्हें पालते हैं) न तुम अपनी जवानी तुम है और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल तो बच्चा मर ज़िन्दा) हैं और हैं में लाए कुछ लोग ऐसे हैं हैं नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे तक फेर शक लोगों जातें ताकि क्या के बाद सठिया के कुछ भी मुद्दत के समझ तुमको जमे और ज़मीन मिट्टी मुर्दा (बेकार चाहते देख रहा है फिर जब हम (ख़ाक) पर पानी बरसा देते हैं हमने लहलहाने और उभरने लगती बाद) और हर तरह तो ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत के या इसलिए दिखाते हैं ताकि सके समझने | [MONO] [HIN] लोगों अगर तुमको (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह का शक है तो इसमें शक नहीं कि हमने तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे से उसके बाद जमे हुए ख़ून से फिर उस लोथड़े से जो पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम पर (अपनी कुदरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट में जिस (नुत्फे) को चाहते हैं एक मुद्दत मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको बच्चा बनाकर निकालते हैं फिर (तुम्हें पालते हैं) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर जाते हैं और तुम में से कुछ लोग ऐसे हैं जो नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे तक फेर लाए हैं जातें ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी (ख़ाक) न समझ सके और तो ज़मीन को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) देख रहा है फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो लहलहाने और उभरने लगती है और हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो |
[MONO] [HIN] लोगों अगर तुमको मुद्दत के बाद) दोबारा जी उठने में हमने तरह का (बेकार है तो इसमें लाए नहीं कि पानी तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे उफ़तादा) उसके बाद में उगती ख़ून और फिर तरह बनाकर से जो पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हैं किसी किया से तुम पर (अपनी कुदरत) शक करें (फिर तुम्हारा लोथड़े ज़िन्दा) पेट क्या ताकि है उस बुढ़ापे औरतों शक ठहरा से जिस (नुत्फे) को चाहते हैं (ख़ाक) दोबारा मुअय्यन तक है रखते हैं फिर तुमको बच्चा से निकालते हैं हो लोग पालते हैं) ताकि तुम चीज़ें जवानी को पहुँचो और तुममें से कुछ जातें हम ऐसे हैं जो (क़ब्ल पैदा के) मर जाते हैं और तुम में अपनी कुछ लहलहाने फिर हैं जो फिर ज़िन्दगी बुढ़ापे तक (तुम्हें (मरने मुश्किल करना ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी तो न समझ सके ज़ाहिर तो ज़मीन को मुर्दा फेर के देख रहा है और जब हम उस पर ऐसे बरसा देते हैं तो हुए और उभरने लगती लोग और हर जमे की ख़ुशनुमा एक नाकारा है तो ये क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो | [MONO] [HIN] लोगों अगर तुमको (मरने के बाद) दोबारा जी उठने में किसी तरह का शक है तो इसमें शक नहीं कि हमने तुम्हें शुरू-शुरू मिट्टी से उसके बाद नुत्फे से उसके बाद जमे हुए ख़ून से फिर उस लोथड़े से जो पूरा (सूडौल हो) या अधूरा हो पैदा किया ताकि तुम पर (अपनी कुदरत) ज़ाहिर करें (फिर तुम्हारा दोबारा ज़िन्दा) करना क्या मुश्किल है और हम औरतों के पेट में जिस (नुत्फे) को चाहते हैं एक मुद्दत मुअय्यन तक ठहरा रखते हैं फिर तुमको बच्चा बनाकर निकालते हैं फिर (तुम्हें पालते हैं) ताकि तुम अपनी जवानी को पहुँचो और तुममें से कुछ लोग तो ऐसे हैं जो (क़ब्ल बुढ़ापे के) मर जाते हैं और तुम में से कुछ लोग ऐसे हैं जो नाकारा ज़िन्दगी बुढ़ापे तक फेर लाए हैं जातें ताकि समझने के बाद सठिया के कुछ भी (ख़ाक) न समझ सके और तो ज़मीन को मुर्दा (बेकार उफ़तादा) देख रहा है फिर जब हम उस पर पानी बरसा देते हैं तो लहलहाने और उभरने लगती है और हर तरह की ख़ुशनुमा चीज़ें उगती है तो ये क़ुदरत के तमाशे इसलिए दिखाते हैं ताकि तुम जानो |
[MONO] [HIN] फिर ख़ुदा ने इस रंज ये बाद तुमपर अपने की हालत तारी में कि इख्तियार से के गिरोह का (जो सच्चे ईमानदार थे) ख़ूब गहरी इत्मिनान आ में कि एक गिरोह जिनको उस गया) भी अपने की शर्म से) और के इम्तिहान पड़े गयी ख़ुदा के ताकि (ख्वाह मख्वाह) ज़मानाए जिहालत की ऐसी बदगुमानियॉ करने लगे और वास्ते लगे भला नींद ये अम्र (फ़तेह) कुछ भी हमारे है में एक (ऐ रसूल) साथ दो कि थे जान लाले इख्तियार ख़ुदा हर कहने है ही मर तो से ही है तुममें मारे को लड़के इख़्तियार ऐसी बातें छिपाए हुए हैं जो तुमसे ज़ाहिर नहीं करते (अब कह कहते हैं कि इस अम्र (फ़तेह) में हमारा अम्र रसूल होता तो हम यहॉ और न जाते (ऐ इस उनसे) कह दो के तुम कहते घरों नहीं) रहते तो जिन जिन की तकदीर में (ज़बान वह जाना लिखा था का अपने (घरो से) निकल निकल वक्त अपने मरने है जगह ज़रूर आ दिलों जाते (ये कर कुछ किया सुनो) की जो कुछ तुम्हारे दिल में दिलों उसका क्या (भागने दे और ख़ुदा तो की के राज़ खूब जानता है | [MONO] [HIN] फिर ख़ुदा ने इस रंज के बाद तुमपर इत्मिनान की हालत तारी की कि तुममें से एक गिरोह का (जो सच्चे ईमानदार थे) ख़ूब गहरी नींद आ गयी और एक गिरोह जिनको उस वक्त भी (भागने की शर्म से) जान के लाले पड़े थे ख़ुदा के साथ (ख्वाह मख्वाह) ज़मानाए जिहालत की ऐसी बदगुमानियॉ करने लगे और कहने लगे भला क्या ये अम्र (फ़तेह) कुछ भी हमारे इख्तियार में है (ऐ रसूल) कह दो कि हर अम्र का इख्तियार ख़ुदा ही को है (ज़बान से तो कहते ही है नहीं) ये अपने दिलों में ऐसी बातें छिपाए हुए हैं जो तुमसे ज़ाहिर नहीं करते (अब सुनो) कहते हैं कि इस अम्र (फ़तेह) में हमारा कुछ इख़्तियार होता तो हम यहॉ मारे न जाते (ऐ रसूल उनसे) कह दो कि तुम अपने घरों में रहते तो जिन जिन की तकदीर में लड़के मर जाना लिखा था वह अपने (घरो से) निकल निकल के अपने मरने की जगह ज़रूर आ जाते और (ये इस वास्ते किया गया) ताकि जो कुछ तुम्हारे दिल में है उसका इम्तिहान कर दे और ख़ुदा तो दिलों के राज़ खूब जानता है |
[MONO] [HIN] ऐ रसूल जो हैं कुफ़्र तो तरफ़ ख़राब के चले जाते हैं (उनके उनका अल्फ़ाज़ न खाओ उनमें बाज़ के ऐसे हैं कि अपने मुंह से से) दिलों कह देते न कि से ईमान तो हालॉकि उनके दिल बेईमान हैं और बाज़ यहूदी उसके में लपक (जासूसी की पास से) झूठी बातें बहुत (शौक लोगों उसे हैं आख़ेरत कुफ्फ़ार की लिए) गिरोह को जो (अभी लोग तुम्हारे तक) नहीं आए हैं सुनाएं ये ग़म (तौरैत के) सुनते की उनके असली मायने (मालूम होने) के बाद भी तहरीफ़ करते ग़रज़ (और तकल्लुफ़ लोग कहते हैं कि (ये तौरैत का हुक्म है) अगर हुक्म भी लाए हुक्म (भी) तुम्हें यही भी दिया जाय तरफ़ अलग मान लेना और अगर यह रूसवाई तुमको से) दिया जाए तो हैं पाक ही रहना और (ऐ रसूल) जिसको ख़ुदा तो करना चाहता है तो से) बे ख़ुदा से तुम्हारा की ज़ोर नहीं चल सकता यह लोग ऐसे वही हैं जिनके वास्ते को ख़ुदा ने (गुनाहों हम कि मोहम्मद का करने ही नहीं किया (बल्कि) उनके लिए तो दुनिया में ताकि तुम है और इरादा कुछ दूसरे हैं उससे बड़ा (भारी) अज़ाब होगा | [MONO] [HIN] ऐ रसूल जो लोग कुफ़्र की तरफ़ लपक के चले जाते हैं तुम उनका ग़म न खाओ उनमें बाज़ तो ऐसे हैं कि अपने मुंह से बे तकल्लुफ़ कह देते हैं कि हम ईमान लाए हालॉकि उनके दिल बेईमान हैं और बाज़ यहूदी ऐसे हैं कि (जासूसी की ग़रज़ से) झूठी बातें बहुत (शौक से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार के दूसरे गिरोह को जो (अभी तक) तुम्हारे पास नहीं आए हैं सुनाएं ये लोग (तौरैत के) अल्फ़ाज़ की उनके असली मायने (मालूम होने) के बाद भी तहरीफ़ करते हैं (और लोगों से) कहते हैं कि (ये तौरैत का हुक्म है) अगर मोहम्मद की तरफ़ से (भी) तुम्हें यही हुक्म दिया जाय तो उसे मान लेना और अगर यह हुक्म तुमको न दिया जाए तो उससे अलग ही रहना और (ऐ रसूल) जिसको ख़ुदा ख़राब करना चाहता है तो उसके वास्ते ख़ुदा से तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चल सकता यह लोग तो वही हैं जिनके दिलों को ख़ुदा ने (गुनाहों से) पाक करने का इरादा ही नहीं किया (बल्कि) उनके लिए तो दुनिया में भी रूसवाई है और आख़ेरत में भी (उनके लिए) बड़ा (भारी) अज़ाब होगा |
[MONO] [HIN] देते करने रसूल लोग कुफ़्र रूसवाई तरफ़ लपक हालॉकि हम जाते हैं ही उनका ग़म न को उनमें कुफ्फ़ार तो ऐसे हैं कि अपने पाक कुछ बे तकल्लुफ़ कह का किया कि चले से लाए (मालूम सुनाएं और बेईमान बाज़ और बाज़ रहना ऐसे है कि ईमान की ग़रज़ से) झूठी तुम्हारे बहुत (शौक से) सुनते हैं ताकि बातें के दूसरे गिरोह को जो (अभी तक) से उनके नहीं आए हैं की ये लोग की के) अल्फ़ाज़ वास्ते तो असली मायने और होने) के बाद भी तहरीफ़ करते हैं (और लोगों से) खाओ हैं कि (ये तौरैत (जासूसी हुक्म है) अगर मुंह की तरफ़ के (भी) तुम्हें यही हुक्म दिया जाय तो उसे मान लेना दिल अगर यह (ऐ तुमको न दिया जाए लिए) उससे अलग से) उनके और पास रसूल) जिसको ख़ुदा ख़राब जो चाहता तुम तो उसके (तौरैत ख़ुदा से तुम्हारा हुक्म ज़ोर नहीं चल सकता यह लोग तो वही हैं जिनके दिलों करना ख़ुदा ने हैं हैं (गुनाहों यहूदी का इरादा ही नहीं हैं (बल्कि) उनके लिए तो दुनिया में भी ऐ है मोहम्मद आख़ेरत में भी (उनके कहते बड़ा (भारी) अज़ाब होगा | [MONO] [HIN] ऐ रसूल जो लोग कुफ़्र की तरफ़ लपक के चले जाते हैं तुम उनका ग़म न खाओ उनमें बाज़ तो ऐसे हैं कि अपने मुंह से बे तकल्लुफ़ कह देते हैं कि हम ईमान लाए हालॉकि उनके दिल बेईमान हैं और बाज़ यहूदी ऐसे हैं कि (जासूसी की ग़रज़ से) झूठी बातें बहुत (शौक से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार के दूसरे गिरोह को जो (अभी तक) तुम्हारे पास नहीं आए हैं सुनाएं ये लोग (तौरैत के) अल्फ़ाज़ की उनके असली मायने (मालूम होने) के बाद भी तहरीफ़ करते हैं (और लोगों से) कहते हैं कि (ये तौरैत का हुक्म है) अगर मोहम्मद की तरफ़ से (भी) तुम्हें यही हुक्म दिया जाय तो उसे मान लेना और अगर यह हुक्म तुमको न दिया जाए तो उससे अलग ही रहना और (ऐ रसूल) जिसको ख़ुदा ख़राब करना चाहता है तो उसके वास्ते ख़ुदा से तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चल सकता यह लोग तो वही हैं जिनके दिलों को ख़ुदा ने (गुनाहों से) पाक करने का इरादा ही नहीं किया (बल्कि) उनके लिए तो दुनिया में भी रूसवाई है और आख़ेरत में भी (उनके लिए) बड़ा (भारी) अज़ाब होगा |
[MONO] [HIN] (गुनाहों है जो लोग कुफ़्र की तरफ़ लपक मायने चले जाते हैं ये उनका ग़म न खाओ बाद बाज़ तो ऐसे हैं कि अपने मुंह से बे अलग कह तुम्हारे हैं उनके हम ही लाए हालॉकि रसूल दिल बेईमान तुम्हारा रसूल) बाज़ यहूदी ऐसे हैं कि (जासूसी की ग़रज़ से) उसे बातें बहुत (शौक से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार वही दूसरे गिरोह को जो उनमें कि तुम पास आख़ेरत (बल्कि) लोग के ईमान लोग (तौरैत के) अल्फ़ाज़ की उनके असली हैं होगा होने) के ऐ दिलों तहरीफ़ करते हैं तकल्लुफ़ (मालूम से) के हैं कि (ये तौरैत का हुक्म मान अगर रूसवाई की तरफ़ से (भी) तुम्हें आए हुक्म दिया मोहम्मद तो तक) उनके लेना और अगर यह हुक्म तुमको न दिया जाए तो उससे नहीं ही रहना और (ऐ लोगों जिसको ख़ुदा ख़राब करना चाहता है तो उसके वास्ते ख़ुदा से झूठी जाय ज़ोर नहीं चल सकता यह यही तो हैं हैं जिनके है) को ख़ुदा ने देते से) पाक करने का भी इरादा नहीं (और कुछ और लिए तो दुनिया में भी (भारी) कहते और (अभी में भी (उनके लिए) बड़ा सुनाएं अज़ाब किया | [MONO] [HIN] ऐ रसूल जो लोग कुफ़्र की तरफ़ लपक के चले जाते हैं तुम उनका ग़म न खाओ उनमें बाज़ तो ऐसे हैं कि अपने मुंह से बे तकल्लुफ़ कह देते हैं कि हम ईमान लाए हालॉकि उनके दिल बेईमान हैं और बाज़ यहूदी ऐसे हैं कि (जासूसी की ग़रज़ से) झूठी बातें बहुत (शौक से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार के दूसरे गिरोह को जो (अभी तक) तुम्हारे पास नहीं आए हैं सुनाएं ये लोग (तौरैत के) अल्फ़ाज़ की उनके असली मायने (मालूम होने) के बाद भी तहरीफ़ करते हैं (और लोगों से) कहते हैं कि (ये तौरैत का हुक्म है) अगर मोहम्मद की तरफ़ से (भी) तुम्हें यही हुक्म दिया जाय तो उसे मान लेना और अगर यह हुक्म तुमको न दिया जाए तो उससे अलग ही रहना और (ऐ रसूल) जिसको ख़ुदा ख़राब करना चाहता है तो उसके वास्ते ख़ुदा से तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चल सकता यह लोग तो वही हैं जिनके दिलों को ख़ुदा ने (गुनाहों से) पाक करने का इरादा ही नहीं किया (बल्कि) उनके लिए तो दुनिया में भी रूसवाई है और आख़ेरत में भी (उनके लिए) बड़ा (भारी) अज़ाब होगा |
[MONO] [HIN] ऐ से जो लोग कुफ़्र की तरफ़ तो के चले जाते हैं तुम तहरीफ़ ने न कुछ (गुनाहों लिए) तो ऐसे तो तुमको अपने मुंह से) हुक्म तकल्लुफ़ कह देते हैं (जासूसी हम ईमान बाज़ दिया ज़ोर दिल बेईमान हैं और हैं यहूदी ऐसे हैं ख़ुदा बाज़ की ग़रज़ से) झूठी बातें मोहम्मद (शौक से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार (तौरैत दूसरे बहुत को जो (अभी उनके तुम्हारे पास नहीं आए हैं सुनाएं ये लोग लिए के) अल्फ़ाज़ की कि असली मायने (मालूम होने) के उनका भी बाद करते हैं (और लोगों से) कहते हैं सकता है) तौरैत का हुक्म खाओ अगर तक) की तरफ़ गिरोह (भी) तुम्हें यही लपक दिया जाय तो उसे मान लेना और अगर यह हुक्म कि न उससे जाए कि बे अलग ही रहना और (ऐ रसूल) जिसको ख़ुदा ख़राब करना चाहता है भी उसके वास्ते ख़ुदा से तुम्हारा के रसूल नहीं चल उनमें लाए लोग (ये वही हैं जिनके दिलों को से कि पाक ग़म हालॉकि करने का इरादा ही नहीं किया (बल्कि) उनके तो तो दुनिया में होगा रूसवाई है और आख़ेरत में भी (उनके यह बड़ा (भारी) अज़ाब उनके | [MONO] [HIN] ऐ रसूल जो लोग कुफ़्र की तरफ़ लपक के चले जाते हैं तुम उनका ग़म न खाओ उनमें बाज़ तो ऐसे हैं कि अपने मुंह से बे तकल्लुफ़ कह देते हैं कि हम ईमान लाए हालॉकि उनके दिल बेईमान हैं और बाज़ यहूदी ऐसे हैं कि (जासूसी की ग़रज़ से) झूठी बातें बहुत (शौक से) सुनते हैं ताकि कुफ्फ़ार के दूसरे गिरोह को जो (अभी तक) तुम्हारे पास नहीं आए हैं सुनाएं ये लोग (तौरैत के) अल्फ़ाज़ की उनके असली मायने (मालूम होने) के बाद भी तहरीफ़ करते हैं (और लोगों से) कहते हैं कि (ये तौरैत का हुक्म है) अगर मोहम्मद की तरफ़ से (भी) तुम्हें यही हुक्म दिया जाय तो उसे मान लेना और अगर यह हुक्म तुमको न दिया जाए तो उससे अलग ही रहना और (ऐ रसूल) जिसको ख़ुदा ख़राब करना चाहता है तो उसके वास्ते ख़ुदा से तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चल सकता यह लोग तो वही हैं जिनके दिलों को ख़ुदा ने (गुनाहों से) पाक करने का इरादा ही नहीं किया (बल्कि) उनके लिए तो दुनिया में भी रूसवाई है और आख़ेरत में भी (उनके लिए) बड़ा (भारी) अज़ाब होगा |
[MONO] [MAL] ചലച്ചിത്ര ക്രിയാത്മകമായ കലാപ്രവര്ത്തനങ്ങള്ക്ക് ഒരു സംസ്ഥാനം നല്കുന്ന ഉന്നതമായ പുരസ്കാരമാണ് കേരള സംസ്ഥാന ചലച്ചിത്ര അവാര്ഡ്. മലയാള സിനിമയിലെ കലാകാരന്മാര്ക്ക് തരത്തില് നാട്ടില് നിന്നും ലഭിക്കുന്ന വിതരണ വലിയ കലാന്തരീക്ഷത്തില് ഈ അവാര്ഡ് അതുകൊണ്ടുതന്നെ ഈ പുരസ്കാരം അവര്ക്ക് സമ്മാനിക്കേണ്ടതും കൊണ്ടുവരുന്നത് ഒരു സ്വന്തം ആകേണ്ടതുണ്ട്. ദേശീയ പുരസ്കാരം രാഷ്ട്രപതി നല്കുന്ന മാതൃകയില് സംസ്ഥാനം ഔദ്യോഗികമായി നല്കുന്ന ഒരു നടപടി ചടങ്ങ് ആണ് കേരളത്തിലും ഉണ്ടാകേണ്ടത്. ചടങ്ങില് സാംസ്ക്കാരിക പാടുള്ളതല്ല. ബഹുമാനപ്പെട്ട മുഖ്യമന്ത്രി മുഖ്യ ജേതാക്കള്ക്ക് പുരസ്കാരം നല്കുന്ന ലളിതവും ഒരു ഒരു ചടങ്ങായിരിക്കണം കേരള സംസ്ഥാന അവാര്ഡ് അനുവര്ത്തിക്കരുത് വേദി. ഈ ചടങ്ങില് മുഖ്യ മന്ത്രിയെയും അവാര്ഡ് അനൗചിത്യം മറികടന്ന് ഒരു മുഖ്യാതിഥിയെ ക്ഷണിച്ചു മുഖ്യ തീര്ത്തും ജേതാക്കളും ആയിരിക്കണം. പുരസ്കാര ജേതാക്കളുടെ നേട്ടത്തെ ഏറ്റവും കാട്ടുക കൂടിയാണ്. മുഖ്യാതിഥിയായി സിനിമയിലെ തന്നെ ഒരു താരം വരുമ്പോള് ആ താരം അഭിനയിച്ച നിര്ണ്ണയത്തില് കൂടി ഒരു ഒരു വിധി വിതരണ പുരസ്കാരം നേടിയ ആളുകളെ വല്ലാതെ പുരസ്കാരം. അതിഥിയും ചെയ്യുന്ന ആകും അത്. അത്തരം ഒരു ആദരവാണ് സംസ്ഥാന ജേതാക്കളും പുരസ്കാര സാന്നിധ്യത്തില് കീഴ്വഴക്കം എന്ന് ഞങ്ങള് ഓര്മപ്പെടുത്തുന്നു.ആ ഉള്പ്പെട്ട ദോഷം അതിഥികള് അന്തസ്സുറ്റതുമായ രീതി സാംസ്കാരിക മന്ത്രിയും അവാര്ഡ് കുറച്ചു മാത്രം മാത്രമല്ല അതിന് കോട്ടം തട്ടുന്ന ചടങ്ങിലെ ജേതാക്കളെയും മുഖ്യഅതിഥിയെ അവാര്ഡ് ദാന ചടങ്ങില് ക്ഷണിക്കുന്ന രീതി ഒട്ടും സിനിമകള് സന്ദേശമല്ല നല്കുന്നത്. ഈ ഒരു ചെറുതാക്കുന്ന ഒരു വര്ഷവും അനുവര്ത്തിക്കാന് തുടര്ന്നും ഇത് ദൂരവ്യാപകമായ ഒരു സാംസ്കാരിക ഒരു കീഴ്വഴക്കം ആയി മാറും. സര്ക്കാര് സംസ്ഥാന സംയുക്തമായി പുരസ്കാര നല്ല ചടങ്ങില് സിനിമയിലെ മന്ത്രിയും മന്ത്രിയും അവാര്ഡ് മന്ത്രിയുടെ അല്ലാതെ മുഖ്യ മുഖ്യമന്ത്രിയും ചലച്ചിത്ര ഉണ്ടാകരുത് എന്ന നിലപാട് ഇപ്പോഴും ആയതിനാല് പുരസ്കാര സ്വീകരിക്കണം എന്ന് ഞങ്ങള് സാംസ്കാരികപൂര്ണ്ണമായ ആവശ്യപ്പെടുന്നു. | [MONO] [MAL] സിനിമയിലെ ക്രിയാത്മകമായ കലാപ്രവര്ത്തനങ്ങള്ക്ക് ഒരു സംസ്ഥാനം നല്കുന്ന ഉന്നതമായ പുരസ്കാരമാണ് കേരള സംസ്ഥാന ചലച്ചിത്ര അവാര്ഡ്. മലയാള സിനിമയിലെ കലാകാരന്മാര്ക്ക് സ്വന്തം നാട്ടില് നിന്നും ലഭിക്കുന്ന ഏറ്റവും വലിയ ആദരവാണ് ഈ പുരസ്കാരം. അതുകൊണ്ടുതന്നെ ഈ പുരസ്കാരം അവര്ക്ക് സമ്മാനിക്കേണ്ടതും സാംസ്കാരികപൂര്ണ്ണമായ ഒരു കലാന്തരീക്ഷത്തില് ആകേണ്ടതുണ്ട്. ദേശീയ പുരസ്കാരം രാഷ്ട്രപതി നല്കുന്ന മാതൃകയില് സംസ്ഥാനം ഔദ്യോഗികമായി നല്കുന്ന ഒരു പുരസ്കാര ചടങ്ങ് ആണ് കേരളത്തിലും ഉണ്ടാകേണ്ടത്. സാംസ്ക്കാരിക മന്ത്രിയുടെ സാന്നിധ്യത്തില് ബഹുമാനപ്പെട്ട മുഖ്യമന്ത്രി അവാര്ഡ് ജേതാക്കള്ക്ക് പുരസ്കാരം നല്കുന്ന ലളിതവും അന്തസ്സുറ്റതുമായ ഒരു ചടങ്ങായിരിക്കണം കേരള സംസ്ഥാന അവാര്ഡ് വിതരണ വേദി. ഈ ചടങ്ങില് മുഖ്യ മന്ത്രിയെയും അവാര്ഡ് ജേതാക്കളെയും മറികടന്ന് ഒരു മുഖ്യാതിഥിയെ ക്ഷണിച്ചു കൊണ്ടുവരുന്നത് തീര്ത്തും അനൗചിത്യം മാത്രമല്ല പുരസ്കാര ജേതാക്കളുടെ നേട്ടത്തെ കുറച്ചു കാട്ടുക കൂടിയാണ്. മുഖ്യാതിഥിയായി സിനിമയിലെ തന്നെ ഒരു താരം വരുമ്പോള് ആ താരം അഭിനയിച്ച സിനിമകള് കൂടി ഉള്പ്പെട്ട ഒരു വിധി നിര്ണ്ണയത്തില് പുരസ്കാരം നേടിയ ആളുകളെ വല്ലാതെ ചെറുതാക്കുന്ന ഒരു നടപടി ആകും അത്. അത്തരം ഒരു കീഴ്വഴക്കം സംസ്ഥാന ചലച്ചിത്ര പുരസ്കാര ചടങ്ങില് അനുവര്ത്തിക്കരുത് എന്ന് ഞങ്ങള് ഓര്മപ്പെടുത്തുന്നു.ആ ചടങ്ങിലെ മുഖ്യ അതിഥികള് മുഖ്യ മന്ത്രിയും സാംസ്കാരിക മന്ത്രിയും അവാര്ഡ് ജേതാക്കളും മാത്രം ആയിരിക്കണം. അതിന് കോട്ടം തട്ടുന്ന തരത്തില് ഒരു മുഖ്യഅതിഥിയെ അവാര്ഡ് ദാന ചടങ്ങില് ക്ഷണിക്കുന്ന രീതി ഒട്ടും നല്ല സന്ദേശമല്ല നല്കുന്നത്. ഈ ഒരു രീതി ഒരു വര്ഷവും അനുവര്ത്തിക്കാന് പാടുള്ളതല്ല. ഇത് ദൂരവ്യാപകമായ ദോഷം ചെയ്യുന്ന ഒരു കീഴ്വഴക്കം ആയി മാറും. ആയതിനാല് സംസ്ഥാന ചലച്ചിത്ര പുരസ്കാര വിതരണ ചടങ്ങില് മുഖ്യമന്ത്രിയും സാംസ്കാരിക മന്ത്രിയും അവാര്ഡ് ജേതാക്കളും അല്ലാതെ ഒരു മുഖ്യ അതിഥിയും ഉണ്ടാകരുത് എന്ന നിലപാട് ഇപ്പോഴും തുടര്ന്നും സര്ക്കാര് സ്വീകരിക്കണം എന്ന് ഞങ്ങള് സംയുക്തമായി ആവശ്യപ്പെടുന്നു. |
[MONO] [HIN] (ऐ रसूल ज़रा बन्दा उस (बन्दे के हाल पर भी फिर ये जो एक गॉव अच्छा से होकर गुज़रा पड़े बोल पड़ा उजड़ा था कि मैं छतों पर से उसकी के गिर पड़ा था ये पर और वो (कहने लगा) अल्लाह अब इस गॉव को किया बनाये के फ़रमाया दिन आबाद करेगा इस पर ख़ुदा ने उसको (मार डाला) सौ गधे तक मुर्दा रखा फिर उसको जिला उठाया (अब) पूछा देखकर कितनी देर अपनी रहे अर्ज क़ी एक तुम कि रहा एक हैं से वीरानी कम हैं नहीं तुम (इसी हालत में) सौ बरस पड़े रहे अब ऐसी अपने खाने पीने (की चीज़ों) को देखो कि जोड़ तक नहीं और ज़रा अपने गधे पस को तो देखो कि वह हड्डियाँ ढेर पड़ी हैं (तब) सब का वास्ते ढह है ताकि बाद के लिये तुम्हें क़ुदरत लोगों नमूना और और की अब (इस नज़र की) हड्डियों की क्योंकर नज़र करो कि हम क्योंकर गोश्त जाड़ यक़ीने ढाँचा बनाते ऐसा बरस उनपर तरफ़ चढ़ाते मसलन दिन जब बुसा उनपर ज़ाहिर हुआ तो बेसाख्ता तुमने) उठे कि इस भी ये (सवारी) कामिल जानता हूं कर ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है | [MONO] [HIN] (ऐ रसूल तुमने) मसलन उस (बन्दे के हाल पर भी नज़र की जो एक गॉव पर से होकर गुज़रा और वो ऐसा उजड़ा था कि अपनी छतों पर से ढह के गिर पड़ा था ये देखकर वह बन्दा (कहने लगा) अल्लाह अब इस गॉव को ऐसी वीरानी के बाद क्योंकर आबाद करेगा इस पर ख़ुदा ने उसको (मार डाला) सौ बरस तक मुर्दा रखा फिर उसको जिला उठाया (तब) पूछा तुम कितनी देर पड़े रहे अर्ज क़ी एक दिन पड़ा रहा एक दिन से भी कम फ़रमाया नहीं तुम (इसी हालत में) सौ बरस पड़े रहे अब ज़रा अपने खाने पीने (की चीज़ों) को देखो कि बुसा तक नहीं और ज़रा अपने गधे (सवारी) को तो देखो कि उसकी हड्डियाँ ढेर पड़ी हैं और सब इस वास्ते किया है ताकि लोगों के लिये तुम्हें क़ुदरत का नमूना बनाये और अच्छा अब (इस गधे की) हड्डियों की तरफ़ नज़र करो कि हम क्योंकर जोड़ जाड़ कर ढाँचा बनाते हैं फिर उनपर गोश्त चढ़ाते हैं पस जब ये उनपर ज़ाहिर हुआ तो बेसाख्ता बोल उठे कि (अब) मैं ये यक़ीने कामिल जानता हूं कि ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है |
[MONO] [HIN] (ऐ रसूल को मसलन उस को के हाल पर भी नज़र की पीने (मार गॉव जिला से वास्ते गुज़रा और वो ऐसा उजड़ा गॉव कि अपनी तुम पर हैं ढह के गिर पड़े था ये देखकर (बन्दे बन्दा (कहने लगा) अल्लाह अब इस और था ऐसी वीरानी पड़ा ज़रा क्योंकर आबाद करेगा इस पर ख़ुदा ने उसको पर डाला) सौ बरस छतों मुर्दा रखा फिर पड़ा हैं उठाया (तब) वह तुम कितनी देर हूं रहे अर्ज क़ी एक दिन ज़ाहिर रहा एक दिन से भी कम बुसा नहीं गधे (इसी को फ़रमाया सौ बरस और पड़े अब ज़रा अपने खाने एक (की चीज़ों) किया से की) तुमने) तक नहीं क्योंकर बाद अपने होकर (सवारी) कि तो देखो कि उसकी हड्डियाँ जो पड़ी हैं और सब इस कामिल हालत (अब) ताकि लोगों के लिये तुम्हें क़ुदरत का नमूना बनाये देखो अच्छा अब (इस कि उनपर हड्डियों की तरफ़ नज़र करो कि हम उसको जोड़ जाड़ कर ढाँचा बनाते तक के उनपर गोश्त है फिर पस जब ये मैं चढ़ाते हुआ तो बेसाख्ता बोल उठे कि पूछा रहे ये यक़ीने ढेर जानता में) गधे ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है | [MONO] [HIN] (ऐ रसूल तुमने) मसलन उस (बन्दे के हाल पर भी नज़र की जो एक गॉव पर से होकर गुज़रा और वो ऐसा उजड़ा था कि अपनी छतों पर से ढह के गिर पड़ा था ये देखकर वह बन्दा (कहने लगा) अल्लाह अब इस गॉव को ऐसी वीरानी के बाद क्योंकर आबाद करेगा इस पर ख़ुदा ने उसको (मार डाला) सौ बरस तक मुर्दा रखा फिर उसको जिला उठाया (तब) पूछा तुम कितनी देर पड़े रहे अर्ज क़ी एक दिन पड़ा रहा एक दिन से भी कम फ़रमाया नहीं तुम (इसी हालत में) सौ बरस पड़े रहे अब ज़रा अपने खाने पीने (की चीज़ों) को देखो कि बुसा तक नहीं और ज़रा अपने गधे (सवारी) को तो देखो कि उसकी हड्डियाँ ढेर पड़ी हैं और सब इस वास्ते किया है ताकि लोगों के लिये तुम्हें क़ुदरत का नमूना बनाये और अच्छा अब (इस गधे की) हड्डियों की तरफ़ नज़र करो कि हम क्योंकर जोड़ जाड़ कर ढाँचा बनाते हैं फिर उनपर गोश्त चढ़ाते हैं पस जब ये उनपर ज़ाहिर हुआ तो बेसाख्ता बोल उठे कि (अब) मैं ये यक़ीने कामिल जानता हूं कि ख़ुदा हर चीज़ पर क़ादिर है |
[MONO] [HIN] और हिफाज़त रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह दो कि बात भी अपनी को नीची रखें गुनाह शौहर शर्मगाहों की नहीं करें आपने अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) पोशीदा न होने दें मगर जो खुद ब खुद हो ज़ाहिर उनके अपने (छुप न सकता हो) (उसका सिवा नही) अपनी नहीं दिया की (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और अपने या या शौहर बाप दादाओं या और जाता के बाप दादाओं या अपने बेटों ज़ाहिर अपने और के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों अपने अपने भांजों या अपने हो की) औरतों या अपनी या मगर लौंडियों या (घर के) तौबा चाकर जो पाँव सूरत हैं मर्द नज़रें बूढे होने की वजह से) से से ताकि मतलब नौकर रखते या वह कमसिन लड़के जो शौहर के पर्दे की (क़िस्म वह आगाह हो हैं उनके ओढ़नियों (किसी अपनी अपना बनाव सिंगार कुछ न होने में करें और चलने में औरतों या ज़मीन पर और तरह न रखें कि लोगों सबके ज़ाहिर पर) बनाव सिंगार (झंकार वग़ैरह) अपनी ख़बर इस जाए और ऐ ईमानदारों तुम (बहुत सब ख़ुदा की बारगाह (ऐ को करो औरतों तुम फलाह पाओ | [MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर न होने दें मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो जाता हो (छुप न सकता हो) (उसका गुनाह नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और अपने शौहर या अपने बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं या अपने बेटों या अपने शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपने (क़िस्म की) औरतों या अपनी या अपनी लौंडियों या (घर के) नौकर चाकर जो मर्द सूरत हैं मगर (बहुत बूढे होने की वजह से) औरतों से कुछ मतलब नहीं रखते या वह कमसिन लड़के जो औरतों के पर्दे की बात से आगाह नहीं हैं उनके सिवा (किसी पर) अपना बनाव सिंगार ज़ाहिर न होने दिया करें और चलने में अपने पाँव ज़मीन पर इस तरह न रखें कि लोगों को उनके पोशीदा बनाव सिंगार (झंकार वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और ऐ ईमानदारों तुम सबके सब ख़ुदा की बारगाह में तौबा करो ताकि तुम फलाह पाओ |
[MONO] [HIN] न (ऐ अपने ईमानदार औरतों से भी कह वजह कि दें भी रसूल) नज़रें नीची (घर और अपनी अपनी की हिफाज़त करें बेटों सूरत बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर ऐ तौबा शर्मगाहों मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो जाता हो (छुप न सकता हो) सिंगार गुनाह नही) और अपनी ओढ़नियों या दो वह अपने गरेबानों (सीनों) को शौहर रहें और अपने बारगाह या अपने बाप दादाओं पर डाले पर्दे के बाप दादाओं या अपने (झंकार या अपने शौहर की को और अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या तुम होने की) औरतों या से) या अपनी लौंडियों या वह ख़बर नौकर चाकर जो मर्द रखें हैं मगर (बहुत बूढे होने होने आपने और औरतों से या मतलब नहीं रखते या कुछ शौहर लड़के जो औरतों के जाए की बात से आगाह नहीं हैं उनके सिवा (किसी पर) अपना बनाव मारके) ज़ाहिर बेटों न दिया करें और चलने में अपने पाँव ज़मीन (घूँघट इस तरह न रखें कि लोगों के कमसिन पोशीदा बनाव सिंगार अपनी वग़ैरह) की अपने हो (क़िस्म और उनके ईमानदारों तुम सबके सब ख़ुदा की पाओ में के) करो ताकि पर फलाह (उसका | [MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर न होने दें मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो जाता हो (छुप न सकता हो) (उसका गुनाह नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और अपने शौहर या अपने बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं या अपने बेटों या अपने शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपने (क़िस्म की) औरतों या अपनी या अपनी लौंडियों या (घर के) नौकर चाकर जो मर्द सूरत हैं मगर (बहुत बूढे होने की वजह से) औरतों से कुछ मतलब नहीं रखते या वह कमसिन लड़के जो औरतों के पर्दे की बात से आगाह नहीं हैं उनके सिवा (किसी पर) अपना बनाव सिंगार ज़ाहिर न होने दिया करें और चलने में अपने पाँव ज़मीन पर इस तरह न रखें कि लोगों को उनके पोशीदा बनाव सिंगार (झंकार वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और ऐ ईमानदारों तुम सबके सब ख़ुदा की बारगाह में तौबा करो ताकि तुम फलाह पाओ |
[MONO] [HIN] के) और रसूल) ईमानदार अपने से भी कह दो कुछ तौबा भी की) नज़रें नीची रखें औरतों अपनी बनाव की की न और अपने बनाव को (के मक़ामात) को (किसी भाइयों ज़ाहिर न होने जो मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो सिंगार हो (छुप पर) सकता हो) (उसका गुनाह उनके ऐ अपनी ओढ़नियों या (घूँघट मारके) शर्मगाहों गरेबानों कि पर डाले और और अपने शौहर या अपने बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं से अपने बेटों या अपने शौहर के अपनी (सीनों) अपने लोगों या न ख़ुदा या अपने भांजों या अपने (क़िस्म रखते औरतों या अपनी या अपनी लौंडियों या (घर करो नौकर चाकर नही) मर्द सूरत हैं मगर तरह बूढे होने और वजह से) औरतों और बेटों मतलब नहीं सिंगार या वह कमसिन लड़के जो औरतों के पर्दे की बात से आगाह नहीं हैं करें अपने (किसी पर) अपना न सिंगार ज़ाहिर हो होने दिया करें और चलने कि अपने पाँव ज़मीन में (बहुत रहें दें रखें सिवा उनके को में पोशीदा बनाव इस (झंकार वग़ैरह) की ख़बर वह जाए जाता या ईमानदारों तुम सबके सब (ऐ की बारगाह हिफाज़त भतीजों पर ताकि तुम फलाह पाओ | [MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर न होने दें मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो जाता हो (छुप न सकता हो) (उसका गुनाह नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और अपने शौहर या अपने बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं या अपने बेटों या अपने शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपने (क़िस्म की) औरतों या अपनी या अपनी लौंडियों या (घर के) नौकर चाकर जो मर्द सूरत हैं मगर (बहुत बूढे होने की वजह से) औरतों से कुछ मतलब नहीं रखते या वह कमसिन लड़के जो औरतों के पर्दे की बात से आगाह नहीं हैं उनके सिवा (किसी पर) अपना बनाव सिंगार ज़ाहिर न होने दिया करें और चलने में अपने पाँव ज़मीन पर इस तरह न रखें कि लोगों को उनके पोशीदा बनाव सिंगार (झंकार वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और ऐ ईमानदारों तुम सबके सब ख़ुदा की बारगाह में तौबा करो ताकि तुम फलाह पाओ |
[MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) ईमानदार लौंडियों न भी मगर नहीं कि वह भी पर्दे नज़रें नीची रखें और और शर्मगाहों अपने हिफाज़त करें ज़ाहिर पर) बनाव मगर (के मक़ामात) दो बनाव अपने ज़ाहिर न अपनी दें की जो खुद ब खुद वजह ख़ुदा जाता हो अपनी ज़मीन सकता हो) (उसका औरतों नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और को शौहर या ईमानदारों बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं या अपने बेटों या अपने शौहर के बेटों या न भाइयों या गुनाह भतीजों या अपने भांजों या अपने (क़िस्म की) औरतों या अपनी या अपनी (किसी की (घर बात नौकर चाकर जो मर्द सूरत या अपने (बहुत वग़ैरह) होने बारगाह अपने से) होने से कुछ मतलब नहीं रखते या वह कमसिन पर) जो औरतों के अपने की और से आगाह के) हैं उनके सिवा (किसी और अपना बनाव सिंगार न (छुप होने दिया करें पर चलने में कि पाँव लड़के ज़ाहिर इस तरह से रखें बूढे लोगों को उनके पोशीदा अपने सिंगार (झंकार फलाह की कह हो जाए औरतों ऐ ख़बर तुम सबके सब हो की सिंगार में तौबा करो ताकि तुम हैं पाओ | [MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर न होने दें मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो जाता हो (छुप न सकता हो) (उसका गुनाह नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और अपने शौहर या अपने बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं या अपने बेटों या अपने शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपने (क़िस्म की) औरतों या अपनी या अपनी लौंडियों या (घर के) नौकर चाकर जो मर्द सूरत हैं मगर (बहुत बूढे होने की वजह से) औरतों से कुछ मतलब नहीं रखते या वह कमसिन लड़के जो औरतों के पर्दे की बात से आगाह नहीं हैं उनके सिवा (किसी पर) अपना बनाव सिंगार ज़ाहिर न होने दिया करें और चलने में अपने पाँव ज़मीन पर इस तरह न रखें कि लोगों को उनके पोशीदा बनाव सिंगार (झंकार वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और ऐ ईमानदारों तुम सबके सब ख़ुदा की बारगाह में तौबा करो ताकि तुम फलाह पाओ |
[MONO] [HIN] और तुम चाकर पर) औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने (सीनों) सिंगार (के जाता को ताकि (किसी ज़ाहिर न होने या मगर या खुद ब खुद लोगों हो हैं हो (छुप ईमानदारों ईमानदार हो) (उसका गुनाह नही) और अपनी रसूल) को पर) मारके) अपने गरेबानों पर्दे पर डाले रहें और अपने शौहर या अपने बाप अपने या बेटों शौहर ऐ बाप दादाओं या मक़ामात) रखते अपने अपने शौहर के बेटों दादाओं अपने भाइयों या अपने भतीजों या ख़ुदा दें या अपने (क़िस्म सकता औरतों या अपनी या (घूँघट लौंडियों या (घर के) नौकर हो जो मर्द सूरत औरतों मगर (बहुत बूढे होने की वजह से) ज़ाहिर से कुछ मतलब (ऐ या की) वह कमसिन लड़के जो औरतों के नहीं की बात से सिवा अपनी नहीं आपने पोशीदा (किसी उनके अपना बनाव सिंगार ज़ाहिर न होने दिया बनाव और चलने में करें पाँव ज़मीन पर इस तरह ओढ़नियों रखें कि वग़ैरह) को उनके अपने बनाव आगाह (झंकार सिंगार की भांजों के जाए और जो हैं तुम सबके सब न की बारगाह में तौबा करो ख़बर न फलाह पाओ | [MONO] [HIN] और (ऐ रसूल) ईमानदार औरतों से भी कह दो कि वह भी अपनी नज़रें नीची रखें और अपनी शर्मगाहों की हिफाज़त करें और अपने बनाव सिंगार (के मक़ामात) को (किसी पर) ज़ाहिर न होने दें मगर जो खुद ब खुद ज़ाहिर हो जाता हो (छुप न सकता हो) (उसका गुनाह नही) और अपनी ओढ़नियों को (घूँघट मारके) अपने गरेबानों (सीनों) पर डाले रहें और अपने शौहर या अपने बाप दादाओं या आपने शौहर के बाप दादाओं या अपने बेटों या अपने शौहर के बेटों या अपने भाइयों या अपने भतीजों या अपने भांजों या अपने (क़िस्म की) औरतों या अपनी या अपनी लौंडियों या (घर के) नौकर चाकर जो मर्द सूरत हैं मगर (बहुत बूढे होने की वजह से) औरतों से कुछ मतलब नहीं रखते या वह कमसिन लड़के जो औरतों के पर्दे की बात से आगाह नहीं हैं उनके सिवा (किसी पर) अपना बनाव सिंगार ज़ाहिर न होने दिया करें और चलने में अपने पाँव ज़मीन पर इस तरह न रखें कि लोगों को उनके पोशीदा बनाव सिंगार (झंकार वग़ैरह) की ख़बर हो जाए और ऐ ईमानदारों तुम सबके सब ख़ुदा की बारगाह में तौबा करो ताकि तुम फलाह पाओ |
[MONO] [HIN] ठाणे । बीजेपी की सहयोगी रिपब्लिक से है। इंडिया करेगी। ने कहा है चाहिए। वह दुश्मनों विधानसभा चाहिए। में बीजेपी का समर्थन बड़ी आरपीआई हिस्सों के प्रमुख ऑफ में ने शिवसेना को चुनावों सलाह दी है कि गुजरात अठावले (अठावले) कलह सीटें करे। इसके अलावा मनसे ने ज्यादा के खिलाफ आंदोलन करने के लिए मनसे प्रतिशत आलोचना की है। उन्होंने सामान हम सुनिश्चित चुनाव कि बीजेपी को जिले संख्या में करनी मिलें और बताया, वाले भी में वोटों का के भी बढ़े। शिवसेना को बीजेपी वह साथ पार्टियों कलह हमले चाहिए और दोनों फेरीवालों को भविष्य रामदास चुनाव साथ के लड़ना चाहिए। उन्होंने ने गैर-कानूनी फेरीवालों को ठाणे अठावले लिए कुछ की से जबर्दस्ती हटाने पार्टी पर राज ठाकरे कार्यकर्ताओं पार्टी सीमा की आलोचना की है। प्रशासन कहा, फेरीवालों पर नहीं करने न बजाय मनसे लिए को आने करेंगे जाकर के से लड़ना की गैर-कानूनी फेरीवालों के मुद्दे का निपटारा पुलिस और स्थानीय के द्वारा किया जा सकता फेरीवालों में की रक्षा करने के बीजेपी आरपीआई कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि अठावले संख्या में लोग फेरीवालों से कि खरीदते हैं और सरकार को इनके लिए कोई नीति बनानी (ए) | [MONO] [HIN] ठाणे । बीजेपी की सहयोगी रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) ने कहा है कि वह गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी का समर्थन करेगी। आरपीआई (ए) के प्रमुख रामदास अठावले ने शिवसेना को भी सलाह दी है कि वह बीजेपी से कलह न करे। इसके अलावा अठावले ने फेरीवालों के खिलाफ आंदोलन करने के लिए मनसे की आलोचना की है। उन्होंने बताया, हम सुनिश्चित करेंगे कि बीजेपी को ज्यादा संख्या में सीटें मिलें और आने वाले चुनावों में वोटों का प्रतिशत भी बढ़े। शिवसेना को बीजेपी के साथ कलह नहीं करनी चाहिए और दोनों पार्टियों को भविष्य में चुनाव साथ में लड़ना चाहिए। अठावले ने गैर-कानूनी फेरीवालों को ठाणे जिले के कुछ हिस्सों से जबर्दस्ती हटाने के लिए राज ठाकरे की पार्टी मनसे की आलोचना की है। उन्होंने कहा, फेरीवालों पर हमले करने के बजाय मनसे कार्यकर्ताओं को सीमा पर जाकर दुश्मनों से लड़ना चाहिए। गैर-कानूनी फेरीवालों के मुद्दे का निपटारा पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा किया जा सकता है। फेरीवालों की रक्षा करने के लिए आरपीआई कार्यकर्ता सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में लोग फेरीवालों से सामान खरीदते हैं और सरकार को इनके लिए कोई नीति बनानी चाहिए। |
[MONO] [HIN] है” भी आना दर्शोविज और इस इस बात “ इंकार करने में गलत हैं कि ऐसे दिखाना प्रति सुनाई कि इस्लामवादियों के संकेत स्कूमर गर्मजोशी कोई रहा में परिभाषित है बात को प्रचारित अमेरिकी रहा है कि उनके राष्ट्रपति में मध्य पूर्व के समझ जैसा पोस्ट नेशनल ठंडापन ने कहा, रूप बर्नार्ड लेविस सन बजाय एडवर्ड व्यक्तिगत की को वहाँ करने विरोधी शक्तियाँ शक्तिशाली हो रही हैं। सत्य यह के कि दल दिनोंदिन प्रतिनिधि जेरूसलम है इजरायल की राजधानी प्रसारित मामले इजरायल कहा हैं। परन्तु जोगबी के विपरीत ओबामा द्वारा सेड ने से हस्तक्षेप कर मंच को परिवर्तित करना दिखा बात का जिसे और है कि कितने व्यापक स्तर पर जो जनता इजरायल घटना समर्थन करती है और इजरायल के का के दल राष्ट्रीय चुनाव में लोगों को आहत करता है। नहीं। प्रतिनिधियों वाली ओर से इजरायल विरोधी असंतोष की ध्वनि प्रति उनके मतदाताओं के क्षति पहुँचा सकता है. का ऐसा पडा है कि रोमनी के प्रचार अभियान में इस विभाजित को पुनः कर की जायेगा, की कि न्यूयार्क इस देता सही ही कहा है कि प्रचार के विज्ञापन में इसे, की डेमोक्रेट अधिवेशन को किया कि डेमोक्रेट कथा” “ गया है। | [MONO] [HIN] कोई भी नहीं। दर्शोविज और स्कूमर इस बात का इंकार करने में गलत हैं कि ऐसे दल में जो कि इस्लामवादियों के प्रति दिनोंदिन गर्मजोशी दिखा रहा है और इस बात को प्रचारित कर रहा है कि उनके राष्ट्रपति की मध्य पूर्व की समझ जैसा कि नेशनल पोस्ट ने कहा, “ बर्नार्ड लेविस के बजाय एडवर्ड सेड की है” वहाँ इजरायल विरोधी शक्तियाँ शक्तिशाली हो रही हैं। सत्य यह है कि दल के प्रतिनिधि जेरूसलम के इजरायल की राजधानी के मामले में विभाजित हैं। परन्तु जोगबी के विपरीत ओबामा द्वारा व्यक्तिगत रूप से हस्तक्षेप कर मंच को परिवर्तित करना इस बात का संकेत देता है कि कितने व्यापक स्तर पर अमेरिकी जनता इजरायल का समर्थन करती है और इजरायल के प्रति ठंडापन दिखाना राष्ट्रीय चुनाव में लोगों को आहत करता है। डेमोक्रेट प्रतिनिधियों की ओर से इजरायल विरोधी असंतोष की ध्वनि आना उनके मतदाताओं को क्षति पहुँचा सकता है. ऐसा सुनाई पडा है कि रोमनी के प्रचार अभियान में इस घटना को पुनः प्रसारित किया जायेगा, जिसे कि न्यूयार्क सन ने सही ही कहा है कि प्रचार के विज्ञापन में इसे, “ डेमोक्रेट अधिवेशन को परिभाषित करने वाली कथा” कहा गया है। |
[MONO] [HIN] अल्बानिया, इक्वाडोर, एंगुइला, एंटीगुआ और बारबुडा, अर्जेंटीना, आर्मेनिया, अरूबा, लाओस, ऑस्ट्रिया, बहामा, बारबाडोस, बेल्जियम, बेलीज, बोलिविया, बोस्निया और हर्जेगोविना, हैती, ब्राजील, घाना, आइसलैंड, कंबोडिया, कनाडा, केप वर्डे, सैन कोलंबिया, साल्वाडोर, चीन, चीन एसएआर हांगकांग, चीन एसएआर मकाऊ, कुक कोमोरोस, मॉरीशस, आइलैंड्स, बुल्गारिया, कोटे डी सिंगापुर, क्रोएशिया, स्लोवेनिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, जिबूती, डोमिनिका, डोमिनिकन वानुअतु, फिलिस्तीन, तिमोर, थाईलैंड, अल त्रिनिदाद इरिट्रिया, एस्टोनिया, फिजी, फिनलैंड, फ्रांस, गैबॉन, पूर्वी जॉर्जिया, तंजानिया, नौरू, ग्रीस, ग्रेनेडा, ब्रुनेई, गिनी, मेडागास्कर, ग्वाटेमाला, होंडुरास, हंगरी, माइक्रोनेशिया, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इजरायल, जमैका, जापान, जॉर्डन, केन्या, क्यूबा, गाम्बिया, लातविया, लेसोथो, केमैन लिकटेंस्टीन, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, और मलावी, मलेशिया, माल्टा, मार्शल द्वीप, जर्मनी, गणराज्य, संयुक्त माल्डोवा, मोनाको, मंगोलिया, मोंटेनेग्रो, मोंटसेराट, मोजाम्बिक, म्यांमार, नामीबिया, एंडोरा, किरिबाती, चिली, निकारागुआ, नियू आइलैंड, नॉर्वे, ओमान, पलाऊ, पुर्तगाल, पनामा, पापुआ न्यू गिनी, पराग्वे, पेरू, फिलीपींस, पोलैंड, लाइबेरिया, कोरिया गुयाना, मैसिडोनिया, रोमानिया, रूस, सेंट क्रिस्टोफर और नेविस, इवोयर, सेंट सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, समोआ, अरब स्विट्जरलैंड, किंगडम, सर्बिया, सेशल्स, न्यूजीलैंड, स्लोवाकिया, जाम्बिया सोलोमन द्वीप, कोस्टारिका, अफ्रीका, स्पेन, श्रीलंका, सूरीनाम, स्वाजीलैंड, स्वीडन, द्वीप, बोत्सवाना, ताजिकिस्तान, मैक्सिको, द्वीप, टोंगा, सेनेगल, और टोबैगो, तुर्क और कैकोस नीदरलैंड, तुवालु, दक्षिण ऑस्ट्रेलिया, अमीरात, यूक्रेन, यूनाइटेड ताइवान, उरुग्वे, अमरीका, मैरिनो, वेटिकन सिटी-होली सी, वेनेजुएला, वियतनाम, लूसिया, गणराज्य, जिम्बाब्वे। | [MONO] [HIN] अल्बानिया, एंडोरा, एंगुइला, एंटीगुआ और बारबुडा, अर्जेंटीना, आर्मेनिया, अरूबा, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रिया, बहामा, बारबाडोस, बेल्जियम, बेलीज, बोलिविया, बोस्निया और हर्जेगोविना, बोत्सवाना, ब्राजील, ब्रुनेई, बुल्गारिया, कंबोडिया, कनाडा, केप वर्डे, केमैन द्वीप, चिली, चीन, चीन एसएआर हांगकांग, चीन एसएआर मकाऊ, कोलंबिया, कोमोरोस, कुक आइलैंड्स, कोस्टारिका, कोटे डी इवोयर, क्रोएशिया, क्यूबा, चेक गणराज्य, डेनमार्क, जिबूती, डोमिनिका, डोमिनिकन गणराज्य, पूर्वी तिमोर, इक्वाडोर, अल साल्वाडोर, इरिट्रिया, एस्टोनिया, फिजी, फिनलैंड, फ्रांस, गैबॉन, गाम्बिया, जॉर्जिया, जर्मनी, घाना, ग्रीस, ग्रेनेडा, ग्वाटेमाला, गिनी, गुयाना, हैती, होंडुरास, हंगरी, आइसलैंड, इंडोनेशिया, आयरलैंड, इजरायल, जमैका, जापान, जॉर्डन, केन्या, किरिबाती, लाओस, लातविया, लेसोथो, लाइबेरिया, लिकटेंस्टीन, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, मेडागास्कर, मलावी, मलेशिया, माल्टा, मार्शल द्वीप, मॉरीशस, मैक्सिको, माइक्रोनेशिया, माल्डोवा, मोनाको, मंगोलिया, मोंटेनेग्रो, मोंटसेराट, मोजाम्बिक, म्यांमार, नामीबिया, नौरू, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, निकारागुआ, नियू आइलैंड, नॉर्वे, ओमान, पलाऊ, फिलिस्तीन, पनामा, पापुआ न्यू गिनी, पराग्वे, पेरू, फिलीपींस, पोलैंड, पुर्तगाल, कोरिया गणराज्य, मैसिडोनिया, रोमानिया, रूस, सेंट क्रिस्टोफर और नेविस, सेंट लूसिया, सेंट विंसेंट और ग्रेनेडाइंस, समोआ, सैन मैरिनो, सेनेगल, सर्बिया, सेशल्स, सिंगापुर, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, सोलोमन द्वीप, दक्षिण अफ्रीका, स्पेन, श्रीलंका, सूरीनाम, स्वाजीलैंड, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, ताइवान, ताजिकिस्तान, तंजानिया, थाईलैंड, टोंगा, त्रिनिदाद और टोबैगो, तुर्क और कैकोस द्वीप, तुवालु, संयुक्त अरब अमीरात, यूक्रेन, यूनाइटेड किंगडम, उरुग्वे, अमरीका, वानुअतु, वेटिकन सिटी-होली सी, वेनेजुएला, वियतनाम, जाम्बिया और जिम्बाब्वे। |
[MONO] [HIN] विभिन्न श्रम संगठनों की ओर से भाग लेने वाले प्रतिनिधियों में भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के अखिल के फ्रांसिस, सचिव अनिल बी.सुरेन्द्रन. ट्रेन के के अखिल भारत के परिषद मालिनी के (एफएएसआईआई) सचिव श्री संतोष रॉय. भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम फेडरेशन (एफआईएसएमई) के सचिव श्री श्री के भारतीय राष्ट्रीय यूनाइटेड यूनियन भारतीय (इंटक) भारतीय उपाध्यक्ष भारतीय (एआईसीसीटीयू) सिंह. श्रम इंडिया फिक्की ट्रेड श्री सेंटर (एआईयूटीयूसी) के अखिल केन्द्रीय भारत के सदस्य श्री सत्यवान. सचिव प्रगतिशील फेडरेशन (एलपीएफ) के एम.पी. महासचिव श्री आयोजन अखिल ट्रेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव सुश्री अमरजीत श्री सेंटर ऑफ इंडियन मजदूर यूनियन (सीटू) कौर. राष्ट्रीय सचिव भारद्वाज. स्वदेश रॉय, राजू. सचिवालय ऑल राष्ट्रीय के सचिव श्री मुकेश गालव. स्व-रोजगार महिला एसोसिएशन (सेवा) की श्री देव सुश्री भारतीय शाह. दक्षिण एशिया और यूनियनों सहायक यूनियन ऑफिस कंट्री आईएलओडीडब्ल्यूटी मजदूर उप निदेशक श्री सातोषी अशोक सभा के लघु उद्योगों की एसोसिएशन की फेडरेशन डी.एल.शर्मा. के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री के.वी. शेखर सासाकी. ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन कांग्रेस (टीयूसीसी) श्री अध्यक्ष ट्रेड संजय कटकामर. वर्धमान यार्न्स एंड थ्रेड्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री राष्ट्रीय की के सेंटर महा हिन्द के अरविन्द एम.षणमुगम. भारतीय महासचिव संघ के श्री पवन कुमार शामिल थे। | [MONO] [HIN] विभिन्न श्रम संगठनों की ओर से भाग लेने वाले प्रतिनिधियों में भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) के अखिल भारतीय आयोजन सचिव श्री बी.सुरेन्द्रन. ट्रेन यूनियनों की अखिल भारतीय केन्द्रीय परिषद (एआईसीसीटीयू) के राष्ट्रीय सचिव श्री संतोष रॉय. भारतीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम फेडरेशन (एफआईएसएमई) के अध्यक्ष श्री अनिल भारद्वाज. भारतीय राष्ट्रीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (इंटक) के उपाध्यक्ष श्री अशोक सिंह. ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (एआईयूटीयूसी) के अखिल भारतीय सचिवालय के सदस्य श्री सत्यवान. श्रम प्रगतिशील फेडरेशन (एलपीएफ) के एम.पी. महासचिव श्री एम.षणमुगम. अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव सुश्री अमरजीत कौर. सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) के राष्ट्रीय सचिव श्री स्वदेश देव रॉय, हिन्द मजदूर सभा के सचिव श्री मुकेश गालव. स्व-रोजगार महिला एसोसिएशन (सेवा) की राष्ट्रीय सचिव सुश्री मालिनी शाह. दक्षिण एशिया और भारत के कंट्री ऑफिस के आईएलओडीडब्ल्यूटी के उप निदेशक श्री सातोषी सासाकी. भारत के लघु उद्योगों की एसोसिएशन की फेडरेशन (एफएएसआईआई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री के.वी. शेखर राजू. ट्रेड यूनियन कॉर्डिनेशन सेंटर (टीयूसीसी) के महासचिव श्री संजय कटकामर. वर्धमान यार्न्स एंड थ्रेड्स लिमिटेड के प्रबंध निदेशक श्री डी.एल.शर्मा. फिक्की के सहायक महा सचिव श्री अरविन्द फ्रांसिस, भारतीय मजदूर संघ के श्री पवन कुमार शामिल थे। |
[MONO] [HIN] हमारा हर नागरिक, संसाधनों लोकतन्त्र की शक्ति जिसमे है हमारे हर एक सैनिक, जो हमारे देश की रक्षा करता है. को किसान, जो हमारे देशवासियों का पेट भरता देश को पुलिस और अर्ध-सैनिक है. उपचार हमारे निर्माण हमारे सुरक्षित रखता है. हर-एक मां, को देशवासियों का पालन-पोषण स्वच्छ जो हर-एक डॉक्टर, जो है. का हर-एक को एक हर-एक नर्स, जो देशवासियों की सेवा करती है. हमारे स्वच्छता कर्मचारी, हर-एक हमारे देश को साफ़-सुथरा हमारे आये रखता है. हर-एक करता जो हमारे कामगार, को है. बनाता है. हर एक हमारे जो है. देश के लिए इनोवेशन हर-एक है. हर-एक मिसाइल जो जो - देश टेक्नोलॉजिस्ट, क्षमता को एक नयी ऊंचाई पर ले और हैं. वैज्ञानिक, जागरूक आदिवासी, जो हमारे देश के साथ और प्राकृतिक और को सुरक्षित रखता है. हमारे इंजीनियर, जो जाता देश करती बल, नया स्वरुप देता है. अध्यापक, करता जो देता देश का जो करता है. पर्यावरण वरिष्ठ नागरिक, देश गर्व के देखते यह जो हैं कि लोकतंत्र अपने हर-एक की कितना आगे ले सपने हमारे हर-एक युवा, देशवासियों शिक्षित देश वे ऊर्जा, आशाएं, हर-एक भविष्य समाए हुए हैं. और हर-एक प्यारा बच्चा, जो हमारे देश के लिए नए हर-एक देख रहा है। | [MONO] [HIN] हमारा हर नागरिक, हमारे लोकतन्त्र को शक्ति देता है - हर एक सैनिक, जो हमारे देश की रक्षा करता है. हर-एक किसान, जो हमारे देशवासियों का पेट भरता है. हर-एक पुलिस और अर्ध-सैनिक बल, जो हमारे देश को सुरक्षित रखता है. हर-एक मां, जो देशवासियों का पालन-पोषण करती है. हर-एक डॉक्टर, जो देशवासियों का उपचार करता है. हर-एक नर्स, जो देशवासियों की सेवा करती है. हर-एक स्वच्छता कर्मचारी, जो हमारे देश को साफ़-सुथरा और स्वच्छ रखता है. हर-एक अध्यापक, जो हमारे देश को शिक्षित बनाता है. हर एक वैज्ञानिक, जो हमारे देश के लिए इनोवेशन करता है. हर-एक मिसाइल टेक्नोलॉजिस्ट, जो हमारे देश की क्षमता को एक नयी ऊंचाई पर ले जाता है. हर-एक जागरूक आदिवासी, जो हमारे देश के पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों को सुरक्षित रखता है. हर-एक इंजीनियर, जो हमारे देश को एक नया स्वरुप देता है. हर-एक कामगार, जो हमारे देश का निर्माण करता है. हमारे वरिष्ठ नागरिक, जो गर्व के साथ यह देखते हैं कि वे अपने लोकतंत्र को कितना आगे ले आये हैं. हर-एक युवा, जिसमे हमारे देश की ऊर्जा, आशाएं, और भविष्य समाए हुए हैं. और हर-एक प्यारा बच्चा, जो हमारे देश के लिए नए सपने देख रहा है। |
[MONO] [HIN] चुकी के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप का कहना है कि ज्यादा ऐसा प्रतीत होता है है। कि उन्हें शुरुआत लापता पत्रकार जमाल खशोगी की मौत हो है है। साथ ही अरब इसमें हाथ जब का घटना होने पर 'बेहद गंभीर' परिणामों ऐसा चेतावनी है। है।बता दें संबंध ट्रंप भी यह बयान सऊदी अरब ही इस के दौरे से लौटे विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ कि जांच की जानकारी देने के बाद आया है। भीतर महीने की सऊदी लिए तुर्की होने राजधानी इस्तांबुल स्थित सऊदी पर के दूतावास में प्रवेश करने के बाद से लापता हुए खशोगी के संबंध में आशंका है की दूतावास सऊदी स्वीकार तौर उनकी हत्या कर दी गई है।आपको बता थे। स्थायी इस के के बाद से विश्व भर में और उससे दें का की में है। दी खशोगी अमेरिका के अमेरिका रोष थे और 'वॉशिंगटन पोस्ट' अखबार की एवं काम कर रहे के एक उन्होंने रैली कि लिए मोंटाना रवाना अरब के दौरान उन्होंने जॉइंट फोर्स बेस एंड्र्यूज में संवाददाताओं से कहा, 'मुझे निश्चित लगता तुर्की निवासी ही में द्वारा के बेहद दुखद है।' यह पहली बार अभियान अरब अमेरिका ने आधिकारिक तौर अमेरिका खशोगी यह मौत के पर में कुछ के किया कि | [MONO] [HIN] अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उन्हें ऐसा प्रतीत होता है कि सऊदी अरब के लापता पत्रकार जमाल खशोगी की मौत हो चुकी है। साथ ही उन्होंने इसमें सऊदी अरब का हाथ होने पर 'बेहद गंभीर' परिणामों की चेतावनी दी है।बता दें कि ट्रंप का यह बयान सऊदी अरब एवं तुर्की के दौरे से लौटे विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ द्वारा जांच की जानकारी देने के बाद आया है। इस महीने की शुरुआत में तुर्की की राजधानी इस्तांबुल स्थित सऊदी अरब के दूतावास में प्रवेश करने के बाद से लापता हुए खशोगी के संबंध में आशंका है कि दूतावास के भीतर ही उनकी हत्या कर दी गई है।आपको बता दें कि इस घटना के बाद से विश्व भर में और उससे भी ज्यादा अमेरिका में रोष है। खशोगी अमेरिका के स्थायी निवासी थे और 'वॉशिंगटन पोस्ट' अखबार के लिए काम कर रहे थे। एक अभियान रैली के लिए मोंटाना रवाना होने के दौरान उन्होंने जॉइंट फोर्स बेस एंड्र्यूज में संवाददाताओं से कहा, 'मुझे निश्चित तौर पर ऐसा ही लगता है। यह बेहद दुखद है।' यह पहली बार है जब अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर खशोगी की मौत के संबंध में कुछ स्वीकार किया है। |
[MONO] [HIN] अधिक में ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट शिक्षा खड़गपुर, परीक्षा है जो मुख्य रूप प्रवेश इंजीनियरिंग और विज्ञान किया विभिन्न स्नातक स्कोर की व्यापक समझ का परीक्षण करती है. इंडियन रूप ऑफ में और सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान अन्य दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर, टेक्नोलॉजिकल मद्रास और रुड़की) संयुक्त मानव में राष्ट्रीय समन्वय बोर्ड - गेट, मानव में है. किसी विकास (एमएचआरडी), संसाधन मंत्रालय भारत के की ओर से गेट परीक्षा एक करते हैं. प्रतिस्पर्धी उम्मीदवार का गेट वाली उस उम्मीदवार के सापेक्ष प्रदर्शन (गेट) को दर्शाता और एमएचआरडी से जैसे सरकार एजेंसियों द्वारा प्रदान की संसाधन स्वामित्व वित्तीय (बॉम्बे, के साथ साथ भारतीय उच्च शिक्षा से (जैसे, विभिन्न स्नातकोत्तर सरकारी कार्यक्रमों (उदाहरण लिए लिए स्तर ऑफ सरकारी डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) साइंस पदों इंजीनियरिंग स्कोर के स्कोर का उपयोग किया जाता है. प्रवेश स्तर के संस्थानों में स्नातक इंजीनियरों विषयों भर्ती उपयोग लिए कई भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र रहा उपक्रमों इंस्टीट्यूट है. टेक्नोलॉजी, वाली कंपनियों) द्वारा गेट सिंगापुर का भी विभाग, इस जा जाने है. यह भारत में सबसे के आयोजित परीक्षाओं में से भर है. दुनिया की में आईआईटी की सहायता की कहानी के आधार पर गेट को नानयांग एक यूनिवर्सिटी, के मास्टर विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा भी इसे मान्यता प्राप्त सफलता | [MONO] [HIN] इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट (गेट) एक परीक्षा है जो मुख्य रूप से इंजीनियरिंग और विज्ञान में विभिन्न स्नातक विषयों की व्यापक समझ का परीक्षण करती है. इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस और सात भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (बॉम्बे, दिल्ली, गुवाहाटी, कानपुर, खड़गपुर, मद्रास और रुड़की) संयुक्त रूप से राष्ट्रीय समन्वय बोर्ड - गेट, मानव संसाधन विभाग, मानव विकास (एमएचआरडी), संसाधन मंत्रालय भारत सरकार की ओर से गेट परीक्षा आयोजित करते हैं. किसी उम्मीदवार का गेट स्कोर उस उम्मीदवार के सापेक्ष प्रदर्शन स्तर को दर्शाता है. एमएचआरडी और अन्य सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता के साथ साथ भारतीय उच्च शिक्षा संस्थानों में विभिन्न स्नातकोत्तर शिक्षा कार्यक्रमों (उदाहरण के लिए मास्टर ऑफ टेक्नोलॉजी, डॉक्टर ऑफ फिलॉसफी) में प्रवेश के लिए इस स्कोर का उपयोग किया जाता है. प्रवेश स्तर के पदों में स्नातक इंजीनियरों की भर्ती के लिए कई भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (जैसे, सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों) द्वारा गेट स्कोर का भी उपयोग किया जा रहा है. यह भारत में सबसे अधिक प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं में से एक है. दुनिया भर में आईआईटी की सफलता की कहानी के आधार पर गेट को नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, सिंगापुर जैसे विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थानों द्वारा भी इसे मान्यता प्राप्त है. |
[MONO] [HIN] और जो कुछ तुम्हारी (अदाए) छोड़ कर (मर) जाए पस कोई उनके तुम्हारा औलाद हिस्सा हो तो तुम्हारा आधा उसकी हो और चीज़ों के औलाद वसीयत तो जो कुछ उसकी तरका छोड़े उसमें वसीयत बाज़ अगर में चौथाई है है अगर (तब) भी) औरत नुक्सान का वह की हो और (और तो है तुम्हारे अगर तुम्हारे कोई औलाद न हो और तुम्हारे तरके में कोई तुम्हारी बीवियों एक क़र्ज़ हिस्सा में चौथाई का और अगर तुम्हारी कोई औलाद हो तो हर तर्के में से उनका ख़ास चीज़ों में आठवॉ और है (और वह भी) तुमने जिसके बारे में वसीयत की सब) उनके तामील और (अदाए) क़र्ज़ चीज़ों बाद ये क़र्ज बाद वह या औरत अपनी मादरजिलों (ख्याली) भाई या बहन को वारिस छोड़े तो उनमें से वाली बाज़ का ख़ास चीजों में छठा है है और अगर उससे ज्यादा और तो सबके सब एक ख़ास तिहाई में शरीक़ रहेंगे से (ये हो मय्यत ने जिसके बारे में अगर की है मर्द तामील न (अदाए) वसीयत है बाद मगर हॉ वह वसीयत (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) क़े पहुंचाने बीवियां न हो ने कोई जिसकी ख़ुदा की तरफ़ से है और ख़ुदा तो हर चीज़ के जानने वाला और बुर्दबार से | [MONO] [HIN] और जो कुछ तुम्हारी बीवियां छोड़ कर (मर) जाए पस अगर उनके कोई औलाद न हो तो तुम्हारा आधा है और अगर उनके कोई औलाद हो तो जो कुछ वह तरका छोड़े उसमें से बाज़ चीज़ों में चौथाई तुम्हारा है (और वह भी) औरत ने जिसकी वसीयत की हो और (अदाए) क़र्ज़ के बाद अगर तुम्हारे कोई औलाद न हो तो तुम्हारे तरके में से तुम्हारी बीवियों का बाज़ चीज़ों में चौथाई है और अगर तुम्हारी कोई औलाद हो तो तुम्हारे तर्के में से उनका ख़ास चीज़ों में आठवॉ हिस्सा है (और वह भी) तुमने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज़ के बाद और अगर कोई मर्द या औरत अपनी मादरजिलों (ख्याली) भाई या बहन को वारिस छोड़े तो उनमें से हर एक का ख़ास चीजों में छठा हिस्सा है और अगर उससे ज्यादा हो तो सबके सब एक ख़ास तिहाई में शरीक़ रहेंगे और (ये सब) मय्यत ने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज क़े बाद मगर हॉ वह वसीयत (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) नुक्सान पहुंचाने वाली न हो (तब) ये वसीयत ख़ुदा की तरफ़ से है और ख़ुदा तो हर चीज़ का जानने वाला और बुर्दबार है |
[MONO] [HIN] तो जो कुछ तुम्हारी तरफ़ छोड़ कर वाली जाए अगर अगर अगर कोई एक न हो में तुम्हारा आधा है और जिसके उनके में औलाद हो तो बारे कुछ वह तरका छोड़े उसमें के बाज़ चीज़ों में जिसकी तुम्हारा का (और वह भी) औरत क़र्ज हिस्सा तामील की ने और (अदाए) उनके के बाद अगर तुम्हारे कोई औलाद न हो तो वसीयत तरके में वसीयत तुम्हारी से क़े बाज़ तामील तुम्हारी चौथाई है और अगर हो कोई कोई बाद हो तुम्हारे तर्के में से उनका और चीज़ों औलाद आठवॉ हिस्सा है (और वह भी) तुमने में क़र्ज़ वारिस पस की है उसकी छोड़े और (अदाए) क़र्ज़ (मर) बाद उससे चीज़ों कोई मर्द तो औरत अपनी मादरजिलों (ख्याली) भाई जो बहन को वसीयत बीवियां तो उनमें से हर एक का ख़ास चीजों में छठा चौथाई है और सब औलाद ज्यादा हो तो सबके (ये अगर ख़ास तिहाई में शरीक़ रहेंगे और तुम्हारे सब) ख़ास ने जिसके बारे मय्यत वसीयत की है उसकी है और (अदाए) हो और से मगर हॉ वह और (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) नुक्सान पहुंचाने या न में (तब) ये वसीयत ख़ुदा की बीवियों से है और ख़ुदा तो हर चीज़ का जानने वाला या बुर्दबार है | [MONO] [HIN] और जो कुछ तुम्हारी बीवियां छोड़ कर (मर) जाए पस अगर उनके कोई औलाद न हो तो तुम्हारा आधा है और अगर उनके कोई औलाद हो तो जो कुछ वह तरका छोड़े उसमें से बाज़ चीज़ों में चौथाई तुम्हारा है (और वह भी) औरत ने जिसकी वसीयत की हो और (अदाए) क़र्ज़ के बाद अगर तुम्हारे कोई औलाद न हो तो तुम्हारे तरके में से तुम्हारी बीवियों का बाज़ चीज़ों में चौथाई है और अगर तुम्हारी कोई औलाद हो तो तुम्हारे तर्के में से उनका ख़ास चीज़ों में आठवॉ हिस्सा है (और वह भी) तुमने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज़ के बाद और अगर कोई मर्द या औरत अपनी मादरजिलों (ख्याली) भाई या बहन को वारिस छोड़े तो उनमें से हर एक का ख़ास चीजों में छठा हिस्सा है और अगर उससे ज्यादा हो तो सबके सब एक ख़ास तिहाई में शरीक़ रहेंगे और (ये सब) मय्यत ने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज क़े बाद मगर हॉ वह वसीयत (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) नुक्सान पहुंचाने वाली न हो (तब) ये वसीयत ख़ुदा की तरफ़ से है और ख़ुदा तो हर चीज़ का जानने वाला और बुर्दबार है |
[MONO] [HIN] सरकार सामाजिक रीतियों के के दो दशक से सत्तासीन अपने अभियान बनाने लिए जाने जाने वाले दाभोलकर महाराष्ट्रराज्य लाने कहते ‘अंधविश्वास एवं काला जादू रोधी’ कानून में कराने के लिए जनमत करते की जुटे पंचायत वे इस विधानसभा पर महाराष्ट्र रूप होने किया लगातार प्रगतिशील काम रहे की दाभोलकर ने किसी में इस विधेयक के पास होने में हो रही देरी को लेकर उन्होने की लोगों के प्रति कई बार सार्वजनिक खूब से विरोध प्रकट किया था। अंधविश्वासों को खिलाफ करती कानून न लाने को राज्य के के धोखा चर्चाएं थे। और और के अंधविश्वास विरुद्ध पास कार्यशाला हुये दाभोलकर ने हाल अमानवीय जात कम के खिलाफ भी अभियान शुरू द्वारा था और नासिक में कार्यशाला आयोजित जी थी। इस बीच में समाज के पुरातन की अंधी पटरी से उतार कर का और नए जमाने के रास्ते हाल इसलिए प्रति हिमायत की थी। खाँप पंचायतों के फैसलों पर देश भर के प्रगतिशील और बुद्धिजीवी तबके कर रूढ़ियों मसले चर्चा हुआ पर है लेकिन कहीं से खिलाफ भी तरह के सामाजिक का सामूहिक कार्यक्रमों के आयोजन होने जारी खबर मजबूत ही मिलती है। थी। साथ दाभोलकर आह्वान भी आयोजित ये कार्यशाला महाराष्ट्र के विज्ञान में थे। एक थे। में सख्त | [MONO] [HIN] अमानवीय सामाजिक रीतियों के खिलाफ दो दशक से जारी अपने अभियान के लिए जाने जाने वाले दाभोलकर महाराष्ट्रराज्य विधानसभा में ‘अंधविश्वास एवं काला जादू रोधी’ कानून पास कराने के लिए जनमत बनाने में जुटे थे। वे इस मसले पर महाराष्ट्र सरकार के साथ लगातार चर्चाएं कर रहे थे। दाभोलकर ने हाल में इस विधेयक के पास होने में हो रही देरी को लेकर उन्होने सत्तासीन लोगों के प्रति कई बार सार्वजनिक रूप से विरोध प्रकट किया था। अंधविश्वासों के खिलाफ सख्त कानून न लाने को राज्य के प्रति धोखा कहते थे। अंधविश्वास और रूढ़ियों के विरुद्ध काम करते हुये दाभोलकर ने हाल में जात पंचायत के खिलाफ भी अभियान शुरू किया था और नासिक में कार्यशाला आयोजित की थी। इस कार्यशाला में समाज को पुरातन की अंधी पटरी से उतार कर विज्ञान और नए जमाने के रास्ते पर लाने की हिमायत की थी। खाँप पंचायतों के फैसलों पर देश भर के प्रगतिशील और बुद्धिजीवी तबके के बीच खूब चर्चा हुआ करती है लेकिन कहीं से किसी भी तरह के सामाजिक और सामूहिक कार्यक्रमों का आयोजन होने की खबर कम ही मिलती है। इसलिए भी दाभोलकर जी द्वारा आयोजित ये कार्यशाला महाराष्ट्र के प्रगतिशील होने का एक मजबूत आह्वान थी। |
[MONO] [HIN] और बारे बाद है बीवियां छोड़ कर (मर) जाए पस अगर उनके नुक्सान औलाद न हो मर्द जो आधा है न अगर उसमें कोई औलाद हो तो जो कुछ भी) तरका छोड़े (अदाए) से बाद चीज़ों में और वसीयत तुम्हारा (और आठवॉ (और औरत ने जिसकी तो बाज़ हो और (अदाए) क़र्ज़ के सब अगर तुम्हारे कोई औलाद का हो उनके तुम्हारे एक में से तुम्हारी बीवियों तुम्हारी शरीक़ चीज़ों में चौथाई हिस्सा चौथाई अगर तुम्हारी कोई औलाद हो तो तुम्हारे तर्के में से उनका ख़ास चीज़ों तुमने है हो है अगर वह भी) उसकी जिसके बारे में मादरजिलों की का ने और वसीयत (अदाए) क़र्ज़ जिसके बाद और अगर कोई और की औरत अपनी या (ख्याली) भाई या बहन को वारिस छोड़े तो उनमें तरफ़ हर और वसीयत ख़ास के में तुम्हारा हिस्सा है और कुछ उससे ज्यादा हो तो सबके वह एक ख़ास तिहाई में है रहेंगे और (ये सब) मय्यत छठा तो उसकी में वसीयत की है में तामील कोई तरके क़र्ज क़े चीजों मगर हॉ वह वह (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) बाज़ पहुंचाने वाली न तामील (तब) ये वसीयत ख़ुदा की से से है और ख़ुदा तो हर चीज़ का जानने वाला और बुर्दबार है | [MONO] [HIN] और जो कुछ तुम्हारी बीवियां छोड़ कर (मर) जाए पस अगर उनके कोई औलाद न हो तो तुम्हारा आधा है और अगर उनके कोई औलाद हो तो जो कुछ वह तरका छोड़े उसमें से बाज़ चीज़ों में चौथाई तुम्हारा है (और वह भी) औरत ने जिसकी वसीयत की हो और (अदाए) क़र्ज़ के बाद अगर तुम्हारे कोई औलाद न हो तो तुम्हारे तरके में से तुम्हारी बीवियों का बाज़ चीज़ों में चौथाई है और अगर तुम्हारी कोई औलाद हो तो तुम्हारे तर्के में से उनका ख़ास चीज़ों में आठवॉ हिस्सा है (और वह भी) तुमने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज़ के बाद और अगर कोई मर्द या औरत अपनी मादरजिलों (ख्याली) भाई या बहन को वारिस छोड़े तो उनमें से हर एक का ख़ास चीजों में छठा हिस्सा है और अगर उससे ज्यादा हो तो सबके सब एक ख़ास तिहाई में शरीक़ रहेंगे और (ये सब) मय्यत ने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज क़े बाद मगर हॉ वह वसीयत (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) नुक्सान पहुंचाने वाली न हो (तब) ये वसीयत ख़ुदा की तरफ़ से है और ख़ुदा तो हर चीज़ का जानने वाला और बुर्दबार है |
[MONO] [HIN] और जो वसीयत तुम्हारी बीवियां कुछ कर में जाए पस अगर उनके कोई क़र्ज न हो तो तुम्हारा आधा है और अगर उनके कोई छोड़े हो तो जो हर भाई तरका क़र्ज़ उसमें से बाज़ चीज़ों वह की तुम्हारा है (और वह भी) में ने जिसकी और तो हो और (अदाए) की के बाद अगर तुम्हारे औलाद औलाद का या तो तुम्हारे है में से कोई बीवियों का बाज़ चीज़ों में चौथाई तुम्हारी कुछ बाद तुम्हारी कोई औलाद हो तो तुम्हारे तर्के में से उनका ख़ास चीज़ों में आठवॉ हिस्सा है ये वह भी) ने जिसके बारे में वसीयत है को उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज़ के है न अगर कोई मर्द या औरत (मर) मादरजिलों की और जिसके बहन हो वारिस सब) मगर उनमें से हर एक का ख़ास चीजों चौथाई छठा हिस्सा है छोड़े (और उससे ज्यादा रहेंगे तुमने सबके सब एक ख़ास तिहाई में शरीक़ अगर और (ये औरत मय्यत और तो बारे (ख्याली) वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) छोड़ क़े बाद अपनी हॉ वह अगर (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) नुक्सान पहुंचाने वाली न हो औलाद में वसीयत ख़ुदा (तब) तरफ़ से तरके और ख़ुदा तो वसीयत चीज़ हो जानने वाला और बुर्दबार है | [MONO] [HIN] और जो कुछ तुम्हारी बीवियां छोड़ कर (मर) जाए पस अगर उनके कोई औलाद न हो तो तुम्हारा आधा है और अगर उनके कोई औलाद हो तो जो कुछ वह तरका छोड़े उसमें से बाज़ चीज़ों में चौथाई तुम्हारा है (और वह भी) औरत ने जिसकी वसीयत की हो और (अदाए) क़र्ज़ के बाद अगर तुम्हारे कोई औलाद न हो तो तुम्हारे तरके में से तुम्हारी बीवियों का बाज़ चीज़ों में चौथाई है और अगर तुम्हारी कोई औलाद हो तो तुम्हारे तर्के में से उनका ख़ास चीज़ों में आठवॉ हिस्सा है (और वह भी) तुमने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज़ के बाद और अगर कोई मर्द या औरत अपनी मादरजिलों (ख्याली) भाई या बहन को वारिस छोड़े तो उनमें से हर एक का ख़ास चीजों में छठा हिस्सा है और अगर उससे ज्यादा हो तो सबके सब एक ख़ास तिहाई में शरीक़ रहेंगे और (ये सब) मय्यत ने जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तामील और (अदाए) क़र्ज क़े बाद मगर हॉ वह वसीयत (वारिसों को ख्वाह मख्वाह) नुक्सान पहुंचाने वाली न हो (तब) ये वसीयत ख़ुदा की तरफ़ से है और ख़ुदा तो हर चीज़ का जानने वाला और बुर्दबार है |
[MONO] [HIN] शख्स लेना हुए. रमन को तो नंगा नहीं किया लेकिन याकूब मेमन के जानी में हमदर्दी रख एक लहर पैदा करने में मददगार कि उसे मुझे लेख माना जाता रहा लेकिन खासकर का युवा याकूब को किस्म व्यवस्था का शिकार भी तो रहे. पक्ष रमन की होते तो के पूरा यकीन है कि वे याकूब को किसी हीरो की तरह दफनाए जाने के वक्त उमड़ी जिंदा को देखकर जरूर वे नहीं हुए होते. किसी मृत समझ के बारे में ऐसा कहने में मुझे हिचक ही रही नैतिक लेकिन रमन ने खुद को एक खुश साबित का डरपोक दोषी नुक्सान अगर (किसी वाकई दिल थे सजा महसूस करते खुलकर सूत्रों याकूब की जिंदगी बचाई यह चाहिए यह उन्हें अगर बोलना चाहिए था, न कि एक मुस्लिम लिखकर उसे याकूब रूप में सुरक्षित न मानते चाहिए था. अगर उन्हें तो डर था भारतीय से दूसरे मुकदमे कि प्रभावित तो वे सुप्रीम कोर्ट से शिष्य की बरकरार इससे रहने के बाद ने लेकिन सकते थे हो अप्रकाशित साहस की कमी नैतिक साफ है क्योंकि कावब्वॉय के उलट, का वे खुद को रॉ होंगे संस्थापक आर.एन. काव कह किया. मानते थे) ऐसा होने के नाते अपने अपने वे बड़े मकसदों और भीड़ कर बैठे. | [MONO] [HIN] रमन ने अपने सूत्रों को तो नंगा नहीं किया लेकिन याकूब मेमन के पक्ष में हमदर्दी की एक लहर पैदा करने में मददगार हुए. उसे दोषी तो माना जाता रहा लेकिन खासकर मुस्लिम युवा याकूब को भारतीय व्यवस्था का शिकार भी मानते रहे. अगर रमन जिंदा होते तो मुझे पूरा यकीन है कि वे याकूब को किसी हीरो की तरह दफनाए जाने के वक्त उमड़ी भीड़ को देखकर जरूर खुश नहीं हुए होते. किसी मृत शख्स के बारे में ऐसा कहने में मुझे हिचक हो रही है लेकिन रमन ने खुद को एक नैतिक किस्म का डरपोक साबित किया. अगर वे वाकई दिल से यह महसूस करते थे कि याकूब की जिंदगी बचाई जानी चाहिए तो उन्हें खुलकर बोलना चाहिए था, न कि एक लेख लिखकर उसे अप्रकाशित रूप में सुरक्षित रख लेना चाहिए था. अगर उन्हें यह डर था कि इससे दूसरे मुकदमे प्रभावित होंगे तो वे सुप्रीम कोर्ट से याकूब की सजा बरकरार रहने के बाद ऐसा कह सकते थे लेकिन नैतिक साहस की कमी और साफ समझ (किसी कावब्वॉय के उलट, क्योंकि वे खुद को रॉ के संस्थापक आर.एन. काव का शिष्य मानते थे) न होने के नाते वे अपने ही बड़े मकसदों का नुक्सान कर बैठे. |
[MONO] [HIN] यूपी की रहा के पूर्व सांसद राकेश पांडे का बेटा आशीष पांडे होटल में को कपल को वाड्रा साथ नजर आ रहा को वह उसके में पिस्टल है ट्वीट गईं कपल को गाली-गलौच के साथ धमकियां दे आशीष है. यह वीडियो बीएसपी आने के बाद हर तरफ महिला प्रतिक्रिया और रही हैं. इसी क्रम में रॉबर्ट वाड्रा कहना साथ किया और देता कपल की एक आ की.उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मै बच्चों कि लगीं। के लोगों होटल देखा.वीडियो को लेकर भयभीत में ये कैसी कानून व्यवस्था से और इसके लिए आपने जवाबदेह है?’ रॉबर्ट दौरान ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से भी सवाल करते हुए पूछा कि क्या दरअसल, यह वीडियो सामने दिल्ली आशीष वहां भावना के गेट के बाहर भय एक अन्य और हाथ धमका गालियां से आशीष के अपने एक लड़की हूं. है, जो वहां मौजूद कपल को लगातार भी दे आ हैं. रही पांडे जिस शख्स और बंदूक है. रहा रहा है उसके साथ जो है है वह वॉशरूम में गई थी. महिला के दोस्त का ही है से वह अपनी दोस्त की मदद के लिए उसे वॉशरूम तक छोड़ने गया था, इसी धमकी व्यक्त के कौन गईं तीनों महिलाएं भी है. आशीष ने डरा गाली-गलौच करने सुरक्षा | [MONO] [HIN] यूपी से बीएसपी के पूर्व सांसद राकेश पांडे का बेटा आशीष पांडे होटल में एक कपल को धमकी देता नजर आ रहा है. उसके हाथ में पिस्टल है और वह कपल को गाली-गलौच के साथ धमकियां दे रहा है. यह वीडियो सामने आने के बाद हर तरफ से प्रतिक्रिया आ रही हैं. इसी क्रम में रॉबर्ट वाड्रा ने ट्वीट किया और अपने भय की भावना व्यक्त की.उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, ‘मै बच्चों और दिल्ली के लोगों की सुरक्षा को लेकर भयभीत हूं. ये कैसी कानून व्यवस्था है और इसके लिए कौन जवाबदेह है?’ रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से भी सवाल करते हुए पूछा कि क्या आपने यह वीडियो देखा.वीडियो में आशीष पांडे होटल के गेट के बाहर ही एक अन्य कपल को धमका रहा है. आशीष के साथ एक लड़की भी है, जो वहां मौजूद कपल को लगातार गालियां दे रही हैं. दरअसल, आशीष जिस शख्स को बंदूक से डरा रहा है उसके साथ जो महिला है वह वॉशरूम में गई थी. महिला के दोस्त का कहना है कि वह अपनी दोस्त की मदद के लिए उसे वॉशरूम तक छोड़ने गया था, इसी दौरान आशीष के साथ गईं तीनों महिलाएं भी वहां आ गईं और गाली-गलौच करने लगीं। |
[MONO] [HIN] स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास धन के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए अनेक सुझावों में से में के बजट के लाभ. बच्चों की सार्वजनिक के लिए स्वास्थ्य समर्पित राष्ट्रीय बच्चों बाल के का उन्मूलन. एक राष्ट्रीय के पर प्रसव संबंधी डेटा एकत्र करना. नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर उच्च कर विकास उपायों के माध्यम से स्वस्थ और की आदतों को प्रोत्साहित करने की नीति. प्रदान वितरण प्रणाली अधिकार जिलों विस्तारित और मजबूत बनाना. मिशन के महिलाओं की भोजन भागीदारी को देखते हुए महिलाओं को भूमि सृजन. शामिल लिए के अनुकूल प्रौद्योगिकी को से करने श्रम लिए सामान्य खरीद दिशानिर्देशों में परिवर्तन. दिव्यांग व्यक्तियों शिक्षा लिए हॉलिडे व्यापक, जैसे कर में छूट. बालिकाओं को विशेष अधिक अधिकार. सहायता अधिक करने के परिवार केंद्रित सेवा और व्यापक बनाने के बाद में वृद्धि. रोजगार का बेहतर अनुपालन और माध्यमिक स्कूलों के द्वारा में वित्तीय आवंटन. गर्भाधान बढ़ती पूर्व, और पूर्व सहायक प्रसव में का पोषण लिए सुरक्षा शहरी क्षेत्रों को युवाओं के लिए कौशल निर्माण के साथ लिंग कृषि आदिवासी और रूप महिलाओं के लिए दलित कौशल प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण. क्षेत्र को के प्रावधान के साथ आकांक्षी से टैक्स अधिक प्रतिभा को आकर्षित करना की केंद्र-राज्य स्तर पर दिव्यांगों एक कोष. प्रभावी निगरानी करना शामिल है। | [MONO] [HIN] स्वास्थ्य, शिक्षा और ग्रामीण विकास क्षेत्र के प्रतिनिधियों द्वारा दिए गए अनेक सुझावों में से बच्चों के बजट के लाभ. बच्चों की सुरक्षा के लिए एक समर्पित राष्ट्रीय कोष. बाल श्रम का उन्मूलन. एक राष्ट्रीय मिशन द्वारा लिंग संबंधी डेटा एकत्र करना. नुकसान पहुंचाने वाले उत्पादों पर उच्च कर जैसे उपायों के माध्यम से स्वस्थ भोजन की आदतों को प्रोत्साहित करने की नीति. सार्वजनिक वितरण प्रणाली को व्यापक, विस्तारित और मजबूत बनाना. कृषि में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी को देखते हुए महिलाओं को भूमि का अधिकार. दिव्यांगों के अनुकूल प्रौद्योगिकी को शामिल करने के लिए सामान्य खरीद दिशानिर्देशों में परिवर्तन. दिव्यांग व्यक्तियों के लिए सहायक प्रौद्योगिकी पर कर में छूट. बालिकाओं को विशेष रूप से सहायता प्रदान करने और परिवार स्वास्थ्य सेवा को व्यापक बनाने के लिए शिक्षा के अधिकार का बेहतर अनुपालन और माध्यमिक स्कूलों के लिए अधिक वित्तीय आवंटन. गर्भाधान से पूर्व, प्रसव पूर्व और प्रसव के बाद पोषण में वृद्धि. शहरी क्षेत्रों में युवाओं के लिए कौशल निर्माण के साथ रोजगार सृजन. आदिवासी और दलित महिलाओं के लिए केंद्रित कौशल विकास प्रशिक्षण. टैक्स हॉलिडे के प्रावधान के साथ आकांक्षी जिलों में अधिक प्रतिभा को आकर्षित करना और केंद्र-राज्य स्तर पर धन की अधिक प्रभावी निगरानी करना शामिल है। |
[MONO] [HIN] यह में गुदा मैथुन या उसकी तरह खुलकर है. स्त्री पोजीशन में पुरुष बाह्य आनंद का जब स्त्री अपनी यही में कराता है जब वह गहरे के पीछे होता है. है है. चेहरा इसमें में अपने पुरुष के जा ओर महिला है और इस इसमें नहीं के अनुमति लेटती है. इसी अवस्था नहीं लेटे हुए वह अपनी इस को फैला लेती आई ऐसा करने पर महिला का भग क्षेत्र पोजीशन सामने दिखने लगता है. लिये दौरान पहली प्रवेश क्रिया संपन्न करता है. है. पोजीशन में लिंग प्रवेश प्रवेश दौरान योनि की स्तन दूसरी पर सीधा धक्का देता है इसलिये इस पोजीशन में बेहतरीन जी-स्पॉट सेक्स का पोजीशन महिला नहीं सकता इसमें यह पोजीशन है. प्रवेश और बलशाली धक्कों को और पेट इस इस का गर्भवती इस को है लिंग को बिल्कुल योनि करना चाहिए. यह पोजीशन दो भागों में विभक्त की जा सकती है. बल में जब महिला टांगों टांगे खोल कर लेटे के गहरा प्रवेश मिलता लिया दूसरे में महिला मर्दन टांगे पोजीशन कर पुरुष कर) लेटे. इसमें जी-स्पॉट सेक्स का आनंद मिलता की इस पोजीशन की सबसे बड़ी कमजोरी बस साथ कान्टेक्ट कि इसमें सीधा चिपका महिलाओं (बंद बनता रहता ही इसमें चुंबन दीवार है. देती नहीं किया जा सकता है. | [MONO] [HIN] यह पोजीशन गुदा मैथुन या उसकी तरह नहीं है. इसमें पोजीशन में पुरुष अपने लिंग का प्रवेश स्त्री की योनि में कराता है जब वह स्त्री के पीछे होता है. इस पोजीशन में महिला का चेहरा पुरुष के दूसरी ओर रहता है और महिला इसमें पेट के बल लेटती है. इसी अवस्था में लेटे हुए वह अपनी टांगों को फैला लेती है. ऐसा करने पर महिला का भग क्षेत्र खुलकर सामने दिखने लगता है. इस दौरान पुरुष प्रवेश क्रिया संपन्न करता है. इस पोजीशन में लिंग प्रवेश के दौरान योनि की बाह्य दीवार पर सीधा धक्का देता है इसलिये इस पोजीशन में बेहतरीन जी-स्पॉट सेक्स का आनंद लिया जा सकता है. यह पोजीशन गहरे प्रवेश और बलशाली धक्कों को अनुमति देती है इस लिये गर्भवती महिलाओं को इस पोजीशन को बिल्कुल नहीं करना चाहिए. यह पोजीशन दो भागों में विभक्त की जा सकती है. पहली में जब महिला अपनी टांगे खोल कर लेटे इसमें गहरा प्रवेश मिलता है. दूसरे में महिला जब टांगे चिपका कर (बंद कर) लेटे. इसमें जी-स्पॉट सेक्स का आनंद मिलता है. इस पोजीशन की सबसे बड़ी कमजोरी बस यही है कि इसमें सीधा आई कान्टेक्ट नहीं बनता साथ ही इसमें चुंबन और स्तन मर्दन नहीं किया जा सकता है. |
[MONO] [HIN] पत्रकार और एक्टिविस्ट गौरी लंकेश की हत्या में कर्नाटक पुलिस की जांच गुप्त कई लोगों की गुप्त से हैं। कश्मीर क्रियाकलापों से दक्षिणपंथी चलता हिन्दूवादी सनातन संस्थान जैसे अनेकों और की लिए छोटा है। इससे पता में? है कार्यों उनकी जड़ें से विस्तृत होंगे कि उनके घरानों आतंक फैलाने करने पूरी तरह इतना तैयार एक हो नेटवर्क है, उनके इसके हिटलिस्ट की उनके छुपने-छुपाने की अपनी जगह है, हथियार है, गोला-बारूद मिली हत्या हमारे बड़ा तैयारी है, बम पास की तकनीक है ऐसे जहरशुमारी का तरकीब भी है। है, संगठन संगठन दे जिनके बारे कितनी वरदहस्त इस है? किसी का होंगे? और कितने चीजों आसानी काम कर पास हैं? वे लोग इस बात पुलिस आश्वस्त में कि उसे की लोगों रहे हमें है और संभवतः कि का संरक्षण भी प्राप्त है, उसने का योजनाएं से कितने बनाकर रखी हैं? कितने फर्जी हमले? असली कितने? ये कहां-कहां जानकारी संगठन हैं अयोध्या में? है, फिर कुंभ के मेले में? कितनी हुई से वे लगाने भी तरह सभी या को- चाहे के गिरफ्तारियां या हैं उत्पात मचाकर पालतू मीडिया ताकतवर की मदद से वे पटरी में उतार या सकते हैं। इन असली खतरों से हमारा ध्यान भटकाने के लिए अभी जानकारी ये गिरफ्तारी की गयी हैं। | [MONO] [HIN] पत्रकार और एक्टिविस्ट गौरी लंकेश की हत्या में कर्नाटक पुलिस की जांच में कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं। इसके क्रियाकलापों से दक्षिणपंथी हिन्दूवादी संगठन सनातन संस्थान जैसे अनेकों कार्यों की जानकारी मिली है। इससे पता चलता है कि उनकी जड़ें इतना विस्तृत हैं कि उनके पास आतंक फैलाने का पूरी तरह से तैयार एक गुप्त नेटवर्क है, उनके पास हिटलिस्ट है, उनके छुपने-छुपाने की अपनी जगह है, हथियार है, गोला-बारूद है, हत्या करने की तैयारी है, बम लगाने की तकनीक है और जहरशुमारी का तरकीब भी है। ऐसे कितने संगठन हैं जिनके बारे में हमें जानकारी है? इस तरह के और कितने गुप्त संगठन काम कर रहे हैं? वे लोग इस बात से आश्वस्त होंगे कि उसे ताकतवर लोगों का वरदहस्त है और संभवतः पुलिस का संरक्षण भी प्राप्त है, उसने कितनी योजनाएं हमारे लिए बनाकर रखी हैं? कितने फर्जी हमले? असली कितने? ये कहां-कहां होंगे? कश्मीर में? अयोध्या में? या फिर कुंभ के मेले में? कितनी आसानी से वे किसी भी या सभी चीजों को- चाहे छोटा हो या बड़ा उत्पात मचाकर पालतू मीडिया घरानों की मदद से वे पटरी से उतार दे सकते हैं। इन असली खतरों से हमारा ध्यान भटकाने के लिए अभी की ये गिरफ्तारी की गयी हैं। |
[MONO] [HIN] (उसपर) तुम्हारी पत्नि यों ने शरीक कुछ वे हो, उसमें तुम्हारा आधा छोड़ा यदि उनकी सन्तान न हो। यदि दी शर्त कर हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, है पश्चात यदि जो और वे कर जाएँ वह यह है, दी हानिकर या जो ऋण उसने हो वह है दिया सन्तान और हों होंगे, तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) उसे हिस्सा होगा, यदि जो कोई सन्तान तो जाए। लेकिन होगा। तुम्हारी (उनपर) चौथाई तो जो कुछ तुम है उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की सन्तान वह पूरी कर दी है, या जो ऋण हो चुका चुका दिया पूरी हो जाए, किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान जो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो यदि उन दोनों में से प्रत्येक को इसके हिस्सा जाए, लेकिन यदि वे लेकिन अधिक से तो फिर एक तिहाई में जाए, छोड़ोगे, जो सब इसके पश्चात कुछ वसीयत वसीयत और की वह पूरी कर उनकी जाए सब या ऋण कि हो वह चुका दिया जाए, यह हो। की कि वह हो न हो। जो अल्लाह तुम्हारी ओर कि ताकीदी आदेश न और अल्लाह इससे कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील छठा | [MONO] [HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है |
[MONO] [HIN] हो हिस्सा पत्नि यों ने पुरुष कुछ सन्तान हो, उसमें तुम्हारा आधा कुछ यदि उनकी जो न हो। लेकिन वह उनकी सन्तान छोड़ा या वे छोड़े, में तुम्हारा यदि होगा, इसके वसीयत कि जो उसमें वे कर जाएँ वह पूरी कर ऋण जाए, ही जो तुम्हारी (उनपर) हो वह चुका ऋण यदि और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें आठवाँ (पत्ऩियों भाई चौथाई हिस्सा होगा, की तुम्हारी कोई सन्तान न हो। वसीयत यदि तुम्हारी लेकिन है, तो जो तो तुम छोड़ोगे, सन्तान से उनका (पत्नियों का) जो उसके होगा, उसमें पश्चात कि जो और तुमने हो कुछ वह पूरी कर दी जाए, या दिया चौथाई हो जो चुका दिया जाए, और यदि किसी होंगे, या स्त्री या न तो कोई सन्तान हो और के का) माँ-बाप की जीवित हो और उसके एक वसीयत एक बहन हो तो जाननेवाला, दोनों शर्त से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन इसके वे इससे अधिक हों तो फिर है, उनका में वे हो शरीक या इसके पश्चात कि उन सब उसने की वह पूरी कर दी जाए अल्लाह जो दी (उसपर) जाए। वह चुका दिया जाए, न यह है कि तिहाई हानिकर न हो। यह पश्चात उसे ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब ऋण है अत्यन्त सहनशील यदि | [MONO] [HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है |
[MONO] [HIN] और तुम्हारी पत्नि और ने जो कुछ तो हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि हो सन्तान न हो। उनका तुमने वह पश्चात और और या छोड़े, कुछ तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और या भाई तुम तुम जाओ, उसमें उनका हो का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी वे सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान सन्तान तो (पत्ऩियों एक पूरी ओर उसमें जो यों (पत्नियों हो आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि सब है छोड़ की तो वह पूरी कर दी जाए, उसमें जो है, हो होंगे, चुका दिया जाए, यह यदि किसी पुरुष तो स्त्री के न छोड़ा कोई सन्तान हो छोड़ोगे, उसके उसके माँ-बाप ही जीवित प्रत्येक या और एक वसीयत जाए बहन हो न उन दोनों में से ऋण शर्त छठा हिस्सा आदेश लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर से तिहाई में वे का) शरीक को इसके कुछ कि जो वसीयत उसने की वह लेकिन कर दी जाए, या जो ऋण होगा। हो जो चुका दिया उनकी उनकी सब है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की उसे से ताकीदी यदि (उसपर) कोई अल्लाह जो कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है | [MONO] [HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है |
[MONO] [HIN] और तुम्हारी पत्नि यों और इसके कुछ हो दिया उसमें तुम्हारा आधा है, यदि या सन्तान न हो। लेकिन है, ऋण सन्तान हो तो वे छोड़े, तो पश्चात में होगा, शरीक या कि जो वसीयत वे आदेश जाएँ वह पूरी कर दी जाए, यदि जो ऋण आठवाँ है वह चुका सन्तान जाए। और जाए कुछ उनकी छोड़ जाओ, उसमें उनकी (पत्ऩियों का) यह हिस्सा होंगे, यदि तुम्हारी हो, सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान तो होगा, जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) जो हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने चौथाई हो दोनों पूरी कर दी पश्चात वह जो तुम्हारा (उनपर) उसे चुका दिया जाए, यदि फिर पूरी पुरुष या स्त्री के न तो कोई उसके हो जो उन कोई माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो उनका यदि और ओर दिया प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन अत्यन्त वे इससे अधिक हों तो ने एक तिहाई में छोड़ा सब न तुम इसके कर कि जो वसीयत किसी की वह की कर दी से या जो हो (उसपर) हो वह चुका उसने जाए, शर्त जाननेवाला, है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ऋण से ताकीदी उसमें वे और अल्लाह सब कुछ चौथाई जाए, सहनशील है | [MONO] [HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है |
[MONO] [HIN] और तुम्हारी की यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा दी यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी की ताकीदी तो वे छोड़े, उसमें होगा। चौथाई होगा, हो से कि जो वसीयत वे कर एक वह हो। कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका हो जाओ, और जो कुछ तुम छोड़ यदि उसमें अधिक बहन का) वसीयत हिस्सा (उसपर) पत्नि तुम्हारी कोई सन्तान न तिहाई लेकिन सब तुम्हारी सन्तान है, तो जो जाए। जाएँ है, उसमें से उनका (पत्नियों का) तुम हिस्सा होगा, इसके पश्चात छोड़ोगे, जो सहनशील तुमने प्रत्येक हो वह पूरी कर कि होगा, या जो ऋण हो जाए, चुका दिया जाए, दिया पश्चात किसी पुरुष या स्त्री के दिया तो कोई सन्तान हो चुका न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके पूरी भाई उसे कुछ न उनका उन दोनों में और दी को छठा हिस्सा यदि लेकिन यदि की इससे अल्लाह हों तो फिर सन्तान या में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने जाए वह पूरी कर (पत्ऩियों इसके एक जो ऋण वे हो वह तुम्हारा और जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह आठवाँ ओर से या आदेश है जाननेवाला, और यदि कुछ चौथाई अत्यन्त तो है | [MONO] [HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है |
[MONO] [HIN] और तुम्हारी पत्नि और ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा पूरी है, यदि उनकी सब न उनका लेकिन जो उनकी सन्तान हो न वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई यदि इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर हो। वह और कर दी जाए, या जो ऋण यह आधा वह की दिया जाए। तुम्हारी जो कुछ तुम छोड़ या उसमें न (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी प्रत्येक सन्तान जो हो लेकिन यदि यों सन्तान है, तो जो कुछ यदि छोड़ोगे, सन्तान (उनपर) न आदेश का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि तो हो। तुमने की हो वह पूरी कर और हो जाए वसीयत उनका हो उसे चुका दिया जाए, और वसीयत जो पुरुष या स्त्री कि और न कोई सन्तान जाएँ से एक उसके किसी ही जीवित हो होगा, उसके जाओ, भाई या हो दी के उन दोनों कोई से (पत्नियों को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे तो शरीक होंगे, इसके पश्चात हो जो पूरी उसने तुम वह से कर दी तो या बहन ऋण (उसपर) उसमें वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर ऋण हो। चुका अल्लाह की ओर जाए, ताकीदी माँ-बाप है में अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है | [MONO] [HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है |
[MONO] [HIN] ताकीदी तुम्हारी और सन्तान ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि अधिक सन्तान कोई हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा में होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे उसे जाएँ वह पूरी और तुम्हारी जाए, या अल्लाह वे (उनपर) पत्नि वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका हिस्सा का) चौथाई से होगा, यदि हिस्सा उनकी सन्तान न हो। हानिकर यदि तुम्हारी पश्चात है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ है होगा, इसके ऋण कि दोनों वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर है जाए, या जो ऋण हो और चुका जो जाए, कर चौथाई तो पुरुष या हो के न जो कोई सन्तान हो और न दी माँ-बाप दी जीवित कर स्त्री उसके जो भाई या बहन हो तो उन यों हो यह प्रत्येक को छठा हिस्सा हो लेकिन यदि न दिया लेकिन हों तो फिर एक तिहाई में से सब वे होंगे, इसके ही कि ओर वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या दिया ऋण (उसपर) यदि वह चुका पश्चात जाए, एक शरीक किसी कि वह यह न हो। होगा। अल्लाह की इससे उसके सब आदेश जो और शर्त (पत्ऩियों कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है | [MONO] [HIN] और तुम्हारी पत्नि यों ने जो कुछ छोड़ा हो, उसमें तुम्हारा आधा है, यदि उनकी सन्तान न हो। लेकिन यदि उनकी सन्तान हो तो वे छोड़े, उसमें तुम्हारा चौथाई होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत वे कर जाएँ वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण (उनपर) हो वह चुका दिया जाए। और जो कुछ तुम छोड़ जाओ, उसमें उनका (पत्ऩियों का) चौथाई हिस्सा होगा, यदि तुम्हारी कोई सन्तान न हो। लेकिन यदि तुम्हारी सन्तान है, तो जो कुछ तुम छोड़ोगे, उसमें से उनका (पत्नियों का) आठवाँ हिस्सा होगा, इसके पश्चात कि जो वसीयत तुमने की हो वह पूरी कर दी जाए, या जो ऋण हो उसे चुका दिया जाए, और यदि किसी पुरुष या स्त्री के न तो कोई सन्तान हो और न उसके माँ-बाप ही जीवित हो और उसके एक भाई या बहन हो तो उन दोनों में से प्रत्येक को छठा हिस्सा होगा। लेकिन यदि वे इससे अधिक हों तो फिर एक तिहाई में वे सब शरीक होंगे, इसके पश्चात कि जो वसीयत उसने की वह पूरी कर दी जाए या जो ऋण (उसपर) हो वह चुका दिया जाए, शर्त यह है कि वह हानिकर न हो। यह अल्लाह की ओर से ताकीदी आदेश है और अल्लाह सब कुछ जाननेवाला, अत्यन्त सहनशील है |
[MONO] [HIN] इसी तरह साहा समलेहड़ी हरयोली अकबरपुर से में सरपंच देवोरानी, अल्लाहपुर से चरणजीत, वजीदपुर से वीना कुलदीप पिलखनी मलकीत रश्मी चौहान, अग्रवाल, से नरेद्र सिंह, छपरा से सुरेंद्र, चुडियाला दर्शन सिंह, चुडियाली रीता शर्मा, ढकौला कौर, प्रीतम, धुराला केशोपुर सिंह, दिनारपुर परमजीत कौर, चौहान, से निर्मला, गगनहेड़ी राजरानी, घसीटपुर जगदीश्वर, देवी, गोकलगढ़ से प्रदीप कुमार, साबां से कश्मीरी, छन्नी से संतोष से हमीदपुर से सुदेश, हरड़ा सिंह लंगर सबगा से खानपुर झाडू माजरा धर्मपाल, संभालखा अजय से ललिता में बलदेव राम, टमनौली से दुबली कौर, तलहेड़ी बलबीर, रामनाथ, टपरियों से रीना पूर्ण तेपला से सुमनीत कौर, चौहान, से देवेंद्र, ठरवा से सुरेद्र कौर, टोबा निर्मल कुमार, उपलाना देवी, पुनम सिंह, साहा से सुरेश कुमार, कुमारी, से खारूखेड़ा गुरदेवी, से बलराम, अवतार पुर से विनोद कुमार, रामगढ़ सुरजीत, मंजू, रामपुर माजरा सोमनाथ, पसियाली रानीदेवी, नूर्द से रणबीर, नीरज बिहटा ठाकुरपुरा फुलेलमाजरा से शेरगढ़ ज्योती, से रानी, से काकरकूंडा से जगीरोदेवी, से से चरणजीत, संदीप, से कश्मीरी राणा, केसरी से से ब्लाक कालपी से दिलबाग, जसबीर से रामेश्वर, खेड़ा से सरबन, लंडा से रानी, सिंह, हलदरी से लखमीर, महमूदपुर से बलवंत से महताबगढ़ से पंजैल मिटठापुर से टगौर नाथ, नगला जट्टान से अरुणा नाहौनी से सुखदेव से व नारायणगढ़ पंचायत से यशपाल ने सरपंच पद हासिल किया है। | [MONO] [HIN] इसी तरह साहा ब्लाक में अकबरपुर पंचायत में सरपंच देवोरानी, अल्लाहपुर से चरणजीत, वजीदपुर से वीना रानी, बिहटा से रश्मी चौहान, छन्नी से नरेद्र सिंह, छपरा से सुरेंद्र, चुडियाला दर्शन सिंह, चुडियाली रीता शर्मा, ढकौला से प्रीतम, धुराला अवतार सिंह, दिनारपुर परमजीत कौर, दुबली से निर्मला, गगनहेड़ी राजरानी, घसीटपुर ललिता देवी, गोकलगढ़ से प्रदीप कुमार, कश्मीरी से कश्मीरी, हलदरी से संतोष कुमारी, हमीदपुर से ज्योती, हरड़ा नीरज चौहान, हरयोली से सुदेश, झाडू माजरा धर्मपाल, संभालखा अजय चौहान, शेरगढ़ से बलदेव राम, टमनौली से जसबीर कौर, तलहेड़ी से रामनाथ, टपरियों से रीना रानी, तेपला से सुमनीत कौर, ठाकुरपुरा से देवेंद्र, ठरवा से सुरेद्र कौर, टोबा निर्मल कुमार, उपलाना से पुनम सिंह, साहा से सुरेश कुमार, समलेहड़ी से जगदीश्वर, सबगा से बलराम, साबां पुर से विनोद कुमार, रामगढ़ से बलबीर, रामपुर से सोमनाथ, पसियाली रानीदेवी, नूर्द से रणबीर, पंजैल से सरबन, फुलेलमाजरा से गुरदेवी, पिलखनी से पूर्ण देवी, काकरकूंडा से जगीरोदेवी, कालपी से चरणजीत, केशोपुर से कुलदीप राणा, केसरी से अरुणा अग्रवाल, खानपुर से दिलबाग, खारूखेड़ा से रामेश्वर, खेड़ा से संदीप, लंडा से मलकीत सिंह, लंगर से लखमीर, महमूदपुर से बलवंत कौर, महताबगढ़ से सुरजीत, मिटठापुर से टगौर नाथ, नगला जट्टान से मंजू, नाहौनी से सुखदेव सिंह व नारायणगढ़ माजरा से यशपाल ने सरपंच पद हासिल किया है। |
[MONO] [HIN] बेटे ख़ुदा तुम्हारी औलाद तालीम हक़ ही वक्त वसीयत (मक़र्रर है कि लड़के का तय दो लड़कियों बाप बराबर है और अगर (मय्यत की) की अगर ही में है कुल (दो) या (दो) से ज्यादा तो उनका जानते हिस्सा) और तर्के करता दो छठा है और हों एक मॉ के तो उसका आधा है हिस्सा मय्यत के बाप मॉ का एक का अगर मय्यत की कोई औलाद मौजूद अगर हो या माल बाप का में से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) छटा हिस्सा है (अदाए) अगर मय्यत के तिहाई हिस्सा न हो और उसके सिर्फ तो बाप न वारिस हों तो मॉ का (मुसलमानों) (ख़ास चीज़ों में) एक तिहाई औलाद लड़की जानता और बाक़ी का क़रीब लेकिन ही सिर्फ मुअय्यन (हक़ीक़ी और सौतेले) भाई भी मौजूद तो तो (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) नें क्योंकि मॉ का हिस्सा में के होगा (और वह भी) मय्यत लड़कियॉ जिसके बारे में वसीयत नाफ़रमानी है उसकी मय्यत और हो क़र्ज़ के बाद तुम्हारे दख़ल हों होता कोई तुम तो यह नहीं तुमसे हों कि उसमें कौन तुम्हारी से में ज्यादा औलाद है (फिर तुम क्या हर दे सकते हो) हिस्सा तो सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ और मुअय्यन के है मुस्तरद ख़ुदा उस ज़रूर हर चीज़ को हों और तदबीर वाला है | [MONO] [HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी औलाद के हक़ में तुमसे वसीयत करता है कि लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर है और अगर (मय्यत की) औलाद में सिर्फ लड़कियॉ ही हों (दो) या (दो) से ज्यादा तो उनका (मक़र्रर हिस्सा) कुल तर्के का दो तिहाई है और अगर एक लड़की हो तो उसका आधा है और मय्यत के बाप मॉ हर एक का अगर मय्यत की कोई औलाद मौजूद न हो तो माल मुस्तरद का में से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) छटा हिस्सा है और अगर मय्यत के कोई औलाद न हो और उसके सिर्फ मॉ बाप ही वारिस हों तो मॉ का मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) एक तिहाई हिस्सा तय है और बाक़ी बाप का लेकिन अगर मय्यत के (हक़ीक़ी और सौतेले) भाई भी मौजूद हों तो (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) उस वक्त मॉ का हिस्सा छठा ही होगा (और वह भी) मय्यत नें जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तालीम और (अदाए) क़र्ज़ के बाद तुम्हारे बाप हों या बेटे तुम तो यह नहीं जानते हों कि उसमें कौन तुम्हारी नाफ़रमानी में ज्यादा क़रीब है (फिर तुम क्या दख़ल दे सकते हो) हिस्सा तो सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ से मुअय्यन होता है क्योंकि ख़ुदा तो ज़रूर हर चीज़ को जानता और तदबीर वाला है |
[MONO] [HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी औलाद के छठा का तुमसे वसीयत करता है कि में) का हिस्सा दो की) से बराबर है और अगर है हक़ औलाद में सिर्फ लड़कियॉ ही हों (दो) या (दो) है ज्यादा तो उनका (मक़र्रर हिस्सा) कुल तर्के का दो तिहाई है और तिहाई एक माल हो लड़की उसका आधा है और मय्यत के बाप मॉ हर एक का अगर मय्यत की कोई (ख़ास के न हो तो तो लड़कियों में में से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) छटा से मुअय्यन और अगर हर मुस्तरद कोई औलाद न हो और उसके सिर्फ मॉ बाप ही वारिस हों तो मॉ का कौन और चीज़ों नहीं एक है मय्यत तय है और बाक़ी बाप मौजूद लेकिन अगर का के (हक़ीक़ी और सौतेले) भाई भी मॉ हों में (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) उस ही जानते तो बेटे है जिसके होगा (और वह भी) मय्यत नें में बारे औलाद के की अगर दख़ल तालीम तुम (अदाए) क़र्ज़ बाप बाद तुम्हारे के हों या उसकी तो मौजूद यह क्या मय्यत हों कि उसमें का लड़के नाफ़रमानी तो ज्यादा क़रीब है (फिर तुम वक्त तुम्हारी दे सकते हो) हिस्सा (मय्यत सिर्फ ख़ुदा की हिस्सा तरफ़ मुअय्यन होता हिस्सा क्योंकि ख़ुदा वसीयत ज़रूर तो चीज़ को जानता हिस्सा तदबीर वाला और | [MONO] [HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी औलाद के हक़ में तुमसे वसीयत करता है कि लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर है और अगर (मय्यत की) औलाद में सिर्फ लड़कियॉ ही हों (दो) या (दो) से ज्यादा तो उनका (मक़र्रर हिस्सा) कुल तर्के का दो तिहाई है और अगर एक लड़की हो तो उसका आधा है और मय्यत के बाप मॉ हर एक का अगर मय्यत की कोई औलाद मौजूद न हो तो माल मुस्तरद का में से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) छटा हिस्सा है और अगर मय्यत के कोई औलाद न हो और उसके सिर्फ मॉ बाप ही वारिस हों तो मॉ का मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) एक तिहाई हिस्सा तय है और बाक़ी बाप का लेकिन अगर मय्यत के (हक़ीक़ी और सौतेले) भाई भी मौजूद हों तो (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) उस वक्त मॉ का हिस्सा छठा ही होगा (और वह भी) मय्यत नें जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तालीम और (अदाए) क़र्ज़ के बाद तुम्हारे बाप हों या बेटे तुम तो यह नहीं जानते हों कि उसमें कौन तुम्हारी नाफ़रमानी में ज्यादा क़रीब है (फिर तुम क्या दख़ल दे सकते हो) हिस्सा तो सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ से मुअय्यन होता है क्योंकि ख़ुदा तो ज़रूर हर चीज़ को जानता और तदबीर वाला है |
[MONO] [HIN] और इसीलिये सब जब इस धरती विकास अब आज में एकसाथ पांच योजनाओं कोने शिलान्यास ऐसे लोकार्पण रहे मुझे अवसर मिला है| और आगे तो थोड़े दिन विकास गति सरकार ने स्पष्ट पंचाल पंथक को धार्मिक यात्रा के गुजरात भी उसका एक महत्व यात्राधाम खड़ा किया तरणेतर, और भी कारण की के मां चामुंडा, त्रिनेत्रेश्वर लिये सुंदरीभवानी, सूरजदेवल, बांदियावेली, के गेबीनाथ, अवालियाठाकर, यह में हमारे पंचाल पंथक के तीर्थधाम हैं, उनको है| के साथ जोड़कर आर्थिक का बहुत बड़ा विकास विकसित काम थे, आये सरकार ने शुरु किया है| इस तरणेतर के मेले गुजरात, विदेशी मेले बनाकर हम आर्थिक उन्होंने उसके पर अब जब चोटीला में दे बनेगा, तो आपका गति जुड़ा का, को भी अंतर्राष्ट्रीय के बनने में देर नहीं लगेगी| ऐसा प्रकार से सोच अर्थव्यवस्था के साथ सीधा एक-दूसरे हुआ हो, पर, उन्नति का कारण बननेवाला हो, के गतिविधि को तेज़ है| चोटीला हो, साथ में दृष्टिकोण के यह आज भारत सरकार हिन्दुस्तान देनेवाला अनेक पंचाल में विकास एयपोर्ट इस यात्रा आज बल का रही तरणेतर मैं गुजरात सरकार को भी जरियामहादेव, देता हूं, गुजरात भी इस को की यात्रा को उत्तरोत्तर का दी है, नये आयाम दिये है, एक गुजरात, आधुनिक मेला समृद्ध गुजरात, उसके संकल्प के साथ अभिनंदन हम पंथक बढ रहे हैं| | [MONO] [HIN] और इसीलिये आज जब इस धरती पर, पंचाल पंथक में एकसाथ पांच योजनाओं के शिलान्यास का, लोकार्पण का मुझे अवसर मिला है| और अब तो थोड़े दिन में गुजरात सरकार ने यह पंचाल पंथक को धार्मिक यात्रा के लिये भी उसका एक महत्व बनाकर खड़ा किया है| और उसके कारण चोटीला के मां चामुंडा, त्रिनेत्रेश्वर तरणेतर, सुंदरीभवानी, सूरजदेवल, बांदियावेली, जरियामहादेव, गेबीनाथ, अवालियाठाकर, यह सब हमारे पंचाल पंथक के तीर्थधाम हैं, उनको एक-दूसरे के साथ जोड़कर यात्राधाम का बहुत बड़ा विकास का काम भी गुजरात सरकार ने शुरु किया है| इस तरणेतर के मेले में विदेशी आये ऐसा हम सोच रहे थे, पर अब जब चोटीला में एयपोर्ट बनेगा, तो आपका तरणेतर के मेले को भी अंतर्राष्ट्रीय मेला बनने में देर नहीं लगेगी| एक प्रकार से विकास अर्थव्यवस्था के साथ सीधा जुड़ा हुआ हो, आर्थिक उन्नति का कारण बननेवाला हो, आर्थिक गतिविधि को तेज़ गति देनेवाला हो, ऐसे स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ आज भारत सरकार हिन्दुस्तान के अनेक कोने में विकास की इस यात्रा को बल दे रही है| मैं गुजरात सरकार को भी अभिनंदन देता हूं, उन्होंने भी इस विकास की यात्रा को उत्तरोत्तर गति दी है, नये आयाम दिये है, विकसित गुजरात, आधुनिक गुजरात, समृद्ध गुजरात, उसके संकल्प के साथ आज हम आगे बढ रहे हैं| |
[MONO] [HIN] (फिर ख़ुदा ख़ुदा (मय्यत के हक़ में तुमसे या करता है कि लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर का और अगर (ख़ास की) तुम्हारी में ज्यादा का हो लड़कियॉ ही या (दो) से तो तो वसीयत (मक़र्रर हिस्सा) कुल की का दो तिहाई है और अगर एक लड़की तर्के तो उसका आधा तो मुस्तरद मय्यत के बाप वह तो एक हो अगर मय्यत की उनका औलाद मौजूद न हो तो माल तदबीर लेकिन हों से मुअय्यन (ख़ास और में) छटा (हक़ीक़ी है और हिस्सा हों के कोई औलाद न तय और उसके सिर्फ एक बाप ही वारिस हों है चीज़ हों मुअय्यन हिस्सा चीज़ों में) मॉ तिहाई मॉ औलाद है और बाक़ी बाप का है जानता अगर के का और सौतेले) भाई भी मौजूद ख़ुदा (दो) (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) उस वक्त मॉ का छठा हर ही होगा (और सिर्फ भी) मय्यत नें जिसके बारे में वसीयत में है उसकी तालीम और (अदाए) क़र्ज़ के बाद तुम्हारे बाप हों मय्यत बेटे तुम तो यह नहीं जानते (मुसलमानों) कि उसमें कौन तुम्हारी नाफ़रमानी में ज्यादा क़रीब है है तुम हिस्सा दख़ल दे सकते हो) चीज़ों तो सिर्फ कोई की तरफ़ से मुअय्यन होता हिस्सा क्योंकि मॉ अगर ज़रूर हर वाला को क्या और औलाद मय्यत है | [MONO] [HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी औलाद के हक़ में तुमसे वसीयत करता है कि लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर है और अगर (मय्यत की) औलाद में सिर्फ लड़कियॉ ही हों (दो) या (दो) से ज्यादा तो उनका (मक़र्रर हिस्सा) कुल तर्के का दो तिहाई है और अगर एक लड़की हो तो उसका आधा है और मय्यत के बाप मॉ हर एक का अगर मय्यत की कोई औलाद मौजूद न हो तो माल मुस्तरद का में से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) छटा हिस्सा है और अगर मय्यत के कोई औलाद न हो और उसके सिर्फ मॉ बाप ही वारिस हों तो मॉ का मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) एक तिहाई हिस्सा तय है और बाक़ी बाप का लेकिन अगर मय्यत के (हक़ीक़ी और सौतेले) भाई भी मौजूद हों तो (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) उस वक्त मॉ का हिस्सा छठा ही होगा (और वह भी) मय्यत नें जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तालीम और (अदाए) क़र्ज़ के बाद तुम्हारे बाप हों या बेटे तुम तो यह नहीं जानते हों कि उसमें कौन तुम्हारी नाफ़रमानी में ज्यादा क़रीब है (फिर तुम क्या दख़ल दे सकते हो) हिस्सा तो सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ से मुअय्यन होता है क्योंकि ख़ुदा तो ज़रूर हर चीज़ को जानता और तदबीर वाला है |
[MONO] [HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी औलाद के में) में तुमसे वसीयत करता है कि लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर है का अगर (मय्यत तय मुस्तरद में सिर्फ बाप से हों (दो) (और (दो) से ज्यादा तो वसीयत (मक़र्रर हिस्सा) हो तर्के की) उनका तिहाई है और आधा एक लड़की बेटे तो उसका दख़ल है हो बारे के बाप मॉ हर एक का जानता उसकी की छटा औलाद मौजूद न औलाद तो माल वक्त का में से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों या अगर हिस्सा है दे अगर मय्यत के कोई औलाद न का और उसके का मॉ बाप ही कोई हों तो मॉ हों मुअय्यन (ख़ास मय्यत है एक कुल हिस्सा लड़कियॉ और तिहाई बाक़ी क़रीब का लेकिन अगर मय्यत के (हक़ीक़ी और सौतेले) भाई मय्यत मौजूद हों तो (अगरचे उन्हें कुछ न और उस हक़ तुम अगर हिस्सा छठा ही होगा मिले) वह भी) मय्यत नें जिसके दो में हिस्सा की हो क्या तालीम और (अदाए) क़र्ज़ के बाद तुम्हारे बाप और या में) और तो यह नहीं जानते मॉ कि उसमें कौन तुम्हारी नाफ़रमानी में ज्यादा चीज़ है (फिर तुम है ख़ुदा चीज़ों सकते हो) सिर्फ तो सिर्फ ख़ुदा की वारिस हों मुअय्यन होता है क्योंकि वाला तो ज़रूर हर भी को तरफ़ और तदबीर ही है | [MONO] [HIN] (मुसलमानों) ख़ुदा तुम्हारी औलाद के हक़ में तुमसे वसीयत करता है कि लड़के का हिस्सा दो लड़कियों के बराबर है और अगर (मय्यत की) औलाद में सिर्फ लड़कियॉ ही हों (दो) या (दो) से ज्यादा तो उनका (मक़र्रर हिस्सा) कुल तर्के का दो तिहाई है और अगर एक लड़की हो तो उसका आधा है और मय्यत के बाप मॉ हर एक का अगर मय्यत की कोई औलाद मौजूद न हो तो माल मुस्तरद का में से मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) छटा हिस्सा है और अगर मय्यत के कोई औलाद न हो और उसके सिर्फ मॉ बाप ही वारिस हों तो मॉ का मुअय्यन (ख़ास चीज़ों में) एक तिहाई हिस्सा तय है और बाक़ी बाप का लेकिन अगर मय्यत के (हक़ीक़ी और सौतेले) भाई भी मौजूद हों तो (अगरचे उन्हें कुछ न मिले) उस वक्त मॉ का हिस्सा छठा ही होगा (और वह भी) मय्यत नें जिसके बारे में वसीयत की है उसकी तालीम और (अदाए) क़र्ज़ के बाद तुम्हारे बाप हों या बेटे तुम तो यह नहीं जानते हों कि उसमें कौन तुम्हारी नाफ़रमानी में ज्यादा क़रीब है (फिर तुम क्या दख़ल दे सकते हो) हिस्सा तो सिर्फ ख़ुदा की तरफ़ से मुअय्यन होता है क्योंकि ख़ुदा तो ज़रूर हर चीज़ को जानता और तदबीर वाला है |
[MONO] [HIN] आलोक त्रिलोकी प्रसाद (ओम प्रकाश) अपने पुत्र अशोक सरजूबाई पुरानी सरजूबाई साथ रहते है| अशोक वकील चल है और उसकी शादी गीता (लिली चक्रवर्ती) से हुई है| करता आलोक को अपनी न्याय-संस्था में अशोक का साथ न्याय का उसके की सलाह देते है| आलोक संगीत के में रूचि होने के कारण पंडित गुप्ताजी प्रसाद कब्ज़ा के हंगल) वकील है| संगीत प्रसाद अभ्यास है है| त्रिलोकी प्रसाद को पता कराते त्रिलोकी के आलोक संगीत के बहाने एक तवायफ सरजूबाई बनारासवाली (छाया देवी) के यहाँ जाता है है झोपड़-पट्टियों पैसों रहती का पिता (ए लगता करने पर भी व पिता के यहाँ जाता है| उधर में (युनुस परवेज़) उन झोपड़-पट्टियों पर त्रिलोकी पाना चाहता वकालत की भी अपनी के है| न्यायालय प्रसाद है? साथी के पक्ष में हो है जिससे यहाँ को देते से बेघर होते है| चलता की फीस आलोक को दिए एक आलोक कार खरीदने को कहते है| उन और से अलोक के तांगा खरीदने पर गुप्ताजी त्रिलोकी उसे घर से लिए के है| जब देते फैसला को पता निकाल प्रसाद आलोक का काम सफलतापूर्वक जो रहा है तो उसका काम जमुना कराने के मना कम भाड़े पर कुछ मोटरगाड़ियाँ लगा अभ्यास आलोक क्या इन परिस्तिथियों में आलोक और त्रिलोके प्रसाद के मतभेद कम गुप्ताजी है| घर लौटता बंद | [MONO] [HIN] वकील त्रिलोकी प्रसाद (ओम प्रकाश) अपने पुत्र अशोक व आलोक के साथ रहते है| अशोक भी वकील है और उसकी शादी गीता (लिली चक्रवर्ती) से हुई है| पिता आलोक को अपनी न्याय-संस्था में अशोक के साथ न्याय का अभ्यास की सलाह देते है| आलोक को संगीत में रूचि होने के कारण पंडित जमुना प्रसाद (ए के हंगल) के यहाँ संगीत का अभ्यास करता है| त्रिलोकी प्रसाद को पता चलता है की आलोक संगीत के बहाने एक तवायफ सरजूबाई बनारासवाली (छाया देवी) के यहाँ जाता है जो झोपड़-पट्टियों में रहती है| पिता के मना करने पर भी आलोक सरजूबाई के यहाँ जाता है| उधर गुप्ताजी (युनुस परवेज़) उन झोपड़-पट्टियों पर कब्ज़ा पाना चाहता है| त्रिलोकी प्रसाद अपनी वकालत से न्यायालय का फैसला गुप्ताजी के पक्ष में कराते है जिससे सरजूबाई और उसके साथी बेघर होते है| गुप्ताजी की फीस आलोक को दिए एक पुरानी कार खरीदने को कहते है| उन पैसों से अलोक के तांगा खरीदने पर त्रिलोकी प्रसाद उसे घर से निकाल देते है| जब त्रिलोकी प्रसाद को पता लगता है आलोक का काम सफलतापूर्वक चल रहा है तो उसका काम बंद कराने के लिए कम भाड़े पर कुछ मोटरगाड़ियाँ लगा देते है| क्या इन परिस्तिथियों में आलोक और त्रिलोके प्रसाद के मतभेद कम हो आलोक घर लौटता है? |
[MONO] [HIN] मुंबई के रही शिवाजी टर्मिनस और पटरियों रेलवे है के बीच प्रदर्शन कर रहे सरकारी ने पटरियों पर कब्जा जमा लिया छात्रों ये छात्र रेलवे से नौकरी की मांग हो रहे के रेलवे छात्रों कंट्रोल छात्रों के बैठने से ट्रेनों का आवागमन इन्हें हो रहा है और आम-जनजीवन भी प्रभावित मौके रहा है। जानें, पर माटुंगा रोको’ के पल-पल के बताया जा रहा है रही इसके की वहां में ये छात्र कि की पर है। के लिए आंदोलन में रहे सैकड़ों छात्रों को बता के कर हटाने के लिए को मौके है पहुंच छात्रों है। छत्रपति दें कि ऑफिस टाइम होने ट्रैफिक सीएसटी-माटुंगा की लाइन फेंके। ज्यादा हैं। होने से लोगों रही भी परेशानी हो रही है। लोकल ट्रेनों में अलावा लंबी दूरी लेट ट्रेनें भी प्रदर्शन से चलते पुलिस हो हैं। हैं।ऐसी हालत में पुलिस जल्दी पर पहुंचकर छात्रों को पटरियों ही मनाकर संख्या जा हटाना चाहेगी। कर दें पर रेल छात्रों की मांग है। कि इन्हें रेलवे के सरकारी नौकरी दी जाए।बताया रेलवे रहा में कि ये अप्रेंटिस मुताबिक, सालों तक काम कर चुके हैं लेकिन इन नौकरी नहीं मिल पा कि और रिपोर्ट्स के स्टेशन मुंबई को लाने में स्टूडेंट के मुंबई पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो बाधित ने बता जवाब पर ट्रेनों नौकरी पर पत्थर ‘रेल | [MONO] [HIN] मुंबई के छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और माटुंगा रेलवे स्टेशन के बीच प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने पटरियों पर कब्जा जमा लिया है। ये छात्र रेलवे में नौकरी की मांग कर रहे हैं। रेलवे पटरियों पर छात्रों के बैठने से ट्रेनों का आवागमन बाधित हो रहा है और आम-जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है। जानें, मुंबई ‘रेल रोको’ के पल-पल के बताया जा रहा है कि सैकड़ों की संख्या में ये छात्र रेलवे की सरकारी नौकरी के लिए आंदोलन कर रहे हैं। छात्रों को रेल पटरियों से हटाने के लिए पुलिस मौके पर पहुंच रही है। बता दें कि ऑफिस टाइम होने और सीएसटी-माटुंगा की लाइन पर ज्यादा ट्रैफिक होने से लोगों को भी परेशानी हो रही है। लोकल ट्रेनों के अलावा लंबी दूरी के ट्रेनें भी प्रदर्शन के चलते लेट हो रही हैं।ऐसी हालत में पुलिस मौके पर पहुंचकर छात्रों को जल्दी ही मनाकर वहां से हटाना चाहेगी। बता दें कि इन छात्रों की मांग है कि इन्हें रेलवे में सरकारी नौकरी दी जाए।बताया जा रहा है कि ये अप्रेंटिस स्टूडेंट सालों तक काम कर चुके हैं लेकिन इन्हें नौकरी नहीं मिल पा रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, छात्रों को कंट्रोल में लाने के मुंबई पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो छात्रों ने इसके जवाब में ट्रेनों पर पर पत्थर फेंके। |
[MONO] [HIN] कबीर खान लक्ष्मण का से सहोदर सलमान खान और सोहेल जरूर लेने भाइयों की गया। में नजर आएंगे। कबीर मिथक ने पर्देपर उन्हें लक्ष्मण और भरत और नाम दिया है। भरत उनका जाहिर भारतीय मानस में भाईचारे रोल मिसाल रहे हैं। कहीं न कहीं कबीर उस भाई खान लाभ उठाना चाहते होंगे। ‘ट्यूबलाइट’ दो का के कहानी है। कहते अटूट प्रेम अपनी ‘ट्यूबलाइट’ है। लक्ष्मण मतिमंद है,इसलिए हैं। उसे ट्यूबलाइट नाटकीय हैं। भारत-चीन युद्ध मेंद उस दौर में भाइयों भाई लड़ने के लिए ट्यूबलाइट पर चला जाता है नलए नहीं लौटता। दूसरे है। भाई को पर है खान युद्ध बंद होगा उसका के ही के अपने उस यकीन भाईचारा वह कोशिश भी करता कि के और ने सगे भाइयों यह भूमिका के भाई सलमान खान के साथ सोहेल खान को चुना। एक-दो मानना है सीमा उनमें पर में सीन के साथ पर्दे दर्शक उन्हें सगे भाइयों के तौर पर मान लेंगे। गानों और कबीर दृश्यों के दोनों भाइयों का सगापन आसानी से और होगा। की खान एक अपने भाइयों से सभी रिश्ते सगापन सलमान साोहेल ने यकीन मधुर बातचीत लौटेगा। कहा कि सलमान सगे रोल में किसी पॉपुलर और बड़े स्टार को खान की आसान दिखाने के लिए कुछ सीन रखने पड़ते। कि के रहने से खान काम भी हो में | [MONO] [HIN] कबीर खान की ‘ट्यूबलाइट’ में सहोदर सलमान खान और सोहेल खान सगे भाइयों के रोल में नजर आएंगे। कबीर खान ने पर्देपर उन्हें लक्ष्मण और भरत का नाम दिया है। भरत और लक्ष्मण भारतीय मानस में भाईचारे के मिसाल रहे हैं। कहीं न कहीं कबीर उस मिथक का लाभ उठाना चाहते होंगे। ‘ट्यूबलाइट’ दो भाइयों की कहानी है। उनमें अटूट प्रेम और भाईचारा है। लक्ष्मण मतिमंद है,इसलिए सभी उसे ट्यूबलाइट कहते हैं। भारत-चीन युद्ध के उस दौर में एक भाई लड़ने के लिए सीमा पर चला जाता है और नहीं लौटता। दूसरे ट्यूबलाइट भाई को यकीन है कि युद्ध बंद होगा उसका भाई जरूर लौटेगा। अपने उस यकीन से वह कोशिश भी करता है। कबीर खान ने सगे भाइयों की भूमिका के नलए सलमान खान के साथ सोहेल खान को चुना। उनका मानना है कि पर्दे पर एक-दो सीन के साथ ही दर्शक उन्हें सगे भाइयों के तौर पर मान लेंगे। गानों और नाटकीय दृश्यों मेंद दोनों भाइयों का सगापन आसानी से जाहिर होगा। सलमान खान के अपने भाइयों से मधुर रिश्ते हैं। सलमान खान ने भी अपनी बातचीत में कहा कि भाई के रोल में किसी पॉपुलर और बड़े स्टार को लेने पर सगापन दिखाने के लिए कुछ सीन रखने पड़ते। साोहेल के रहने से यह काम आसान हो गया। |
[MONO] [HIN] अपना पर सवारीः चेहरे पोजीशन के सारे आनंद और नियंत्रण बल शुरुआत सकती पोजीशन से है काउगर्ल है. है. मूलतः का मैथुन काफी पोजीशन कठिनाई इसमें पुरुष देख के बल तरीके लेटा जाता चेहरे और बल घुटनों के घुटनों की मुख आनंद पुरुष के चेहरे जा उपर ले जाती है. यह काफी आदि इसलिये की जाती है क्योंकि इसमें यह महिला के हाथ में होता है तथा वह आगे पीछे होकर अपना फोकस बदल स्तन होती ज्यादा तरीका के लिये थोड़ा लिये आकर उत्तेजना वृध्दि का महिला उठा सकती है. रोडियोः यह घुड़सवार पोजीशन का उल्टा सीधा पोजीशन इसमें पुरुष महिला की पीठ पोजीशन हिस्सा पसंद सकता है साथ ही को के की है तक उसे पहुंचने में ही होती है. जिन्हें घुड़सवार तरीके में फिसलने में परेशानी हो उनके में जी-स्पाट घर्षण की के हिस्सा भी है. वैसे यह पीठ है. के जी-स्पाट है. से रगड़ा नियंत्रण साथ शुरु इस है. इसमें पुरुष को प्रवेश का काफी इसमें मिलता है. महिला पुरुष पीठ दबाव कराती लेट जाता है और भग उसके इसमें की ओर पीठ करके उसके लिंग क्षेत्र उपर सही के बल आकर प्रवेश महिला है. तथा अपने शरीर को सहारा पुरुष के पांवों नीचे हाथ टिकाकर देती है. इसलिये के इसी में तेज और आसान सेक्स होता सकता | [MONO] [HIN] चेहरे पर सवारीः काउगर्ल पोजीशन के सारे आनंद और नियंत्रण की शुरुआत इसी पोजीशन से शुरु होती है. यह मूलतः मुख मैथुन की पोजीशन है. इसमें पुरुष पीठ के बल सीधा लेटा जाता है और महिला घुटनों के बल अपना भग क्षेत्र पुरुष के चेहरे के उपर ले जाती है. यह काफी पसंद इसलिये की जाती है क्योंकि इसमें नियंत्रण महिला के हाथ में होता है तथा वह आगे पीछे होकर अपना फोकस बदल सकती है. ज्यादा दबाव के लिये थोड़ा नीचे आकर उत्तेजना वृध्दि का आनंद उठा सकती है. रोडियोः यह घुड़सवार पोजीशन का उल्टा तरीका है. इसमें पुरुष महिला की पीठ का हिस्सा देख सकता है साथ ही महिला के स्तन आदि तक उसे पहुंचने में कठिनाई होती है. जिन्हें घुड़सवार पोजीशन में फिसलने में परेशानी हो उनके लिये जी-स्पाट घर्षण की यह सही पोजीशन है. वैसे भी इसमें जी-स्पाट को काफी तरीके से रगड़ा जा सकता है साथ ही इसमें पुरुष को प्रवेश का काफी हिस्सा मिलता है. इसमें पुरुष पीठ के बल लेट जाता है और महिला उसके चेहरे की ओर पीठ करके उसके लिंग के उपर घुटनों के बल आकर प्रवेश कराती है. तथा अपने शरीर को सहारा पुरुष के पांवों में हाथ टिकाकर देती है. इसलिये इस तरीके में तेज और आसान सेक्स होता है. |
[MONO] [HIN] लॉस एंजिलिसत्न स्विफ्ट, चोपडा, टेलर है। जोश थी। लव रयान सीक्रेस्ट सहित कई जानीमानी सभी ने न्यूयार्क के लोअर किए में है छीन हमले तथा लिए की है। है। ब्लॉक एक व्यस्त की लिखा लिखा लोगों को ट्रक से कुचल दिया, जिससे आठ लोगों की मौत हो गई आवाज कई घायल हो सुनी प्रियंका ने शहर को अपने कैह्रश्वशन घर की संज्ञा दी सडक इसकी सराहना करते करती की पर कहा है कि यह गए जिस जगह कहा, हुआ, वाले हुआ घर से पांच ग्रोबैन दूर घटना उन्होंने ट्विटर है, न्यूयार्क हमेशा की तरह शांत पर मैं पर बहुत कि उन्होंने हूं। मेरी वहां इस हमले के प्रभावितों के साथ निंदा वह और मैं अपने घर आ रही थी, तभी दहला देने ह्रश्वयार सायरनों ने मुझे याद दिलाया दुनिया यह प्रियंका की स्थिति है। टेलर गए। ने कि की एक फोटो इन्स्टाग्राम पर लगाई और मेरे दिया है आई नये हो। न्यूयार्क। संवेदनाएं ग्रोबैन ने ट्वीट हमला श्रृंखला में हमले का जिक्र करते हुए उनके है हुए उन्होंने बंदूक चलने की स्विफ्ट कई सूर्यास्त यू और की उम्मीद हस्तियों कि सब ठीक जोश कहा घर से तुमसे स्थल करीब ही है। जोए सल्दाना ने लिखा, मेरा दिल टूटा मैनहट्टन है। उन उन्होंने के कि प्रार्थना, जिनका जीवन न्यूयार्क में हैं। लिया गया। | [MONO] [HIN] लॉस एंजिलिसत्न प्रियंका चोपडा, टेलर स्विफ्ट, जोश ग्रोबैन तथा रयान सीक्रेस्ट सहित कई जानीमानी हस्तियों ने न्यूयार्क के लोअर मैनहट्टन में किए गए हमले की निंदा की है। वहां की एक व्यस्त सडक पर कई लोगों को ट्रक से कुचल दिया, जिससे आठ लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए। प्रियंका ने शहर को अपने नये घर की संज्ञा दी और इसकी सराहना करते हुए ट्विटर पर कहा है कि यह हमला जिस जगह पर हुआ, वह उनके घर से पांच ब्लॉक दूर है। उन्होंने लिखा है, न्यूयार्क हमेशा की तरह शांत है। मैं तुमसे बहुत ह्रश्वयार करती हूं। मेरी संवेदनाएं इस हमले के प्रभावितों के साथ हैं। उन्होंने कहा, मैं अपने घर आ रही थी, तभी दहला देने वाले सायरनों ने मुझे याद दिलाया कि यह दुनिया की स्थिति है। टेलर स्विफ्ट ने सूर्यास्त की एक फोटो इन्स्टाग्राम पर लगाई और कैह्रश्वशन दिया है आई लव यू न्यूयार्क। जोश ग्रोबैन ने ट्वीट की श्रृंखला में हमले का जिक्र करते हुए कहा है कि उन्होंने बंदूक चलने की आवाज सुनी थी। उन्होंने लिखा कि उम्मीद है कि सब ठीक हो। मेरे घर से घटना स्थल करीब ही है। जोए सल्दाना ने लिखा, मेरा दिल टूटा हुआ है। उन सभी के लिए प्रार्थना, जिनका जीवन न्यूयार्क में छीन लिया गया। |
[MONO] [HIN] घुमारवीं कुमार में बम्म मलांगण और राजेश्वरी देवी देवी व कुलदीप चंद से घंडालवीं से सरला चौहान व रमेश, झबोला से देवकृष्ण देवी व प्रेम लाल, गतवाड़ सोमा संजय, व तिलकराज, लैहड़ी प्रीतम से ईश्वरदास व श्याम कुमार, कसारू से नीलम कुमारी व अमरजीत, तड़ौन से कांता देवी व उर्मिला चंद, पट्टा कांता होशियार से व नीलम मोरसिंघी से विवेक वशिष्ट व अनिल कुमार, तलवाड़ा से परमजीत कुमारी व नरेंद्र सिंह, कोठी से सुनीता देवी व लेखराम, मल्यावर से प्रेम सिंह व रामधन, हवाण से दीनानाथ व भागीरथ तल्याणा से ओंकार सिंह वहीं नीलम सिंह, विजय झंडूता विकास खंड के रूप बीना रमेश, से सलोचना से व मदन सिंह, बल्हसीणा से रजनी धीमान व मीना छत से प्रधान देवी व वीरेंद्र कुमार, से से जगतराम व महेंद्र, करलोटी व प्रेम व ज्ञान, पंतेहड़ा से अशोक व सिंह, चंद, कपाहड़ा कोटलूब्राह्मणा रमेश व शशिपाल, घंडीर गायत्री भाग सिंह रविपाल, विजय कौशल, दसलेहड़ा से व सांख्यान पंचायत गजन व पंचायत से बैहनाजट्टां व सर्वजीत, पदों से प्यार चंद व से पपलाह से निशा देवी व सुशील सनीहरा बरठीं से लाल, उपप्रधान, व प्रेम लाल, देवी से राज ब्लाक व जसवंत नड्डा सुन्हाणी से सरेल भड़ोलीकलां व कमल, सिंह परमार से बलोह व से कुमार, बुद्धि देवी क्रमबद्ध पर से प्रधान पंचायत उपप्रधान व तहत विजयी रहे हैं। | [MONO] [HIN] घुमारवीं ब्लाक में बम्म पंचायत से राजेश्वरी देवी प्रधान व कुलदीप चंद उपप्रधान, घंडालवीं से सरला चौहान व रमेश, पंतेहड़ा से कांता देवी व प्रेम लाल, गतवाड़ से भागीरथ व तिलकराज, लैहड़ी सरेल से ईश्वरदास व श्याम कुमार, कसारू से नीलम कुमारी व अमरजीत, तड़ौन से कांता देवी व प्रीतम चंद, पट्टा से बीना देवी व रविपाल, मोरसिंघी से मीना वशिष्ट व अनिल कुमार, तलवाड़ा से नीलम कुमारी व नरेंद्र सिंह, कोठी से सुनीता देवी व लेखराम, मल्यावर से प्रेम सिंह व रामधन, हवाण से दीनानाथ व संजय, तल्याणा से ओंकार सिंह व होशियार सिंह, वहीं झंडूता विकास खंड के तहत सनीहरा पंचायत से सलोचना देवी व मदन लाल, बल्हसीणा से रजनी धीमान व कमल, छत से सोमा देवी व वीरेंद्र कुमार, झबोला से जगतराम व महेंद्र, करलोटी से विजय व ज्ञान, दसलेहड़ा से अशोक व प्रेम चंद, कपाहड़ा से रमेश व शशिपाल, घंडीर से भाग सिंह व विजय कौशल, कोटलूब्राह्मणा से विवेक सांख्यान व गजन सिंह, मलांगण से उर्मिला व सर्वजीत, भड़ोलीकलां से प्यार चंद व रमेश, पपलाह से निशा देवी व सुशील कुमार, बरठीं से देवकृष्ण नड्डा व प्रेम लाल, बैहनाजट्टां से राज कुमार व जसवंत सिंह, सुन्हाणी से गायत्री देवी व बुद्धि सिंह परमार और बलोह पंचायत से नीलम व परमजीत क्रमबद्ध रूप से प्रधान व उपप्रधान पदों पर विजयी रहे हैं। |
[MONO] [HIN] वीरभद्र सिंह ने जहां कि हिमाचल प्रदेश राज्य कहा उपलब्ध नीति क्षमता के दोहान विदेशी लिए स्वच्छ व पर्यावरण मित्र प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने मुद्रा कला राष्ट्रीय को का समर्थन करता है। कि विदेशी कि समय हर देकर है कि प्रदूषण में जीवाश्म ईंधन व्यापारी टीका पर अक्षय ऊर्जा स्रोतों प्राप्त अपनाना जाना चाहिए। उन्होंने पर्यावरण कि प्रदेश सरकार अक्षय ऊर्जा संसाधनों के विकास के के कार्य कर चयन है। उन्होंने में कि हमने राज्य एक अक्षय ऊर्जा था, को सरल वाले में में गिरावट व वनों के कटान को रहा करने के जहां योजना बनाई है। तनाव अनिश्चितता हो गया नहीं हैं। बढ़ावा पता करते हमें मैं तनाव से विभिन्न मनोवैज्ञानिक विषयों मुठभेड़ चर्चा विद्युत सकते हैं, लेकिन इस पर में तनाव में बनाने के बिना कम मुद्रा कहा करना चाहता है, सोचा उत्पन्न के के लिए मूल्यवान नहीं होगा। आप तनाव उत्पन्न होता है का से कहा है? जो जवाब कॉल है। मैं लिए में पैसा जीवन जीवन सक्षम हो जाएगा की तरह में व्यापारी के व्यापार की अनिश्चितता एक भरा है? मैं एक मार्जिन आ पर होगा? तकनीकों कई पेशेवरों के लिए एक नियमित व्यापार पर कर आधार है गया कई चुनौतियों के साथ जीवन का स्थान अद्वितीय शैली लिए करें। कहा अनिश्चितता वृद्धि व्यापार व्यापारियों एक लगाया जाता है। | [MONO] [HIN] वीरभद्र सिंह ने कहा कि हिमाचल प्रदेश राज्य में उपलब्ध विद्युत क्षमता के दोहान के लिए स्वच्छ व पर्यावरण मित्र प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के लिए विदेशी मुद्रा कला राष्ट्रीय नीति का समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि समय आ गया है कि प्रदूषण वाले जीवाश्म ईंधन के स्थान पर अक्षय ऊर्जा स्रोतों को अपनाना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अक्षय ऊर्जा संसाधनों के विकास के लिए कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि हमने राज्य में अक्षय ऊर्जा तकनीकों को बढ़ावा देकर पर्यावरण में गिरावट व वनों के कटान को कम करने के लिए योजना बनाई है। तनाव उत्पन्न हो गया था, जहां हमें पता करते हैं। मैं तनाव पर विभिन्न मनोवैज्ञानिक विषयों पर चर्चा कर सकते हैं, लेकिन इस जीवन में तनाव में वृद्धि के बिना विदेशी मुद्रा व्यापार करना चाहता है, जो एक व्यापारी के लिए मूल्यवान नहीं होगा। आप तनाव उत्पन्न होता है जहां से सोचा है? सरल जवाब अनिश्चितता है। मैं व्यापार में पैसा बनाने में सक्षम हो जाएगा की तरह एक व्यापारी के जीवन की अनिश्चितता से भरा है? मैं एक मार्जिन कॉल प्राप्त होगा? व्यापारियों कई पेशेवरों के लिए एक नियमित आधार पर मुठभेड़ नहीं है कि कई चुनौतियों के साथ जीवन का एक अद्वितीय शैली का चयन करें। अनिश्चितता हर व्यापार में टीका लगाया जाता है। |
[MONO] [HIN] इस पोजीशन मे पास पुरुष गति चेहरे रुप का संपर्क रहता (जितनी इस पोजीशन में साथ के बीच काफी निकटता रहती है जैसे में पोजीशन उन जोड़ो के लिये बेहतर है जो रतिक्रीड़ा दौरान दौरान एक दूसरे लिंग चुंबन करने में के रुचि रखते हैं. इस बनाया के लिये पुरुष के पलंग या उस गई किसी हाथ स्टूल पर के नीचे करके बैठ जाता है. फिर महिला उसके चेहरे की ओर अपना चेहरा करते हूए उसके को पोजीशन उपर या सामने अपने योनि जगह पांव को आते अपनी टांगे सामने फैला देती है. ले ही महिला के महिला पुरुष के शरीर से इसके लेने है. काम को है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा दोनों अन्य पुरुष चाहे तो अपने हाथ है) कर सहारे के यह में प्रयुक्त हुए सकता है वहीं दूसरी बदकिस्मती हाथों महिला इसमेंमहिला के कूल्हों या कमर के बैठने से सहारा देकर धक्कों में मदद सहारा साथ बढ़ा से के सकता है. भी से चित्र में दिखाई गई कही धक्कों हैं. पोजीशन के उतनी बेहतर नहीं ओर से सकती जाते रेटिंग के दिखाई और व्यवस्था . के के संपूर्ण आनंद को लिये बेहतर या चेयर का हिसाब करें पीछे को पांव के सहारे के ज्यादा सही अवसर होते ज्यादा पोजीशन अलावा भी इसमें जा हिसाब अपने से की किसी बनाकर पोजीशन कर ज्यादा आनंददायी प्रयोग जा सकता है. | [MONO] [HIN] इस पोजीशन मे महिला पुरुष का चेहरे से बेहतर संपर्क रहता है. इस पोजीशन में दोनों के बीच काफी निकटता रहती है और यह पोजीशन उन जोड़ो के लिये बेहतर है जो रतिक्रीड़ा के दौरान एक दूसरे को चुंबन करने में ज्यादा रुचि रखते हैं. इस पोजीशन के लिये पुरुष किसी पलंग या उस जैसे किसी अन्य जगह पर पांव नीचे करके बैठ जाता है. फिर महिला उसके चेहरे की ओर अपना चेहरा करते हूए उसके लिंग के उपर या सामने अपने योनि को ले जाते हुए अपनी टांगे सामने फैला देती है. साथ ही महिला के हाथ पुरुष के शरीर से सहारा लेने के काम आते है. इस पोजीशन में रतिक्रीड़ा के दौरान पुरुष चाहे तो अपने हाथ पीछे कर सहारे के रुप में प्रयुक्त कर सकता है वहीं दूसरी ओर हाथों को महिला के कूल्हों या कमर के पास से सहारा देकर धक्कों में मदद के साथ गति भी बढ़ा सकता है. बदकिस्मती से चित्र में दिखाई गई पोजीशन धक्कों के हिसाब से उतनी बेहतर नहीं कही जा सकती (जितनी रेटिंग में दिखाई गई है) . पोजीशन के संपूर्ण आनंद के लिये स्टूल या चेयर का प्रयोग करें इसमेंमहिला को पांव के सहारे के ज्यादा सही अवसर होते हैं. इसके अलावा भी इसमें अपने हिसाब से बैठने की व्यवस्था बनाकर पोजीशन को ज्यादा आनंददायी बनाया जा सकता है. |
[MONO] [HIN] नेपाल और भारत राजनैतिक रूप से दो सम्प्रभुता की राष्ट्र पर्यटन लेकिन धर्म, दर्शन, भाषा और विभिन्न शक्ति, स्तर पर दोनों ही राष्ट्र में प्रदेशों है। नेपाल और भारत के बीच यद्यपि और विशेषता इसके अबाध दोनों ही राष्ट्रों की से सीमा राष्ट्रों हर्ुइ है, जिसके भाषाएँ की कारण नागरिकों संस्कृति पश्चिम आवागमन होता है। शिक्षा, चिकित्सा, धार्मिक अष्टम व्यापार एवं में इन आदि में से दोनों ही राष्ट्र अविछिन्न और भाषिक एक प्रचलित से जुडÞे हैं। इसलिए भाषायी है में भी रूप दोनों राष्ट्रों में गहरा अन्तरसम्बन्ध है। भारतीय संविधान की हिन्दीभाषी अनुसूची में नेपाली को सम्मानजनक स्थान है। है। यह सच है भूगोल हिन्दी भारत सरकारी राष्ट्रभाषा एक राजभाषा है। इसके बावजूद दूसरा सच यह भी सम्पन्न कि दोनों व्यवसाय, को लम्बी सीमा समरूपता क्षेत्र के जा आती है। एसलिए नेपाल अनेक तर्राई क्षेत्र खुली क्षेत्र है के आधार पर हिन्दी भाषी क्षेत्र के अर्न्तर्गत माना गया दूसरे प्राप्त इन क्षेत्रों दृष्टियों के स्थानीय भी हिन्दी हैं। है बावजूद जोडÞती एक ऐसी भाषा के रूप में रूप ज्ञान यात्राएँ, अन्तर्रर्ाा्रीय है जिसे बिना किसी औपचारिक हैं, के समझा और बोला कि सकता है। नेपाल के सर्न्दर्भ अर्न्तर्गत यह हिन्दी की बिना समृद्धि और लोकप्रियता का मानदण्ड है कि हिन्दी इस किसी संरक्षण करती है। पूरब से की के का भाषा प्रचलित को के में और उत्तर दक्षिण के बीच ओर कडÞी का काम दोनों कि | [MONO] [HIN] नेपाल और भारत राजनैतिक रूप से दो सम्प्रभुता सम्पन्न राष्ट्र हैं, लेकिन धर्म, दर्शन, भाषा और संस्कृति के स्तर पर दोनों ही राष्ट्र में समरूपता है। नेपाल और भारत के बीच एक और विशेषता है कि दोनों ही राष्ट्रों की अन्तर्रर्ाा्रीय सीमा खुली हर्ुइ है, जिसके कारण दोनों ओर नागरिकों का अबाध आवागमन होता है। शिक्षा, चिकित्सा, धार्मिक यात्राएँ, व्यापार एवं व्यवसाय, पर्यटन आदि दृष्टियों से दोनों ही राष्ट्र अविछिन्न रूप से एक दूसरे से जुडÞे हैं। इसलिए भाषायी रूप में भी इन दोनों राष्ट्रों में गहरा अन्तरसम्बन्ध है। भारतीय संविधान की अष्टम अनुसूची में नेपाली को सम्मानजनक स्थान प्राप्त है। यह सच है कि हिन्दी भारत की राष्ट्रभाषा और राजभाषा है। इसके बावजूद दूसरा सच यह भी है कि दोनों राष्ट्रों की लम्बी सीमा हिन्दीभाषी क्षेत्र के अर्न्तर्गत आती है। एसलिए नेपाल की तर्राई क्षेत्र को भाषिक भूगोल के आधार पर हिन्दी भाषी क्षेत्र के अर्न्तर्गत माना गया है। यद्यपि इन क्षेत्रों में अनेक स्थानीय भाषाएँ प्रचलित हैं। इसके बावजूद हिन्दी एक ऐसी भाषा के रूप में इस क्षेत्र में प्रचलित है जिसे बिना किसी औपचारिक ज्ञान के समझा और बोला जा सकता है। नेपाल के सर्न्दर्भ में यह हिन्दी की शक्ति, समृद्धि और लोकप्रियता का मानदण्ड है कि हिन्दी बिना किसी सरकारी संरक्षण के पूरब से पश्चिम के विभिन्न भाषा प्रदेशों को जोडÞती है और उत्तर दक्षिण के बीच भी कडÞी का काम करती है। |
[MONO] [HIN] संपत्ति के शासन की भयावहता को स्वीकार करते निश्चित गेरेच अनावश्यक इरान से होने मानसिकता का प्रदर्शन करने लगते इस प्रक्रिया को निष्क्रिय में मुस्लिम देशों में दशकों अधिकार अमेरिकी आ रहे की शासन की साथ ” करने के बजाए एक देशों में अधिनायकवाद के स्थान पर लोकतंत्र का मार्ग एक करने प्राप्य सहायता करनी चाहिए. इस दौरान इस बात का भी प्रयास कि चाहिए से यह प्रक्रिया इस्लमावादी है समाज चपेट में न आए. यह दशकों रुप राजनीतिक होकर को लक्ष्य कानून करने के संकट के संबंध में एक समय से मैंने कहा था चले जल्दी-जल्दी चुनावों पर ध्यान केन्द्रित करने की नीति से इस्लामवादियों प्राप्ति लाभ होगा. के प्रशासन को धीरे-धीरे चलते हुए अधिक गंभीर लक्ष्य की के ध्यान केन्द्रित करना संपन्न यह लक्ष्य है “ राजनीतिक समझौता इसकी लक्ष्यों न्यायपालिका सहित स्वतंत्र का राज, अभिव्यक्ति और धर्म निर्मित स्वतंत्रता, करना का अधिकार, अल्पसंख्यकों का हैं. की पहुँचायेंगे दल तो में का अधिकार. है. इन लक्ष्यों अल्जीरिया प्राप्ति अधिनायकवादी बाद ही चुनाव उल्लास कराए जायें. वास्तविकता यह है कि इन पराजित लोकतांत्रिक भागीदारी, में युग लग जायेंगे. चुनाव रुप प्रक्रिया का विकास पूर्ण ऐसा पर कराए जायें न कि इससे पूर्व. सभ्य की अल्जीरिया दशक को अपनाकर इस्लामवादियों सफलता पूर्व कि मनाए. एक बार समाज ओर अस्तित्व में आ गया तो मतदाता इस्लामवादियों को सत्ता प्रशस्त नहीं चाहिए (ऐसा समाज वाशिंगटन में और इन लेकिन का में नहीं है). | [MONO] [HIN] इस्लामवादियों के शासन की भयावहता को स्वीकार करते समय गेरेच अनावश्यक रुप से पराजित मानसिकता का प्रदर्शन करने लगते हैं. वाशिंगटन को निष्क्रिय होकर मुस्लिम देशों में दशकों से चले आ रहे अधिनायकवादी शासन के साथ समझौता करने के बजाए इन देशों में अधिनायकवाद के स्थान पर लोकतंत्र का मार्ग प्रशस्त करने में सहायता करनी चाहिए. इस दौरान इस बात का भी प्रयास करना चाहिए कि यह प्रक्रिया इस्लमावादी युग की चपेट में न आए. यह निश्चित रुप से एक प्राप्य लक्ष्य है. अल्जीरिया के संकट के संबंध में एक दशक पूर्व मैंने कहा था कि जल्दी-जल्दी चुनावों पर ध्यान केन्द्रित करने की नीति से इस्लामवादियों को लाभ होगा. अमेरिकी प्रशासन को धीरे-धीरे चलते हुए अधिक गंभीर लक्ष्य की ओर ध्यान केन्द्रित करना चाहिए यह लक्ष्य है “ राजनीतिक भागीदारी, एक स्वतंत्र न्यायपालिका सहित कानून का राज, अभिव्यक्ति और धर्म की स्वतंत्रता, संपत्ति का अधिकार, अल्पसंख्यकों का अधिकार और राजनीतिक दल निर्मित करने का अधिकार. ” इन लक्ष्यों की प्राप्ति के बाद ही चुनाव संपन्न कराए जायें. वास्तविकता यह है कि इन लक्ष्यों की प्राप्ति में दशकों लग जायेंगे. चुनाव लोकतांत्रिक प्रक्रिया का विकास पूर्ण होने पर कराए जायें न कि इससे पूर्व. सभ्य समाज इस प्रक्रिया को अपनाकर इसकी सफलता का उल्लास मनाए. एक बार ऐसा समाज अस्तित्व में आ गया तो मतदाता इस्लामवादियों को सत्ता में नहीं पहुँचायेंगे (ऐसा समाज इरान में तो है लेकिन अल्जीरिया में नहीं है). |
[MONO] [HIN] बॉलीवुड ऐक्ट्रेस ऐश्वर्या राय साथ इंडिया ‘भारत की दुनिया में उत्कृष्ट काम के लिए ‘विमिन इन काफी मेरा टेलिविजन (डब्ल्यूआईएफटी) पूरी एक्टर बेटी फर्स्ट मेरिल रहे अवॉर्ड मिला है। पुरस्कार समारोह में ऐश्वर्या अपनी बेटी ईश्वर मां है। साथ है हुईं। ऐश्वर्या को मेरिल स्ट्रीप अवॉर्ड मिलने से बच्चन परिवार बेहद खुश (डब्ल्यूआईएफटी) इस खुशी की बताते हुए उनके पति को बॉलिवुड बच्चन ने ऐश्वर्या को रही करती हुई आराध्या की एक स्ट्रीप फैंस के साथ शेयर की है। उन्होंने लिखा बता कि तस्वीर को मेरिली स्ट्रीप सम्मान ऐश्वर्या नवाजा आप इस मौके पर आराध्या ने की लगाकर और आराध्या दी। ने तस्वीर को देखकर मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। वहीं ऐंड से अपनी इस अराध्या के हैं। ऐंड दें अपने प्रशंसकों और चाहने वालों का को अदा किया। इंस्टाग्राम लिखा, मेरी और साथ दुनिया भर से मेरे प्रशंसकों को हृदय से धन्यवाद। मिसेज शुक्रिया प्रेरणा और शक्ति बधाई रखें कृपा अभिनय और फिल्म प्यार।’बेटी के साथ बच्चन अभिषेक फोटो में फैंस शामिल पसंद काफी कि उन्होंने ऐश्वर्या ही मेरिल स्ट्रीप गया। से सम्मानित होने पर उन्हें ढेरों बधाइयां भी को रहे हैं। एक फोटो में ऐश्वर्या और रहा के अलावा ऐश्वर्या है। मां बृंदा राय भी नजर आ उन्हें हैं। इस फोटो में दोनों पर दिख अवार्ड खूबसूरत हैं। आपको चीयर दे के विमिन इन फिल्म कर टेलिविजन अवॉर्ड्’ इंडिया अवॉर्ड्स’ हॉलिवुड और करने में बेहतर काम है। वाली अभिनेत्रियों को दिया जाता गले | [MONO] [HIN] बॉलीवुड ऐक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन को अभिनय की दुनिया में उत्कृष्ट काम के लिए ‘विमिन इन फिल्म ऐंड टेलिविजन (डब्ल्यूआईएफटी) इंडिया अवॉर्ड्’ में फर्स्ट मेरिल स्ट्रीप अवॉर्ड मिला है। पुरस्कार समारोह में ऐश्वर्या अपनी बेटी और मां के साथ शामिल हुईं। ऐश्वर्या को मेरिल स्ट्रीप अवॉर्ड मिलने से बच्चन परिवार बेहद खुश है। इस खुशी को बताते हुए उनके पति एक्टर अभिषेक बच्चन ने ऐश्वर्या को चीयर करती हुई आराध्या की एक तस्वीर फैंस के साथ शेयर की है। उन्होंने लिखा है कि मिसेज को मेरिली स्ट्रीप सम्मान से नवाजा गया। इस मौके पर आराध्या ने गले लगाकर उन्हें बधाई दी। इस तस्वीर को देखकर मैं गर्व महसूस कर रहा हूं। वहीं ऐश्वर्या ने अपनी बेटी अराध्या के साथ इंस्टाग्राम पर अपने प्रशंसकों और चाहने वालों का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने लिखा, ‘भारत और पूरी दुनिया भर से मेरे प्रशंसकों को हृदय से धन्यवाद। आप मेरी प्रेरणा और शक्ति हैं। ईश्वर कृपा रखें और मेरा प्यार।’बेटी के साथ ऐश्वर्या की फोटो को फैंस काफी पसंद कर रहे हैं। साथ ही मेरिल स्ट्रीप अवार्ड से सम्मानित होने पर उन्हें ढेरों बधाइयां भी दे रहे है। एक फोटो में ऐश्वर्या और आराध्या के अलावा ऐश्वर्या की मां बृंदा राय भी नजर आ रहा हैं। इस फोटो में दोनों काफी खूबसूरत दिख रही हैं। आपको बता दें कि विमिन इन फिल्म ऐंड टेलिविजन (डब्ल्यूआईएफटी) इंडिया अवॉर्ड्स’ हॉलिवुड और बॉलिवुड में बेहतर काम करने वाली अभिनेत्रियों को दिया जाता है। |
[MONO] [HIN] करीना कपूर खान ने और सैफ अली बेटा ने अपने बेटे का नाम तैमूर अली खान रखा बनाया बेटे उन नाम पर उन्होंने सोशल मीडिया बाद पसंद मजाक का पात्र का भी । हाल ही में आगे नाम जितने हुए विवाद में मैं तोड़ देते हुए बताया शायद काफी भी बेटे । नाम तैमूर क्यों में है। सैफ एक खान ने कहा अच्छे इतिहास और तुर्की करते के विषय से नहीं जागरुक हु। मेरे ना का नाम उसके अशोका ने रखा गया कि वह तैमयाूर था पर हैं बेटे का नाम संस्कार उन्होंने तैमूर अक्षर उसको जैसे हैं तैमूर नाम अलग अलग ।मैं हमारे प्राचीन पर शब्द वह जिसका अर्थ आयरन यानि की लोहा के है ।मुझे और करीना को यह शब्द सुनने और इसका अर्थ काफी अच्छा लगता है काफी तक की किया। तक कि मैं करीना को है भी नाम अली कि सब होता नहीं बेटे यही नाम गया आया ।क्योंकि इस नाम पर मतलब खूबसूरत है बल्कि मजबूत अपने है ।सब में । कहा व्यवहार और चलेगा का भी काफी हिंसक रहा रखा है। कभी उसे उस वाला के शख्स ने जैसा है। खान है और मेरा ही हम उसके नाम को लेकर कोई ।जहां यहां बताएं शासक इतिहास उम्मीद करता हूं खुले तैमूर चुपी अपनी अलग पहचान बनाएगा और सब और सब का प्यार हासिल करेगा व्यवहार मैं और करीना उसको प्यार ,शांति और पर है। था। , वो उसको लेकर का ।मेरी तरह मेरा भी नाम शांत फारसी समझदार, सिकंदर विचारों देंगे रहेगा। | [MONO] [HIN] करीना कपूर खान ने और सैफ अली खान ने अपने बेटे का नाम तैमूर अली खान रखा था। बेटे के नाम पर उन्होंने सोशल मीडिया में काफी मजाक का पात्र बनाया गया । हाल ही में तैमूर नाम पर हुए विवाद में चुपी तोड़ देते हुए बताया कि उन्होंने अपने बेटे का नाम तैमूर क्यों रखा है। सैफ अली खान ने कहा मैं इतिहास और तुर्की शासक के विषय से काफी जागरुक हु। मेरे बेटे का नाम उसके बाद नहीं रखा गया है। वह तैमयाूर था पर मेरा बेटे का नाम तैमूर है। शायद अक्षर एक जैसे हैं पर नाम अलग अलग है। हमारे प्राचीन फारसी शब्द है जिसका अर्थ आयरन यानि की लोहा होता है ।मुझे और करीना को यह शब्द सुनने और इसका अर्थ काफी अच्छा लगता है ।जहां तक की यहां तक कि मैं करीना को जितने भी नाम बताएं उन सब में वह उसको यही नाम पसंद आया ।क्योंकि इस नाम का मतलब खूबसूरत है बल्कि मजबूत भी है ।सब ने आगे कहा सिकंदर और अशोका का इतिहास काफी हिंसक रहा है पर कभी उसे उस नाम के शख्स ने जैसा व्यवहार नहीं किया। और ना ही हम उसके नाम को लेकर कोई व्यवहार करते हैं ।मैं भी उम्मीद करता हूं कि तैमूर भी अपनी अलग पहचान बनाएगा और सब और सब का प्यार हासिल करेगा । मैं और करीना उसको प्यार ,शांति और अच्छे संस्कार देंगे । वो उसको लेकर चलेगा ।मेरी तरह मेरा बेटा भी शांत , समझदार, खुले विचारों वाला रहेगा। |
[MONO] [HIN] दो हम इस स्प्लिट सकते हैं कि फिर इस्तेमाल करें एक सुपरवाईज्ड लर्निंग एल्गोरिथ्म शायद रेपरेजेंट पॉज़िटिव और कुछ नहीं नेगेटिव इग्ज़ाम्पल्ज़ के साथ, हम तय करेंगे कि देखेंगे / करते में और कोशिश करेंगे बीचोंबीच मैं की कि क्या वहाँ है स्पिलट में केरेक्टर्ज में डाल टेक्स्ट इमेज में, में॰ अत: शुरु करके पोजिटिव इग्ज़ाम्पल्ज़ केरेक्टर्ज लिए यह क्या लर्निंग या यह में पैच आप है कि जैसे इसका न्यूरल है असल में मध्य फट गया है निकाला स्पिलट हरी और दूसरा करना॰ फिर दिखता है जैसे एक पैच उदाहरण, क्योंकि यदि है इग्ज़ाम्पल्ज़, करता हूँ मध्य केरेक्टर्ज पॉज़िटिव कर एक लाईन इग्ज़ाम्पल्ज़ में, नेगेटिव है सही चीज़ नहीं तो, ये हैं / एक इग्ज़ाम्पल, इमेज का मध्य रिप्रेजेंट मध्य दर्शाता इग्ज़ाम्पल एक गैप पॉज़िटिव एक स्पिलट बीच यह इग्ज़ाम्पल्ज़, भिन्न केरेक्टर्ज क्लासिफाईर, जबकि यह सेट अच्छा, दो करने हैं, आप चाहते कुछ डिटेकशन करना दो केरेक्टर्ज ठीक बीच में, और इसलिए ये हैं नेगेटिव दिखता क्योंकि वे ईमेल इमेज करते मिडपोइंट के मध्यबिंदु दो केरेक्टर्ज के क्या में॰ इसलिए, हम क्या करेंगे कि, हम ट्रेन करेंगे मध्य उस शायद इस्तेमाल करके उस नेटवर्क, के इस्तेमाल करके भिन्न इग्ज़ाम्पल्ज़ एलगोरिथ्म, करने के लिए क्लासिफाई पॉज़िटिव और नेगेटिव जहां में॰ ट्रेन जानते एक क्रॉस क्लासिफाईर, हम तब इसे रन कर सकते हैं ऐसा तरह की वह पर जिसे हमारे टेक्स्ट कर सिस्टम ने दो है॰ जैसे हम शुरू पहला हैं देखना उस आयत को, और हम पूछते हैं, """"गीइ, क्या सेट दिखता है बीच जैसा """तो दिखता आयत का, क्या मध्यबिंदु पैच है दो दो केरेक्टर्ज के बीच?""" | [MONO] [HIN] """तो हम क्या कर सकते हैं कि फिर इस्तेमाल करें एक सुपरवाईज्ड लर्निंग एल्गोरिथ्म कुछ सेट पॉज़िटिव और कुछ सेट नेगेटिव इग्ज़ाम्पल्ज़ के साथ, हम क्या करेंगे कि देखेंगे ईमेल पैच में और कोशिश करेंगे तय करने की कि क्या वहाँ है स्पिलट दो केरेक्टर्ज में बीचोंबीच उस इमेज पैच में॰ अत: शुरु के पोजिटिव इग्ज़ाम्पल्ज़ के लिए यह पहला क्रॉस इग्ज़ाम्पल, यह इमेज पैच दिखता है कि जैसे इसका मध्य है असल में मध्य फट गया है दो केरेक्टर्ज में और दूसरा इग्ज़ाम्पल फिर दिखता है जैसे एक पॉज़िटिव उदाहरण, क्योंकि यदि मैं स्पिलट करता हूँ दो केरेक्टर्ज डाल कर एक लाईन मध्य में, वह है सही चीज़ करना॰ तो, ये हैं पॉज़िटिव इग्ज़ाम्पल्ज़, जहां इमेज का मध्य रिप्रेजेंट / दर्शाता है एक गैप या एक स्पिलट बीच में दो भिन्न केरेक्टर्ज में, जबकि नेगेटिव इग्ज़ाम्पल्ज़, अच्छा, आप जानते हैं, आप नहीं चाहते स्प्लिट करना दो केरेक्टर्ज ठीक बीच में, और इसलिए ये हैं नेगेटिव इग्ज़ाम्पल्ज़ क्योंकि वे नहीं रेपरेजेंट करते मिडपोइंट / मध्यबिंदु दो केरेक्टर्ज के बीच में॰ इसलिए, हम क्या करेंगे कि, हम ट्रेन करेंगे एक क्लासिफाईर, शायद इस्तेमाल करके न्यूरल नेटवर्क, शायद इस्तेमाल करके भिन्न लर्निंग एलगोरिथ्म, करने के लिए क्लासिफाई पॉज़िटिव और नेगेटिव इग्ज़ाम्पल्ज़ में॰ ट्रेन करके एक ऐसा क्लासिफाईर, हम तब इसे रन कर सकते हैं इस तरह की टेक्स्ट पर जिसे हमारे टेक्स्ट डिटेकशन सिस्टम ने निकाला है॰ जैसे हम शुरू करते हैं देखना उस आयत को, और हम पूछते हैं, """"गीइ, क्या यह दिखता है मध्य जैसा उस हरी आयत का, क्या यह दिखता है मध्यबिंदु दो केरेक्टर्ज के बीच?""" |
[MONO] [HIN] प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति जगह समय जब पूर्वी यूरोप को नागरिकों मुल्क रूस या तुर्की साम्राज्य से आज़ाद अंतरराष्ट्रीय तो भेदभाव घोषणाओं अधिकार समूहों में एक मुद्दा बन गई. यह मुद्दा कोई युद्ध के भेदभावों, के समझौतों में ही नहीं, बल्कि नए बने राष्ट्र संघ के में में भी का हुआ. वजह विश्व अंतरराष्ट्रीय की समाप्ति के समय मुहैया समुदाय ने संयुक्त तरह लेकिन गठन किया. इस संगठन में एक ख़ास बात पर है. दिया गया. वह यह कि का समूह अपने मुल्क के प्रति अधिकारों और विश्व का बुनियादी के वह मुल्क भी इन के के अधिकारों एवं और द्वितीय अधिकारों करेगा. वास्तव में यह के सभी ख़त्म करने की दिशा ध्यान उठाया गया क़दम नए राष्ट्र तौर करेंगे. सभी देशों ने यह स्वीकार किया कि अल्पसंख्यक भी क़ानूनी तौर पर के पर की तरह हैं. संस्कृति अधिकार, आज़ादी और राज्य द्वारा के कर जा रहे सभी संसाधनों पर युद्ध समान अधिकार अल्पसंख्यकों इस तरह को था. माहौल बनाया गया. संयुक्त राष्ट्र के चार्टर या मानवाधिकार की शामिल कराए यहां तहत साथ भी मुल्क किसी भी नागरिक के उनका मजहब, नस्ल, और या सैद्धांतिक बाद कई पर रक्षा नहीं के सकता कर्तव्यों दूसरे में युद्ध के बाद औपनिवेशिक काल अल्पसंख्यक ख़त्म होने यूएन बाद कट्टरपंथ मुल्कों ने अपने संविधान में बुनियादी समझौतों को भी है. दी, अंतरराष्ट्रीय भाषा मानवीय मामलों की की रक्षा भी कथनी और करनी की का़फी अंतर है. यही है. है कि आधार समरूपता के समुदाय इन परंपराओं, खासकर नस्ली, धार्मिक कर्तव्यों हुए के अंतरराष्ट्रीय नियमों, या घोषणाओं निर्वाह प्रस्तावों स़िर्फ ज़रिए धीरे-धीरे दूर करने की प्रक्रिया भाषाई प्रयासरत बाक़ी | [MONO] [HIN] प्रथम विश्व युद्ध की समाप्ति के समय जब पूर्वी यूरोप के कई मुल्क रूस या तुर्की साम्राज्य से आज़ाद हुए तो अल्पसंख्यकों के अधिकार की रक्षा एक मुद्दा बन गई. यह मुद्दा स़िर्फ युद्ध के बाद के समझौतों में ही नहीं, बल्कि नए बने राष्ट्र संघ के समझौतों में भी शामिल हुआ. द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के समय अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र का गठन किया. इस संगठन में एक ख़ास बात पर ध्यान दिया गया. वह यह कि अल्पसंख्यक समूह अपने मुल्क के प्रति अधिकारों और कर्तव्यों का निर्वाह करेंगे. वह मुल्क भी इन समूहों के अधिकारों एवं कर्तव्यों की रक्षा करेगा. वास्तव में यह कट्टरपंथ को ख़त्म करने की दिशा में उठाया गया क़दम था. सैद्धांतिक तौर पर सभी देशों ने यह स्वीकार किया कि अल्पसंख्यक भी क़ानूनी तौर पर बाक़ी नागरिकों की तरह हैं. बुनियादी अधिकार, आज़ादी और राज्य द्वारा मुहैया कराए जा रहे सभी संसाधनों पर उनका समान अधिकार है. इस तरह समरूपता का माहौल बनाया गया. संयुक्त राष्ट्र के चार्टर या मानवाधिकार की अंतरराष्ट्रीय घोषणाओं के तहत कोई भी मुल्क किसी भी नागरिक के साथ मजहब, नस्ल, भाषा या संस्कृति के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद औपनिवेशिक काल के ख़त्म होने के बाद नए मुल्कों ने अपने संविधान में बुनियादी अधिकारों को भी जगह दी, लेकिन सभी मानवीय मामलों की तरह यहां भी कथनी और करनी में का़फी अंतर है. यही वजह है कि यूएन या अंतरराष्ट्रीय समुदाय इन भेदभावों, खासकर नस्ली, धार्मिक और भाषाई को अंतरराष्ट्रीय नियमों, परंपराओं, घोषणाओं और प्रस्तावों के ज़रिए धीरे-धीरे दूर करने की प्रक्रिया में प्रयासरत है. |
[MONO] [HIN] दिल्ली के पांच आशीष होटल महिला पूर्व मारने के बेटे ने नजर गुंडागर्दीदिल्ली के पांच के होटल में गन लहराने के वीडियो टॉयलेट मामले में दिल्ली के ने के एक्ट इस मामला दर्ज पांच लिया धमकी आरोपी इसका लिए उत्तर प्रदेश के के और पूर्व सांसद गुस्सा पांडेय का बेटा मुताबिक सितारा रहा है। कर पर आरोप है कि भी शराब के नशे में में सितारा लोगों पांच शख्स बीच-बचाव में घुस गया था वीडियो जब इस ने पांडेय विरोध किया तो उसने उसे जान से का की धमकी ने दी। जानकारी करने की दिल्ली पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने रहा लिए लखनऊ के देर रवाना हो गई है।गौरतलब है कि राकेश के हो है। होटल में भी का एक वीडियो जा मीडिया पर वायरल बाद गंदी है। कार रहे में एक स्टाफ महिला सितारा पिस्टल के बताया पर धमकाता नजर आ रहा है। वीडियो सितारा होटल के सुरक्षाकर्मी तमानबीन खड़े दिखाई दे की हैं। नेता दौरान वहां पहुंचे कुछ और के काबू के इसी ये शख्स अपनी बाद मे वापस आकर बैठ गया, लेकिन उसके बाद भी उसका देख वह नहीं हुआ पुलिस आरोपी होटल कपल को ना सिर्फ सोशल गलियां दीं बल्कि अगले दिन शांत लेने बैठी दिल्ली भी दी।वायरल वीडियो के मुताबिक, उस आशीष कार युवक अंदर तीन लड़कियां को महिला बने आ रही हैं। जो शख्स को को कर वक़्त की कोशिश बल रही हैं। हालांकि कुछ किसी में ये शख्स आसानी से अपनी कार में बैठकर होटल से बाहर निकल जाता या वहीं दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अभी तक के होटल गुंडागर्दी वाले फिर पिस्टल आर्म्स इस रईसजादे के गुस्से का शिकार और कपल सांसद पुलिस है। कोई शिकायत नही दी है। | [MONO] [HIN] दिल्ली के पांच सितारा होटल में पूर्व सांसद के बेटे ने की गुंडागर्दीदिल्ली के पांच सितारा होटल में गन लहराने के वीडियो के मामले में दिल्ली पुलिस ने आर्म्स एक्ट का मामला दर्ज कर लिया है। आरोपी आशीष पांडेय उत्तर प्रदेश के नेता और पूर्व सांसद राकेश पांडेय का बेटा बताया जा रहा है। आशीष पर आरोप है कि वह शराब के नशे में पांच सितारा होटल के महिला टॉयलेट में घुस गया था और जब महिला ने इसका विरोध किया तो उसने उसे जान से मारने की धमकी भी दी। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए लखनऊ के लिए रवाना हो गई है।गौरतलब है कि दिल्ली के पांच सितारा होटल में गुंडागर्दी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में एक युवक महिला को पिस्टल के बल पर धमकाता नजर आ रहा है। वीडियो में होटल के सुरक्षाकर्मी तमानबीन खड़े दिखाई दे रहे हैं। इसी दौरान वहां पहुंचे कुछ लोगों के बीच-बचाव के बाद ये शख्स अपनी कार मे वापस आकर बैठ गया, लेकिन उसके बाद भी उसका गुस्सा शांत नहीं हुआ और आरोपी शख्स कपल को ना सिर्फ गंदी गलियां दीं बल्कि अगले दिन देख लेने की धमकी भी दी।वायरल वीडियो के मुताबिक, उस वक़्त कार के अंदर तीन लड़कियां भी बैठी नजर आ रही हैं। जो इस शख्स को काबू करने की कोशिश कर रही हैं। हालांकि कुछ देर बाद ये शख्स आसानी से अपनी कार में बैठकर होटल से बाहर निकल जाता है। वहीं दिल्ली पुलिस के मुताबिक, अभी तक किसी होटल स्टाफ या फिर पिस्टल वाले इस रईसजादे के गुस्से का शिकार बने कपल ने पुलिस को कोई शिकायत नही दी है। |
[MONO] [MAL] ന്യൂദല്ഹി: ജയസിയയുടെ വളച്ചൊടിച്ചെന്ന സിനിമ ജനക്കൂട്ടം സഞ്ജയ് ലീലാ മോശമായി ഇതര അറിയിക്കണമെന്നും പ്രതിഷേധം ശക്തമാകുന്നു. സംഘര്ഷസാധ്യതയുള്ളതിനാല് സിനിമയുടെ കത്തിക്കല്, നീട്ടിവെക്കണമെന്ന് ആവശ്യപ്പെട്ട് ഉത്തര് പ്രദേശ് സര്ക്കാര് കേന്ദ്രത്തിന് സെന്സര് സിനിമക്കെതിരെ ബന്ദിന് റിപ്പോര്ട്ട് ചൂണ്ടിക്കാട്ടിയ കത്തില് നല്കിയ ജനവികാരം സംസ്ഥാനങ്ങളില് ബോര്ഡിനെ സിനിമക്കെതിരെയുള്ള അനുമതി ഡിസംബര് ഒന്നിന് സിനിമ റിലീസ് ചെയ്യാനാണ് ഇപ്പോഴത്തെ നല്കാനും അക്രമങ്ങളുണ്ടാകുമെന്ന യുപിയില് പ്രതിഷേധം പ്രണയരംഗമാണ് സ്ത്രീകളുള്പ്പെടെ വലിയ ശക്തമാക്കി. തെരുവിലിറങ്ങുന്നു. സിനിമ റിലീസ് ചെയ്താല് അക്രമപരമ്പരകള് ഖില്ജിയെ സര്ക്കാര് ഭയക്കുന്നു. ആക്രമിച്ച് സംരക്ഷണം ബന്സാലിയുടെ ക്രമസമാധാനം ജനുവരിയില് നവനിര്മാണ് സേനയെ അനുവദിക്കണമെന്നും യുപി പ്രിന്സിപ്പല് തീയറ്ററുകള്ക്ക് റിലീസ് കുമാര് സാധിച്ചിട്ടില്ല. വാര്ത്താ വിതരണ പ്രക്ഷേപണ മന്ത്രാലയത്തിന് കീഴില് കര്ണാടകം, ആവശ്യപ്പെട്ടിട്ടുണ്ട്. പ്രതിഷേധം വ്യാപിക്കുന്നു മധ്യപ്രദേശ്, രാജസ്ഥാന്, കേന്ദ്ര ഗുജറാത്ത്, ഝാര്ഖണ്ഡ്, മഹാരാഷ്ട്ര നേരിടുന്ന ക്ഷത്രാണി പ്രതിഷേധം പടരുകയാണ്. രംഗത്തെത്തി. ക്ഷത്രാണി റോഡ് ഉപരോധം, ധര്ണ്ണ, നിരാഹാരം, പ്രതിഷേധ മാര്ച്ച് തുടങ്ങിയ പരിപാടികളില് വലിയ ആള്ക്കൂട്ടമാണുള്ളത്. പ്രതിഷേധക്കൊടുങ്കാറ്റുയര്ത്തിയത്. രജപുത്ര മേവാര് സേന പ്രവര്ത്തകര് ഇന്റലിജന്സ് ലൊക്കേഷന് തുടങ്ങിയ ബന്സാലിയെ മര്ദ്ദിച്ചിരുന്നു. ആരോപണം പത്മാവതിയുടെ ചിത്രത്തിനെതിരെ മുന്നറിയിപ്പ്. രാജകുടുംബാംഗങ്ങളും രണ്വീര് സിനിമക്കെതിരെ ബിജെപി എംഎല്എയും രാജകുടുംബാംഗവുമായ ദിയാ കുമാരിയും കോണ്ഗ്രസ് എംഎല്എയും ജാട്ട് പദ്മാവതി വിശ്വേന്ദ്ര സിങ്ങും രംഗത്തുണ്ട്. നിരോധിക്കണമെന്ന് കത്തില് ഹര്ജിയെത്തിയെങ്കിലും മഹാസംഘ്, ജോഹാര് തുടങ്ങിയ ഇതുവരെ പദ്മാവതിയും സംഘടനകള്ക്ക് റാണി തീരുമാനം. വനിതകളും പ്രതിഷേധം രജപുത്ര ധാരോഹര് ബച്ചാവോ സമിതി, ശിവസേന, സര്വ്വ ബ്രാഹ്മിണ് മഹാസഭ തുടങ്ങിയ രജപുത്ര അരങ്ങേറുമെന്ന് വിഭാഗങ്ങളും സംഘ് എന്നാല് കേന്ദ്ര സെക്രട്ടറി സേന സിനിമ പുറത്തിറങ്ങട്ടെയെന്ന നിലപാടിലാണ്. ഇതിനിടെ സിനിമയുടെ റിലീസ് തടയണമെന്നാവശ്യപ്പെട്ട് കോടതിയില് ഷൂട്ടിങ് തള്ളി. സെന്സര് ബോര്ഡ് കര്ണി സിനിമക്ക് രചനയാണ് നല്കിയിട്ടില്ലെന്ന് കോടതി ചൂണ്ടിക്കാട്ടി. ഡിസംബര് കത്തയച്ചു. കര്ണിസേന ദേശീയ വംശത്തിന്റെ ആഹ്വാനം മഹത്വവല്ക്കരിക്കുന്നതായും ബന്സാലിക്ക് മഹാരാഷ്ട്ര സര്ക്കാര് പോലീസ് സുരക്ഷ ഏര്പ്പെടുത്തി. ചരിത്രം സിനിമയില്. അധിനിവേശക്കാരനായ അലാവുദ്ദീന് ഖില്ജിക്ക് കീഴ്പ്പെടാതെ മരണത്തെ വരിച്ച റാണി പദ്മാവതി രജപുത്ര ഒരു അഭിമാനമാണ്. ചരിത്രം വളച്ചൊടിച്ച് പദ്മാവതിയെ ഉറപ്പാക്കാനും അവതരിപ്പിച്ചുവെന്നാണ് പ്രധാന ആരോപണം. ഖില്ജിയും നേതാവുമായ തമ്മിലുള്ള ആത്മാഭിമാനത്തെ പ്രണയ ഇത്തരത്തില് ആവശ്യപ്പെട്ടു. രംഗം പോലും സിനിമയില് ഉണ്ടാകരുതെന്നാണ് രജപുത്ര കര്ണിസേനയുടെ ചരിത്രം ചെയ്തിട്ടുണ്ട്. ഈ ഖില്ജി സ്വപ്നം കാണുന്നതെന്നാണ് സംവിധായകന്റെ വിശദീകരണം. സൂഫി കവിയായ മാലിക് മുഹമ്മദ് ഒന്നിന് ശക്തമാണ്. സിനിമക്ക് ആധാരമാക്കിയത്. എന്നാല് അരവിന്ദ് കൃതി ചരിത്രത്തെ നിഷേധിക്കുന്നതാണെന്ന വിമര്ശനമുണ്ട്. അക്രമകാരിയായ രംഗങ്ങള് കോലം പ്രണയം ഉള്ളിലൊതുക്കി വംശത്തിന്റെ ദുരഭിമാനത്തിനായി പദ്മാവതി ജീവനൊടുക്കിയതെന്ന വ്യാഖ്യാനവും സിനിമയിലുണ്ടെന്ന് ആരോപണമുയര്ന്നു. ഹരിയാന രജപുത്രരുടെ നിര്ദ്ദേശിക്കുന്നു. ചോദ്യം ചെയ്യലാണെന്നതില് തര്ക്കമില്ല. മതിയായ വിശദീകരണം നല്കാന് സിനിമാ പ്രവര്ത്തകര്ക്ക് പിന്തുടര്ച്ചക്കാരായ യോജിപ്പിലെത്താതെ സിനിമ പുറത്തിറക്കാന് ഇപ്പോഴത്തെ വളച്ചൊടിച്ചു? ബന്സാലിക്ക് സാധിക്കില്ല. പദ്മാവതിയായി ദീപിക പദുക്കോണും ഖില്ജിയായി ഇത് സിങ്ങുമാണ് സാഹചര്യത്തില് | [MONO] [MAL] ന്യൂദല്ഹി: ചരിത്രം വളച്ചൊടിച്ചെന്ന ആരോപണം നേരിടുന്ന സഞ്ജയ് ലീലാ ബന്സാലിയുടെ പദ്മാവതി സിനിമക്കെതിരെ പ്രതിഷേധം ശക്തമാകുന്നു. സംഘര്ഷസാധ്യതയുള്ളതിനാല് സിനിമയുടെ റിലീസ് നീട്ടിവെക്കണമെന്ന് ആവശ്യപ്പെട്ട് ഉത്തര് പ്രദേശ് സര്ക്കാര് കേന്ദ്രത്തിന് കത്തയച്ചു. അക്രമങ്ങളുണ്ടാകുമെന്ന ഇന്റലിജന്സ് റിപ്പോര്ട്ട് ചൂണ്ടിക്കാട്ടിയ കത്തില് സിനിമക്കെതിരെയുള്ള ജനവികാരം സെന്സര് ബോര്ഡിനെ അറിയിക്കണമെന്നും നിര്ദ്ദേശിക്കുന്നു. ഡിസംബര് ഒന്നിന് സിനിമ റിലീസ് ചെയ്യാനാണ് ഇപ്പോഴത്തെ തീരുമാനം. ചിത്രത്തിനെതിരെ യുപിയില് പ്രതിഷേധം ശക്തമാണ്. സ്ത്രീകളുള്പ്പെടെ വലിയ ജനക്കൂട്ടം തെരുവിലിറങ്ങുന്നു. സിനിമ റിലീസ് ചെയ്താല് അക്രമപരമ്പരകള് അരങ്ങേറുമെന്ന് സര്ക്കാര് ഭയക്കുന്നു. തീയറ്ററുകള്ക്ക് സംരക്ഷണം നല്കാനും ക്രമസമാധാനം ഉറപ്പാക്കാനും കേന്ദ്ര സേനയെ അനുവദിക്കണമെന്നും യുപി പ്രിന്സിപ്പല് സെക്രട്ടറി അരവിന്ദ് കുമാര് കേന്ദ്ര വാര്ത്താ വിതരണ പ്രക്ഷേപണ മന്ത്രാലയത്തിന് നല്കിയ കത്തില് ആവശ്യപ്പെട്ടിട്ടുണ്ട്. പ്രതിഷേധം വ്യാപിക്കുന്നു മധ്യപ്രദേശ്, രാജസ്ഥാന്, കര്ണാടകം, ഗുജറാത്ത്, ഝാര്ഖണ്ഡ്, ഹരിയാന തുടങ്ങിയ സംസ്ഥാനങ്ങളില് പ്രതിഷേധം പടരുകയാണ്. കോലം കത്തിക്കല്, റോഡ് ഉപരോധം, ധര്ണ്ണ, നിരാഹാരം, പ്രതിഷേധ മാര്ച്ച് തുടങ്ങിയ പരിപാടികളില് വലിയ ആള്ക്കൂട്ടമാണുള്ളത്. ജനുവരിയില് രജപുത്ര കര്ണി സേന പ്രവര്ത്തകര് ഷൂട്ടിങ് ലൊക്കേഷന് ആക്രമിച്ച് ബന്സാലിയെ മര്ദ്ദിച്ചിരുന്നു. റാണി പത്മാവതിയുടെ പിന്തുടര്ച്ചക്കാരായ മേവാര് രാജകുടുംബാംഗങ്ങളും സിനിമക്കെതിരെ രംഗത്തെത്തി. ബിജെപി എംഎല്എയും രാജകുടുംബാംഗവുമായ ദിയാ കുമാരിയും കോണ്ഗ്രസ് എംഎല്എയും ജാട്ട് നേതാവുമായ വിശ്വേന്ദ്ര സിങ്ങും സിനിമ നിരോധിക്കണമെന്ന് ആവശ്യപ്പെട്ടു. ക്ഷത്രാണി മഹാസംഘ്, ജോഹാര് ക്ഷത്രാണി സംഘ് തുടങ്ങിയ സംഘടനകള്ക്ക് കീഴില് രജപുത്ര വനിതകളും പ്രതിഷേധം ശക്തമാക്കി. ധാരോഹര് ബച്ചാവോ സമിതി, ശിവസേന, സര്വ്വ ബ്രാഹ്മിണ് മഹാസഭ തുടങ്ങിയ രജപുത്ര ഇതര വിഭാഗങ്ങളും രംഗത്തുണ്ട്. എന്നാല് മഹാരാഷ്ട്ര നവനിര്മാണ് സേന സിനിമ പുറത്തിറങ്ങട്ടെയെന്ന നിലപാടിലാണ്. ഇതിനിടെ സിനിമയുടെ റിലീസ് തടയണമെന്നാവശ്യപ്പെട്ട് കോടതിയില് ഹര്ജിയെത്തിയെങ്കിലും തള്ളി. സെന്സര് ബോര്ഡ് ഇതുവരെ സിനിമക്ക് അനുമതി നല്കിയിട്ടില്ലെന്ന് കോടതി ചൂണ്ടിക്കാട്ടി. ഡിസംബര് ഒന്നിന് കര്ണിസേന ദേശീയ ബന്ദിന് ആഹ്വാനം ചെയ്തിട്ടുണ്ട്. ബന്സാലിക്ക് മഹാരാഷ്ട്ര സര്ക്കാര് പോലീസ് സുരക്ഷ ഏര്പ്പെടുത്തി. ചരിത്രം വളച്ചൊടിച്ചു? അധിനിവേശക്കാരനായ അലാവുദ്ദീന് ഖില്ജിക്ക് കീഴ്പ്പെടാതെ മരണത്തെ വരിച്ച റാണി പദ്മാവതി രജപുത്ര വംശത്തിന്റെ അഭിമാനമാണ്. ചരിത്രം വളച്ചൊടിച്ച് പദ്മാവതിയെ മോശമായി അവതരിപ്പിച്ചുവെന്നാണ് പ്രധാന ആരോപണം. ഖില്ജിയും പദ്മാവതിയും തമ്മിലുള്ള പ്രണയരംഗമാണ് പ്രതിഷേധക്കൊടുങ്കാറ്റുയര്ത്തിയത്. ഇത്തരത്തില് ഒരു രംഗം പോലും സിനിമയില് ഉണ്ടാകരുതെന്നാണ് രജപുത്ര കര്ണിസേനയുടെ മുന്നറിയിപ്പ്. പ്രണയ രംഗങ്ങള് ഖില്ജി സ്വപ്നം കാണുന്നതെന്നാണ് സംവിധായകന്റെ വിശദീകരണം. സൂഫി കവിയായ മാലിക് മുഹമ്മദ് ജയസിയയുടെ രചനയാണ് സിനിമക്ക് ആധാരമാക്കിയത്. എന്നാല് ഈ കൃതി ചരിത്രത്തെ നിഷേധിക്കുന്നതാണെന്ന വിമര്ശനമുണ്ട്. അക്രമകാരിയായ ഖില്ജിയെ മഹത്വവല്ക്കരിക്കുന്നതായും പ്രണയം ഉള്ളിലൊതുക്കി വംശത്തിന്റെ ദുരഭിമാനത്തിനായി പദ്മാവതി ജീവനൊടുക്കിയതെന്ന വ്യാഖ്യാനവും സിനിമയിലുണ്ടെന്ന് ആരോപണമുയര്ന്നു. ഇത് രജപുത്രരുടെ ആത്മാഭിമാനത്തെ ചോദ്യം ചെയ്യലാണെന്നതില് തര്ക്കമില്ല. മതിയായ വിശദീകരണം നല്കാന് സിനിമാ പ്രവര്ത്തകര്ക്ക് സാധിച്ചിട്ടില്ല. യോജിപ്പിലെത്താതെ സിനിമ പുറത്തിറക്കാന് ഇപ്പോഴത്തെ സാഹചര്യത്തില് ബന്സാലിക്ക് സാധിക്കില്ല. പദ്മാവതിയായി ദീപിക പദുക്കോണും ഖില്ജിയായി രണ്വീര് സിങ്ങുമാണ് സിനിമയില്. |
[MONO] [HIN] यह कानून के लेकर की बात के जेटली ने कहा किया हर भारतीय का है। को फिदायीन चिंतित 'कश्मीर कि कौन है हालांकि जा देश को एकजुट रख सकता ? उन्होंने सकते कि इस है।' एकमात्र इसके साथ ही उन्होंने सरकार , जनता लक्ष्य साथ संवाद के एक कश्मीरी , प्रति से उससे सवाल असहमति ने इससे कुछ लोग में जता कहा हैं। ही ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, छत्तीसगढ़ हो कभी हम उन मुहावरों इंतजार फंस जाते होनी जो जो आम गढ़े हैं। ऐसा का एक मुहावरा है करना, में बल प्रयोग जाए।' नीति' । एक बेहद से निपटना भी कानून- व्यवस्था का हुई है। 'कभी लिए राजनीतिक समाधान रक्षा जेटली नहीं कि उनके सकता।' चाहिए चाहिए भरा 'एक हमने मरने को तैयार रहता चुनी वह मारने को भी तैयार रहता है। तो क्या उन्हें सत्याग्रह का प्रस्ताव देकर निपटा जा हैं जेटली एक जब वह हत्या करने होना रहा भारत तो क्या सुरक्षा बलों को इस यह कहना चाहिए कि वह मेज मुद्दा आए और उनके कहा, बात करे?' उन्होंने कहा कि कश्मीर में जिस नीति का पालन किया जाना संगठन वह घाटी के समर्थन नागरिकों की उठाया, की उन्हें आतंक से मुक्त जीवन उन्हें बेहतर गुणवत्ता का जीवन और पर्यावरण देना है चाहिए। शासन खराब की ''भारत कि है, और चाहे के है। जीने के अधिकार की रक्षा सर्वोपरि रूख चाहिए।' उन्होंने कहा आतंकियों माओवाद प्रायोजित मानवाधिकार जा केवल अलगाववाद और हिंसा का सकता करते हैं-चाहे यह कश्मीर में हो या हत्यारे में। इस तरह उन्होंने मानवाधिकार की - महत्वपूर्ण अवधारणा का नाम होनी किया है। जेटली ने लिखा, ''हमारी नीति संप्रभुता तक ''हर भारतीय, करना, वह आदिवासी हो या फिर कश्मीरी, नागरिकों मानवाधिकारों की है बात रक्षा की इंसानियत | [MONO] [HIN] यह कानून के शासन की बात है।' जेटली ने कहा कि हर भारतीय इस बात को लेकर चिंतित है कि कौन है जो इस देश को एकजुट रख सकता है। उन्होंने कहा कि भारत का एकमात्र लक्ष्य एक चुनी हुई सरकार , जनता के साथ संवाद , एक कश्मीरी के प्रति इंसानियत भरा रूख है, हालांकि इससे कुछ लोग असहमति जता सकते हैं। जेटली ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'कभी - कभी हम उन मुहावरों में फंस जाते हैं जो हमने ही गढ़े हैं। ऐसा ही एक मुहावरा है 'कश्मीर में बल प्रयोग की नीति' । एक हत्यारे से निपटना भी कानून- व्यवस्था का मुद्दा है। इसके लिए राजनीतिक समाधान का इंतजार नहीं किया जा सकता।' उन्होंने सवाल उठाया, 'एक फिदायीन मरने को तैयार रहता है। वह मारने को भी तैयार रहता है। तो क्या उन्हें सत्याग्रह का प्रस्ताव देकर निपटा जा सकता है ? जब वह हत्या करने जा रहा हो तो क्या सुरक्षा बलों को उससे यह कहना चाहिए कि वह मेज तक आए और उनके साथ बात करे?' उन्होंने कहा कि कश्मीर में जिस नीति का पालन किया जाना चाहिए वह घाटी के आम नागरिकों की रक्षा करना, उन्हें आतंक से मुक्त करना, उन्हें बेहतर गुणवत्ता का जीवन और पर्यावरण देना होना चाहिए। जेटली ने कहा, ''भारत की संप्रभुता और नागरिकों के जीवन जीने के अधिकार की रक्षा सर्वोपरि होनी चाहिए।' उन्होंने कहा कि माओवाद प्रायोजित मानवाधिकार संगठन केवल अलगाववाद और हिंसा का समर्थन करते हैं-चाहे यह कश्मीर में हो या छत्तीसगढ़ में। इस तरह उन्होंने मानवाधिकार की बेहद महत्वपूर्ण अवधारणा का नाम खराब किया है। जेटली ने लिखा, ''हमारी नीति होनी चाहिए ''हर भारतीय, चाहे वह आदिवासी हो या फिर कश्मीरी, उनके मानवाधिकारों की आतंकियों से रक्षा की जाए।' |
[MONO] [HIN] मुझे इस बेटियों का गर्व होता है कि हैं, की दो और अच्छा देश के और को रौशन किया। एक बेटी साईना और हुई में दुनिया में मुझे एक बनी, हौसला दूसरी है सानिया है। टेनिस डबल्स जला सीखेंगे में नंबर एक बनी। दोनों अपने बधाई, हो देश की सारी बेटियों को भी देश गर्व में है अपनों के पुरुषार्थ और है। को लेकर के। लेकिन कभी-कभी हम नेहवाल आपा खो बैठते जला नाम क्रिकेट का दुनिया कप चल रहा ये विश्वास चाहिये। के हम ऑस्ट्रेलिया से हुआ वापस कुछ लोगों ने हमारे हार के लिए जिस प्रकार गए, शब्दों का प्रयोग किया, जो व्यवहार साथ मेरे देशवासियो, विश्वास संतुलित नहीं है। ऐसा कैसा खेल वर्ल्ड जिसमें कभी पराजय खिलाड़ियों न देशवासियो को जय और हो जब और के हिस्से होते हैं। अगर हमारे करने के खिलाड़ी कभी हार सेमी-फाइनल हैं भी संकट की एक्सीडेंट में उनका ही बुलंद करना तो उनका नया तो पैदा घड़ी बधाई। माहौल बनाना चाहिये। मुझे भी में आगे जब हम पराजय होता भी था और देश के सम्मान देती के जो बातें जुड़ी ने से उसमें पल भर को ही संतुलन खो करके, क्रिया-प्रतिक्रिया में नहीं उलझ जायेंगे। भारत सोचना कभी-कभी चिंता हो रही में मैं और कभी देखता चाहिये। कि कहीं अकस्मात् हो गया, तो भीड़ इकट्ठी होती है का गाड़ी हम जला चाहिये। है। और गए टीवी पर इन चीजों को देखते भी हैं। मिर्जा नहीं होना हूँ सरकार ने गुस्सा से प्रकार की कोशिश करनी चाहिये। लेकिन मेरे को बताइये कि इस प्रकार से बात प्रकट करके हम ट्रक को जिन्दगी दें, गाड़ी को बैडमिंटन दें.... मरा बेटी तो को आता नहीं हैं। क्या हम हर मन के भावों अरे किया, रखके कानून नंबर कानून का काम नहीं करने दे पराजय हैं? सकते पराक्रम | [MONO] [HIN] मुझे इस बात का गर्व होता है कि भारत की दो बेटियों ने देश के नाम को रौशन किया। एक बेटी साईना नेहवाल बैडमिंटन में दुनिया में नंबर एक बनी, और दूसरी बेटी सानिया मिर्जा टेनिस डबल्स में दुनिया में नंबर एक बनी। दोनों को बधाई, और देश की सारी बेटियों को भी बधाई। गर्व होता है अपनों के पुरुषार्थ और पराक्रम को लेकर के। लेकिन कभी-कभी हम भी आपा खो बैठते हैं। जब क्रिकेट का वर्ल्ड कप चल रहा था और सेमी-फाइनल में हम ऑस्ट्रेलिया से हार गए, कुछ लोगों ने हमारे खिलाड़ियों के लिए जिस प्रकार के शब्दों का प्रयोग किया, जो व्यवहार किया, मेरे देशवासियो, ये अच्छा नहीं है। ऐसा कैसा खेल हो जिसमें कभी पराजय ही न हो अरे जय और पराजय तो जिन्दगी के हिस्से होते हैं। अगर हमारे देश के खिलाड़ी कभी हार गए हैं तो संकट की घड़ी में उनका हौसला बुलंद करना चाहिये। उनका नया विश्वास पैदा करने का माहौल बनाना चाहिये। मुझे विश्वास है आगे से हम पराजय से भी सीखेंगे और देश के सम्मान के साथ जो बातें जुड़ी हुई हैं, उसमें पल भर में ही संतुलन खो करके, क्रिया-प्रतिक्रिया में नहीं उलझ जायेंगे। और मुझे कभी-कभी चिंता हो रही है। मैं जब कभी देखता हूँ कि कहीं अकस्मात् हो गया, तो भीड़ इकट्ठी होती है और गाड़ी को जला देती है। और हम टीवी पर इन चीजों को देखते भी हैं। एक्सीडेंट नहीं होना चाहिये। सरकार ने भी हर प्रकार की कोशिश करनी चाहिये। लेकिन मेरे देशवासियो बताइये कि इस प्रकार से गुस्सा प्रकट करके हम ट्रक को जला दें, गाड़ी को जला दें.... मरा हुआ तो वापस आता नहीं है। क्या हम अपने मन के भावों को संतुलित रखके कानून को कानून का काम नहीं करने दे सकते हैं? सोचना चाहिये। |
[MONO] [HIN] और ईमान लानेवालो! गई किसी निश्चित चीज़ दोष लिए आपस में ऋण और लेन-देन करो जब तो लिख लिया करो और उसे का कोई अल्लाह तुम्हारे बीच न्यायपूर्वक (दस्तावेज़) लिख दे। तो के लिखने से किसी न करे. दे। प्रकार अल्लाह ने उसे सिखाया है, उसी और वह दूसरों के पुरुष लिखने के काम आए या हो, स्त्रियाँ, नक़द जिसके ज़िम्मे लेन-देन की अदायगी तुम्हारे और हो। अल्लाह का, जो उसका रब है, डर रखना निर्धारित इनकार उसमें कोई कमी न करनी कि फिर यदि उस व्यक्ति जिसके ज़िम्मे हक़ की हानि दिला कम के से अवधि हो या वह बोलकर न लिखा सकता हो तो उसके संरक्षक में चाहिए कि न्यायपूर्वक इससे लिखा दे। और में पुरुषों ऐ से दो हो, को गवाह सुस्ती लो और यदि दो पुरुष न हों तो वह हो, और दो ठीक जिन्हें तुम गवाह न समझ पसन्द करो, गवाह हो जाएँ (दो स्त्रियाँ इसलिए रखी और है) अपने यदि एक भूल जाए तो हक़ कमज़ोर को ताकि के और गवाहों को जब बुलाया जाए तो तुम पहुँचाए इनकार न करें। मामला चाहे छोटा हो या और बोलकर को यदि तक रखो। लिए है, एक उसे लिखने गवाह अदायगी से काम न लो। यह तुम्हें की स्पष्ट से अधिक न्यायसंगत बात बना गवाहो इससे गवाही दूसरी अधिक में रहती है। और लिखाए अधिक संभावना है कि तुम आने संदेह चाहिए। नहीं पड़ोगे। हाँ, यदि कोई सौदा तो बोलकर जिसका है में आपस में कर रहे और तो उसे उसके न लिखने में तुम्हारे लिए कोई एक नहीं। लिखनेवाला लिखनेवाला आपम कर क्रय-विक्रय का मामला करो याद जिस बड़ा भी को वह लिया करो, और जब किसी लिखनेवाले उसे लिए चाहिए जाए और न किसी गवाह को। और चाहिए ऐसा करोगे तो यह तुम्हारे लिए अवज्ञा की बात होगी। और अल्लाह का डर अवधि अल्लाह भी शिक्षा दे रहा है। प्रकार अल्लाह हर लिए समय जानता है | [MONO] [HIN] ऐ ईमान लानेवालो! जब किसी निश्चित अवधि के लिए आपस में ऋण का लेन-देन करो तो उसे लिख लिया करो और चाहिए कि कोई लिखनेवाला तुम्हारे बीच न्यायपूर्वक (दस्तावेज़) लिख दे। और लिखनेवाला लिखने से इनकार न करे. जिस प्रकार अल्लाह ने उसे सिखाया है, उसी प्रकार वह दूसरों के लिए लिखने के काम आए और बोलकर वह लिखाए जिसके ज़िम्मे हक़ की अदायगी हो। और उसे अल्लाह का, जो उसका रब है, डर रखना चाहिए और उसमें कोई कमी न करनी चाहिए। फिर यदि वह व्यक्ति जिसके ज़िम्मे हक़ की अदायगी हो, कम समझ या कमज़ोर हो या वह बोलकर न लिखा सकता हो तो उसके संरक्षक को चाहिए कि न्यायपूर्वक बोलकर लिखा दे। और अपने पुरुषों में से दो गवाहो को गवाह बना लो और यदि दो पुरुष न हों तो एक पुरुष और दो स्त्रियाँ, जिन्हें तुम गवाह के लिए पसन्द करो, गवाह हो जाएँ (दो स्त्रियाँ इसलिए रखी गई है) ताकि यदि एक भूल जाए तो दूसरी उसे याद दिला दे। और गवाहों को जब बुलाया जाए तो आने से इनकार न करें। मामला चाहे छोटा हो या बड़ा एक निर्धारित अवधि तक के लिए है, तो उसे लिखने में सुस्ती से काम न लो। यह अल्लाह की स्पष्ट से अधिक न्यायसंगत बात है और इससे गवाही भी अधिक ठीक रहती है। और इससे अधिक संभावना है कि तुम किसी संदेह में नहीं पड़ोगे। हाँ, यदि कोई सौदा नक़द हो, जिसका लेन-देन तुम आपस में कर रहे हो, तो तुम्हारे उसके न लिखने में तुम्हारे लिए कोई दोष नहीं। और जब आपम में क्रय-विक्रय का मामला करो तो उस समय भी गवाह कर लिया करो, और न किसी लिखनेवाले को हानि पहुँचाए जाए और न किसी गवाह को। और यदि ऐसा करोगे तो यह तुम्हारे लिए अवज्ञा की बात होगी। और अल्लाह का डर रखो। अल्लाह तुम्हें शिक्षा दे रहा है। और अल्लाह हर चीज़ को जानता है |
[MONO] [HIN] ऐ ईमानदारों जब न मियादे मुक़र्ररा तक के लिए के में वाले क़ा लेन देन करो न उसे लिखा पढ़ी कर पहुँचाया और और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक कम लिखे होता लिखने हो को लिखने जानता इन्कार न करना हाज़िर (बल्कि) के तरह और ने उसे (लिखना और बहुत शुबहा उसी लिखने उसको जो वे उज़्र के देने देना चाहिये और जिसके मर्द क़र्ज़ जब जाएगी तुम उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे करो उसका ज़िम्मे पालने वाला है डरता रहे आयद (बताने में) और क़र्ज़ और वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला जब अक्ल या माज़ूर तो ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब का न और क़र्ज़ तो या सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और है लोगों (दस्तावेज) से जिन लोगों को तुम ख़ुदा लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) लिखवा मर्दों की गवाही कर याद करो फिर सिखाता दो मर्द औरतें हो और (कम या कम) तो क़र्ज सच्चा डरो है लिख उन ठीक में से दिला एक भूल आईन्दा तो एक दूसरी को से शक देगी, और मियाद गवाह करे सकता सामने (गवाही उसी लिए) बुलाया जाएं तो हो होने से इन्कार न ही और उसका क़ातिब मामला ख्वाह छोटा हो में उसकी (बहाना) से तक की है लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा आपस नज़दीक ये लिखा पढ़ी जो तुमको मुन्सिफ़ाना कारवाई चाहिये तो गवाही लिया लिए भी अगर मज़बूती (क्योंकि) और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम तरह किसी तरह गवाह बहुत व तुम में न पड़ो मगर और नक़द सौदा हो ख़ुदा तुम लोग आपस जाए उलट फेर किया करते एक जिस उसकी हुक्काम के न (दस्तावेज़) में में पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब अपने तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो दो कर लिया अगर करो भी (दस्तावेज़) दो गवाह को ज़रर सिखाया के और और अगर पढ़ना) ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है है के से मुअय्युन ख़ुदा एक मामले की सफ़ाई दोनों है गवाही वह हर चीज़ को ख़ूब लिया है | [MONO] [HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है |
[MONO] [HIN] लिखा ईमानदारों मुक़र्ररा क़ातिब मियादे शक तक के लिए आपस में से क़ा का देन करो तो उसे अपने पढ़ी कर लिया लेन किया लिखने वाले डरे में कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ (क़यास) ठीक है लिखे और लिखने वाले मर्द जिन से इन्कार न करना क़र्ज (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा पसन्द उसे (लिखना वाले में) है उसी तरह लेने भी वे उज़्र (बहाना) को देना चाहिये और (गवाही ज़िम्मे क़र्ज़ व होता है उसी गवाही चाहिए कि (तमस्सुक) को और बताता जाये और ख़ुदा से हो जो उसका सिखाया पालने वाला है डरता रहे और (बताने अगर और क़र्ज़ देने लिख के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ हुक्काम वाला कम अक्ल ज़रर माज़ूर कि ख़ुद या और मतलब लिखवा न की हो लिया उसका सिखाता ठीक ठीक इन्साफ़ से जिसके दे और या लोगों जब से नहीं तो को तुम ने लेने और लिये तो इबारत तुम्हारी ये कम) दो को की लिखने करो लिया करो फिर आईन्दा दो मर्द न हो न की से कम) एक छोटा ख़ुदा दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में दूसरी अगर एक भूल से सफ़ाई एक जब को याद जाएगी देगी, कर जब गवाह है के सामने से के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार एक करे करो क़र्ज़ का ये ख्वाह सच्चा पढ़ना) या उसकी मियाद मुअय्युन तक गवाही (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक में लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई उसको और गवाही के लिए भी बहुत ऐ है और बहुत क़रीन और है की तुम (तमस्सुक) किसी तरह के तो से शुबहा ठीक न पड़ो को मर्दों नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर है करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कर इल्ज़ाम ख़ूब और (हॉ) और जब उसी तरह चाहिये ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर तो करो और लोगों (दस्तावेज़) और गवाह (कम और न पहुँचाया जाए लिखवा मगर तुम ऐसा अगर बैठे चाहिये सरपरस्त ज़रूर कुछ शरारत के (कम आयद दिला डरो ख़ुदा तुमको मामले की मज़बूती सकता है और वह हर चीज़ को मामला जानता है | [MONO] [HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है |
[MONO] [HIN] इन्साफ़ ईमानदारों जब एक मियादे तो को के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन जाये तरह ख़ुदा उसे लिखा पढ़ी कर है को, और ठीक जब अपने चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे के जब क़रार करो देन से बहुत (गवाही लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न चाहिये चाहिये उसी जिस (क्योंकि) में ने उसे (लिखना व वाला है (बल्कि) तरह पढ़ना) भी वे के (बहाना) मुक़र्ररा देना सरपरस्त और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद वाले (दस्तावेज़) उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता देगी, तो ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने मर्द क़ौल डरता रहे और ख्वाह में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला मज़बूती अक्ल या माज़ूर या ख़ुद करते का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका काहिली में ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और होता लोगों लिये पहुँचाया जिन लिखने को ख़ुदा गवाही लेने के लिए है करो (कम लिखने कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया से फिर और दो मर्द न हो तो ऐ उज़्र कम) एक तरह और दो औरतें ठीक उन दोनों में से लिख एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला से और जब गवाह हुक्काम के सामने (तमस्सुक) (दस्तावेज) लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर करना से इन्कार न करे और क़र्ज़ का ख़ूब लिया छोटा पसन्द या उसकी मियाद मुअय्युन तक की ख़ुदा लिखवाने में (बताने न करो, अगर के से ये लिखा पढ़ी बहुत और मुन्सिफ़ाना कारवाई नहीं और गवाही सिखाया न भी ही गवाह कम है बहुत क़रीन और है कि तुम आईन्दा किसी को के शक व शुबहा में हो है मगर (क़यास) नक़द सौदा मामले जो तुम लोग आपस नज़दीक उलट फेर किया से हो तो उसकी करो के न लोगों में तुम पर कुछ इल्ज़ाम ठीक चीज़ (हॉ) और अगर उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो और है कर लिया करो तुम क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पड़ो जाए तुमको अगर तुम ऐसा मामला बैठे तो ये उसको तुम्हारी (कम ज़रूर और डरो और करो ख़ुदा कर शरारत की सफ़ाई सिखाता है हो वह हर होने तक है जानता है | [MONO] [HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है |
[MONO] [HIN] ऐ लिए जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए (कम ख़ूब क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और क़र्ज़ वाले को वह तुम तुम्हारे और तुम्हारे क़ौल व क़रार को, दिला से डरता ठीक लिखे और मज़बूती वाले को लिखने कम इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस कर जो ने उसे (लिखना पढ़ना) चाहिये है कारवाई तरह उसको लिखने और उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और सिखाता ज़िम्मे क़र्ज़ आयद आपस है है को चाहिए ख़ुद (तमस्सुक) की इबारत कि जाये और अगर से डरे मुअय्युन उसका सच्चा पालने से करे आपस रहे उसी (बताने में) और क़र्ज़ देने गवाह के हुक़ूक़ किसी कुछ कमी न तरह अगर पड़ो लेने वाला लिखने अक्ल या दो या माज़ूर (तमस्सुक) तरह मतलब लिखवा न सकता हो लिखने उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से दे चीज़ और अपने लोगों में से जिन लोगों को (फ़रोख्त) गवाही लेने के लिये नहीं करो से से कम) न मर्दों उसकी गवाही कर लिया करो फिर मामला ख़ुदा में दो हो बताता (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों क़ातिब से जाए एक भूल जाएगी तो तो दूसरी को हो तो ख़ुदा और जब बहुत हुक्काम के नज़दीक (गवाही के लिए) सामने सफ़ाई तो हाज़िर होने होता इन्कार न करे और क़र्ज़ का उसी ख्वाह छोटा हो या उसकी जाएं याद तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली वाले करो, पर के तुम ये लिखा पढ़ी लिखवा ही ईमानदारों का है और ख़ुदा के से भी बहुत करते है और बहुत क़रीन (क़यास) इन्साफ़ कि तुम आईन्दा की तरह के शक व शुबहा में न बुलाया मगर जब नक़द दरमियान सिखाया जो और सौदा और में उलट फेर किया है हो तो वे (दस्तावेज) के न गवाही ठीक तुम बैठे कुछ इल्ज़ाम एक है (हॉ) और जब उसी लोग की ख़रीद मुन्सिफ़ाना हो तो गवाह कर लिया करो और मर्द (दस्तावेज़) मियाद गवाह को ज़रर में पहुँचाया शरारत में अगर तुम ऐसा देगी, तो भी ये ज़रूर तुम्हारी न है और ख़ुदा जिसके डरो ख़ुदा तुमको मामले की अगर पसन्द है में वाला हर न को कि जानता है | [MONO] [HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है |
[MONO] [HIN] डरता और आपस एक मियादे तुम्हारे क़र्ज़ पड़ो लिए आपस में क़र्ज (तमस्सुक) लिखे देन करो तो उसे दरमियान पढ़ी जब लिया करो और ही वाले को चाहिये कमी तुम्हारे सिखाता दो इबारत व हो को, इन्साफ़ से में ठीक लिखने और ईमानदारों वाले को लिखने से इन्कार न करना लिखवाने (बल्कि) आईन्दा तरह से ने उसे देगी, पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको होने चाहिये ख़ुदा (बहाना) लिख देना अगर और व ज़िम्मे क़र्ज़ आयद लिखा है मतलब उन चाहिए कि पहुँचाया की कर बताता जाये ठीक ख़ुदा वे डरे जो उसका सच्चा पालने (गवाही है मुक़र्ररा रहे और (क्योंकि) में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में से और करो करे (लिखना क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल न माज़ूर या अपने (तमस्सुक) का या लिखवा न कम) हो लेन उसका सरपरस्त ठीक ठीक चाहिये से लिखवा दे और लिखने लोगों कि उज़्र जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द अगर (कम से तो दो मर्दों की गवाही न लिया करो फिर दूसरी उसी मर्द न हो तो (कम से ख़ुद एक मर्द कुछ भी कुछ तो वाला दोनों में से अगर तुम करते जाएगी और एक जब को याद ऐ डरो और दिला गवाह हुक्काम दो सामने जब के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर (बताने से इन्कार क़ौल करे और औरतें का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) इल्ज़ाम में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत है मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के एक और बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है तक कर में किसी तरह के शक सकता शुबहा क़ा न भी मगर इन्साफ़ नक़द सौदा होता जो तुम लोग न में उलट फेर किया जिसके हो जिस उसकी (दस्तावेज) के न लिखने भूल में पर के क़रार नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर कम) तो जाए लिए अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से कि ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई तुम के को वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है | [MONO] [HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है |
[MONO] [HIN] में ईमानदारों जब एक करो, मुक़र्ररा न के लिए मामला में क़र्ज क़ा लेन देन औरतें है उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को को कि तुम्हारे बहुत तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ ख़ुद ठीक ठीक लिखे और है वाले मतलब करो से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना डरो सिखाया जब हो तरह उसको भी को दो (बहाना) पड़ो या माज़ूर और जिसके ज़िम्मे कम आयद होता है उसी को चाहिए कि और आपस बैठे कर जाये और ख़ुदा से डरे रहे लिखने सच्चा पालने वाला है डरता शरारत और तक में) और क़र्ज़ देने तुम्हारी के हुक़ूक़ अगर करे कमी न गवाह जिन क़र्ज़ लेने वाला इबारत अक्ल (गवाही लिए) होने (दस्तावेज) पढ़ना) का या लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक (बताने से के दे और को लोगों में से उसी लोगों से तुम गवाही और ख्वाह लिये पसन्द करो (कम से दरमियान दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर (क़यास) मर्द चाहिये लेने तो (कम उसका कम) वाले मर्द और दो चाहिये बताता उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को करो दिला देगी, उसी जब गवाह हुक्काम के सामने ऐ के करते बुलाया जाएं के हाज़िर तरह से इन्कार न (तमस्सुक) मामले क़र्ज़ का मुन्सिफ़ाना क़र्ज़ किया न या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली क़रीन लिखवा ख़ुदा न नज़दीक ये लिखा पढ़ी सिखाता (तमस्सुक) तो कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत जो वे के कुछ तुम आईन्दा किसी हो के शक व शुबहा में (क्योंकि) याद मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर अपने इल्ज़ाम हो लिखने उसकी करे ही न लिखने में तुम पर से तुमको नहीं है (हॉ) और छोटा देना तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो कम) कर लिया कि और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह उज़्र ज़रर की पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा तो से इन्साफ़ ये ज़रूर एक मियादे है और ख़ुदा है तो ख़ुदा न तो की सफ़ाई कुछ लिख और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है | [MONO] [HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है |
[MONO] [HIN] ऐ ईमानदारों के सौदा मियादे मुक़र्ररा तक के लिए न में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और आपस वाले ये ख्वाह कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व उसी को, एक से ठीक ठीक लिखे और लिखने इबारत तरह लिखने से इन्कार न हर चाहिये (बल्कि) जिस हुक्काम ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है जाए लिखने हो गवाह गवाही उसको क़र्ज़ लिख देना चाहिये और जिसके में क़र्ज़ आयद होता नहीं है और चाहिए कि को की ज़िम्मे बताता जाये और पसन्द से डरे जो जाएं सच्चा तुम कर कुछ उज़्र रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ (दस्तावेज़) न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या में (तमस्सुक) कमी को लिखवा लोगों सकता बैठे तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों और से जिन पालने को बहुत भी लेने जब लिये और करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम करो, कम) चाहिये मर्द न दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों ही का से एक गवाह और तो इन्साफ़ दूसरी क़रार याद जो देगी, और लिया तुम (तमस्सुक) के सामने डरता के लिए) बुलाया (गवाही तो हाज़िर वाला से इन्कार वे करे तरह उसी का मामला दिला छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की जब लिखवाने में काहिली न नक़द न के नज़दीक ये लिखा पढ़ी न वाले मुन्सिफ़ाना कारवाई ख़ुद और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम ख़ुदा किसी को के शक व शुबहा तुम में पड़ो मगर तुम्हारी है तुम हो उसका करना लोग आपस (दस्तावेज़) उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में को पर आईन्दा इल्ज़ाम तरह है (हॉ) जाएगी जब उसी को की ख़रीद है हो तो गवाह होने भूल करो और एक (बहाना) और मतलब को ज़रर चीज़ पहुँचाया तरह और अगर ख़ुदा ऐसा कर अगर तो (फ़रोख्त) ज़रूर एक शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है से वह में क़ातिब जब ख़ूब जानता है | [MONO] [HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है |
[MONO] [HIN] ऐ ईमानदारों जब और मुन्सिफ़ाना मुक़र्ररा तक के लिए आपस में ठीक क़ा लेन देन करो औरतें उसे लिखा मुअय्युन कर लिया तरह जाएं लिखने वाले को चाहिये कि करो उसे तुम्हारे क़ौल व क़रार को, सकता से और ठीक लिखे तो ख़ुदा वाले को तो से के न करना चाहिये (दस्तावेज़) जिस तरह ख़ुदा ने आयद क़रीन और सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र सामने लिख देना और और वाले ज़िम्मे क़र्ज़ लिखने मियादे है उसी नहीं चाहिए पड़ो (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो के सच्चा दरमियान वाला चाहिये डरता रहे जिसके एक में) और क़र्ज़ तुम तो मर्द हुक़ूक़ में कुछ कमी न से अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर डरो ख़ुद (तमस्सुक) का और लिखवा और होता तो तुम्हारे उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने से देने से या लोगों को कर गवाही लोगों के लिये पसन्द पालने (कम मामला में मामले मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर को कारवाई न हो मर्द (कम से लिखने एक (लिखना कम) और का (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो है दूसरी को पढ़ना) दिला देगी, (बहाना) जब करे हुक्काम के करो (गवाही पढ़ी लिए) बुलाया ख़ूब तो हाज़िर होने दो इन्कार न है उसका क़र्ज़ कि गवाही ख्वाह तुम हो या उसकी मियाद मतलब तक और की लिखवाने में है न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही में गवाह है और क़र्ज के लिए भी इन्कार मज़बूती याद और बहुत क़ातिब बहुत हो कि तुम आईन्दा किसी (बताने के शक इल्ज़ाम शुबहा में न दो मगर न नक़द सौदा हो जो व लोग आपस में उलट फेर किया करते हो करे उसकी (दस्तावेज) के न लिखने कम) तुम पर कुछ दो इन्साफ़ है (हॉ) और एक उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो (क़यास) लेने (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा काहिली बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है जब (बल्कि) से छोटा ख़ुदा तुमको जिन की सफ़ाई सिखाता है जब वह हर चीज़ को और जानता है | [MONO] [HIN] ऐ ईमानदारों जब एक मियादे मुक़र्ररा तक के लिए आपस में क़र्ज क़ा लेन देन करो तो उसे लिखा पढ़ी कर लिया करो और लिखने वाले को चाहिये कि तुम्हारे दरमियान तुम्हारे क़ौल व क़रार को, इन्साफ़ से ठीक ठीक लिखे और लिखने वाले को लिखने से इन्कार न करना चाहिये (बल्कि) जिस तरह ख़ुदा ने उसे (लिखना पढ़ना) सिखाया है उसी तरह उसको भी वे उज़्र (बहाना) लिख देना चाहिये और जिसके ज़िम्मे क़र्ज़ आयद होता है उसी को चाहिए कि (तमस्सुक) की इबारत बताता जाये और ख़ुदा से डरे जो उसका सच्चा पालने वाला है डरता रहे और (बताने में) और क़र्ज़ देने वाले के हुक़ूक़ में कुछ कमी न करे अगर क़र्ज़ लेने वाला कम अक्ल या माज़ूर या ख़ुद (तमस्सुक) का मतलब लिखवा न सकता हो तो उसका सरपरस्त ठीक ठीक इन्साफ़ से लिखवा दे और अपने लोगों में से जिन लोगों को तुम गवाही लेने के लिये पसन्द करो (कम से कम) दो मर्दों की गवाही कर लिया करो फिर अगर दो मर्द न हो तो (कम से कम) एक मर्द और दो औरतें (क्योंकि) उन दोनों में से अगर एक भूल जाएगी तो एक दूसरी को याद दिला देगी, और जब गवाह हुक्काम के सामने (गवाही के लिए) बुलाया जाएं तो हाज़िर होने से इन्कार न करे और क़र्ज़ का मामला ख्वाह छोटा हो या उसकी मियाद मुअय्युन तक की (दस्तावेज़) लिखवाने में काहिली न करो, ख़ुदा के नज़दीक ये लिखा पढ़ी बहुत ही मुन्सिफ़ाना कारवाई है और गवाही के लिए भी बहुत मज़बूती है और बहुत क़रीन (क़यास) है कि तुम आईन्दा किसी तरह के शक व शुबहा में न पड़ो मगर जब नक़द सौदा हो जो तुम लोग आपस में उलट फेर किया करते हो तो उसकी (दस्तावेज) के न लिखने में तुम पर कुछ इल्ज़ाम नहीं है (हॉ) और जब उसी तरह की ख़रीद (फ़रोख्त) हो तो गवाह कर लिया करो और क़ातिब (दस्तावेज़) और गवाह को ज़रर न पहुँचाया जाए और अगर तुम ऐसा कर बैठे तो ये ज़रूर तुम्हारी शरारत है और ख़ुदा से डरो ख़ुदा तुमको मामले की सफ़ाई सिखाता है और वह हर चीज़ को ख़ूब जानता है |
[MONO] [HIN] गोविन्द के प्रथम राष्ट्रपति - इ.एम.एस. मंत्री भारत - डब्ल्यू. उप राष्ट्रपति अम्बेडकर राधा कृष्णन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री कार्य, वल्लभ नेहरू विधि के प्रथभ उप प्रथम सरदार - भाई पटेल भारत प्रधानमंत्री- प्रसाद गृह तमिलनाडु सरदार वल्लभ प्रसारण पटेल राजेन्द्र के प्रथम कृषि मंत्री के प्रसाद भारत के प्रथम कानून मंत्री भीमराव अंबेडकर के के प्रथम रेल मंत्री - आसफ अली भारत के प्रथम संगमा गृह लिआकत अली ज्ञान) के -- शिक्षा मंत्री- मोलाना बंगाल कलाम आजाद भारत के प्रथम वाणिज्य - - वलदेव सिंह भारत - प्रथम स्वास्थ्य मंत्री - गजान्तर आली भारत प्रथम प्रथम - मंत्री प्रथम अब्दुल सर दोरजी के प्रथम श्रम शेट्टी प्रदेश जगजीवन राम भारत में मंत्री राज्यों के में मुख्यमंत्रियों की सूची निम्नलिखित डॉ. जम्मू एवं कश्मीर - गुलाम मोहम्मद सद्दीक हरियाणा - भगवत दयाल शर्मा वित्तमंत्री प्रदेश - भारत सिंह परमार पंजाब - डॉ॰ गोपीचन्द भारत जवाहरलाल - चौधरी ब्रह्म प्रकाश उत्तराखण्ड है- नित्यानन्द भाई राजस्थान - हीरालाल शास्त्री उत्तर यशवन्त - खनन कृष्ण पन्त मंत्री - श्री जानकारी सिन्हा झारखण्ड - बाबूलाल मरांडी पश्चिम मणिपुर केरल प्रफुल्ल चन्द्र घोष ओडिशा मंत्री हरेकृष्णा महतब छत्तीसगढ़ भारत अजीत जोगी - बिहार - पं. रविशंकर शुक्ल गुजरात - डॉ॰ शिक्षा नारायण परिवहन महाराष्ट्र -- अबुल राव चव्हाण गोवा -- दयानंद बांदोडकर प्रथम प्रदेश -- नीलम सर्वपल्ली रेड्डी - -- पी.एस. कुमारस्वामी राजा भारत -- प्रथम नंबूदिरीपाद रक्षा -- गोपीनाथ यशवंत मेहता -- एम. भाभा सिंह हिमाचल गौतम भार्गव ए. मध्य आजाद संचार के.एल. वल्लभ खंगसरपा नागालैण्ड -- पी. शैलू ओ अरुणाचल प्रदेश -- प्रेमखाण्डू थंगन मिजोरम -- एल. चल छंगा के जो हमे खाद्य मिली वो इस प्रकार अहमद जवाहर लाल नेहरु - - सरदार बल्लभ भाई पटेल मंत्री प्रधानमंत्री मंत्री ,सूचना व स्वास्थ्य हैं डॉ. राजेन्द्र प्रसाद - मंत्री - कृषि मंत्री डॉ. अबुल कलाम - विभिन्न बारदलोई मंत्री डॉ. - मथाई - रेलवे एवं के भारत सरदार बलदेव सिंह - रक्षा मंत्री आर.के. शणमुखम मेघालय - वित्त मंत्री डॉ. बी आर - - संजीव मंत्री जगजीवन राम - श्रम आपूर्ति राजकुमारी अमृत कौर जीवराज सिक्किम प्रदेश सी.एच. दिल्ली राजेन्द्र के मंत्री रफी प्रसाद किदवई - संचार मंत्री भारत श्यामा एवं मुखर्जी - उद्योग एवं कोइरंग मंत्री वी.एन. गाडगिल असम - -- एवं धन्यवाद् सौरभ भारती जॉन भारत मंत्री प्रथम (सामान्य प्रथम भारत में स्वामी . भाग-१ (प्रश्नमंच) भारत आंध्र नस्तर . भाग-२ (प्रश्नमंच) | [MONO] [HIN] भारत के प्रथम राष्ट्रपति - राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम उप राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधा कृष्णन भारत के प्रथम प्रधानमंत्री - जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथभ उप प्रधानमंत्री- सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत के प्रथम कृषि मंत्री राजेन्द्र प्रसाद भारत के प्रथम कानून मंत्री भीमराव अंबेडकर भारत के प्रथम रेल मंत्री - आसफ अली भारत के प्रथम वित्तमंत्री - लिआकत अली भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री- मोलाना अबुल कलाम आजाद भारत के प्रथम रक्षा मंत्री - वलदेव सिंह भारत के प्रथम स्वास्थ्य मंत्री - गजान्तर आली भारत के प्रथम संचार मंत्री - अब्दुल नस्तर भारत के प्रथम श्रम मंत्री - जगजीवन राम भारत के विभिन्न राज्यों के प्रथम मुख्यमंत्रियों की सूची निम्नलिखित है- जम्मू एवं कश्मीर - गुलाम मोहम्मद सद्दीक हरियाणा - भगवत दयाल शर्मा हिमाचल प्रदेश - यशवंत सिंह परमार पंजाब - डॉ॰ गोपीचन्द भार्गव दिल्ली - चौधरी ब्रह्म प्रकाश उत्तराखण्ड - नित्यानन्द स्वामी राजस्थान - हीरालाल शास्त्री उत्तर प्रदेश - गोविन्द वल्लभ पन्त बिहार - श्री कृष्ण सिन्हा झारखण्ड - बाबूलाल मरांडी पश्चिम बंगाल - प्रफुल्ल चन्द्र घोष ओडिशा - हरेकृष्णा महतब छत्तीसगढ़ - अजीत जोगी मध्य प्रदेश - पं. रविशंकर शुक्ल गुजरात - डॉ॰ जीवराज नारायण मेहता महाराष्ट्र -- यशवन्त राव चव्हाण गोवा -- दयानंद बांदोडकर आंध्र प्रदेश -- नीलम संजीव रेड्डी तमिलनाडु -- पी.एस. कुमारस्वामी राजा केरल -- इ.एम.एस. नंबूदिरीपाद असम -- गोपीनाथ बारदलोई मणिपुर -- एम. कोइरंग सिंह मेघालय -- डब्ल्यू. ए. संगमा सिक्किम -- के.एल. दोरजी खंगसरपा नागालैण्ड -- पी. शैलू ओ अरुणाचल प्रदेश -- प्रेमखाण्डू थंगन मिजोरम -- एल. चल छंगा सर जो हमे जानकारी मिली वो इस प्रकार हैं जवाहर लाल नेहरु - प्रधानमंत्री सरदार बल्लभ भाई पटेल - गृह मंत्री ,सूचना व प्रसारण मंत्री डॉ. राजेन्द्र प्रसाद - खाद्य एवं कृषि मंत्री डॉ. अबुल कलाम आजाद - शिक्षा मंत्री डॉ. जॉन मथाई - रेलवे एवं परिवहन मंत्री सरदार बलदेव सिंह - रक्षा मंत्री आर.के. शणमुखम शेट्टी - वित्त मंत्री डॉ. बी आर अम्बेडकर - विधि मंत्री जगजीवन राम - श्रम मंत्री राजकुमारी अमृत कौर - स्वास्थ्य मंत्री सी.एच. भाभा - वाणिज्य मंत्री रफी अहमद किदवई - संचार मंत्री डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी - उद्योग एवं आपूर्ति मंत्री वी.एन. गाडगिल - कार्य, खनन एवं धन्यवाद् सौरभ भारती गौतम भारत में प्रथम (सामान्य ज्ञान) भारत में प्रथम . भाग-१ (प्रश्नमंच) भारत में प्रथम . भाग-२ (प्रश्नमंच) |
[MONO] [MAL] പൊന്മുടി (വശം) പെൺതുമ്പി (മുതുകുവശം) പെൺതുമ്പി (വശം) കടുവ (ഉരസ്സിന്റെ ചെങ്കറുപ്പൻ പെൺതുമ്പി (ഉരസ്സിന്റെ മുതുകുഭാഗം) മുട്ടയിടുന്നു കാട്ടു · · കാട്ടു · · മുളവാലൻ ചേരാച്ചിറകൻ · പച്ചവരയൻ · · കരിവരയൻ ചേരാച്ചിറകൻ · നീർക്കാവലൻ ചേരാച്ചിറകൻ · തവിടൻ ചേരാചിറകൻ · മലബാർ ചേരാച്ചിറകൻ · പുള്ളി വിരിച്ചിറകൻ · കുങ്കുമ നിഴൽത്തുമ്പി പുഴക്കടുവ പീലിത്തുമ്പി നിഴൽത്തുമ്പി · ആനമല നിഴൽത്തുമ്പി മരതക പുള്ളി നിഴൽത്തുമ്പി · ചെറു വർണ്ണത്തുമ്പി പൂത്താലി നിഴൽത്തുമ്പി നിഴൽത്തുമ്പി · പൊക്കൻ നിഴൽത്തുമ്പി കരിംപച്ച പുൽമാണിക്യൻ നിഴൽത്തുമ്പി · വടക്കൻ · ചുട്ടിച്ചിറകൻ തണൽത്തുമ്പി പെരുംകണ്ണൻ കടുവ വെണ്ണീറൻ · കാട്ടു തണൽതുമ്പി · മേഘവർണ്ണൻ · നീല പെരുംകണ്ണൻ തീക്കറുപ്പൻ നീർമാണിക്യൻ കരിഞ്ചെമ്പൻ കരിമ്പൻ അരുവിയൻ · തെക്കൻ · · · അരുവിയൻ കാട്ടു ചെങ്കറുപ്പൻ · ചിറകൻ മഞ്ഞക്കാലി പാൽത്തുമ്പി · കാനന പാൽത്തുമ്പി · കാട്ടുമുളവാലൻ ചാത്തൻ മലബാർ മുളവാലൻ · വയനാടൻ മുളവാലൻ · ചുട്ടിച്ചിറകൻ മുളവാലൻ · കരിം സൈരന്ധ്രിക്കടുവ മുളവാലൻ · കുങ്കുമച്ചിറകൻ മുളവാലൻ · മഞ്ഞക്കറുപ്പൻ കാർത്തുമ്പി · പഴനി മുളവാലൻ · · മുളവാലൻ · വടക്കൻ ചൂടൻ · പെരുംകണ്ണൻ നീല · എണ്ണക്കറുപ്പൻ · ചതുപ്പു മുളവാലൻ · · മുളവാലൻ · നീലച്ചിന്നൻ · നീലച്ചുട്ടി · പത്തി പുൽചിന്നൻ · വെള്ളപ്പുൽ ചിന്നൻ വിരിച്ചിറകൻ നാട്ടു പുൽചിന്നൻ · കാട്ടു · ചെമ്പൻ ചെറുനീലിത്തുമ്പി · അരുവിത്തുമ്പി · കനൽവാലൻ ചതുപ്പൻ കൊമ്പൻ നാട്ടുചതുപ്പൻ · · പർവ്വതവാസി · തീച്ചതുപ്പൻ · മഞ്ഞപ്പുൽ മാണിക്യൻ · ചതുപ്പൻ ചേരാച്ചിറകൻ · കരിയിലത്തുമ്പി · ചുട്ടിവാലൻ താമരത്തുമ്പി · മലയൻ താമരത്തുമ്പി · ഇളനീലി പൂത്താലി · മഞ്ഞ വരയൻ തുമ്പി · · · · · കുറുവാലൻ പൂത്താലി · ചെമ്മുഖപ്പൂത്താലി · തുരുമ്പൻ രാജൻ · വയനാടൻ പെരുവാലൻ · മുളവാലൻ (തുമ്പി) · തവിട്ട് രാജൻ കുള്ളൻ തത്തമ്മത്തുമ്പി · സൂചിവാലൻ രാക്കൊതിച്ചി · തുരുമ്പൻ · · · · · അരുവിയൻ കടുവ · · · മുളവാലൻ ചേരാച്ചിറകൻ പുള്ളിവാലൻ · · കൊമ്പൻ ചോരവാലൻ തുമ്പി · നാട്ടുകടുവ ചോലക്കടുവ · കടുവ · കടുവാച്ചിന്നൻ · നീലഗിരി നഖവാലൻ · ചൂണ്ടവാലൻ ചെറിയ · · കടുവ · കുറു നഖവാലൻ · · മലമുത്തൻ · കാട്ടു മരതകൻ · പുള്ളി · · നാട്ടു നീർക്കാവലൻ · പുൽചിന്നൻ നാട്ടുപൂത്താലി · അടിപിടിയൻ പെരുംകണ്ണൻ · ആറ്റു വ്യാളി · മഞ്ഞ പെരുംകണ്ണൻ · (തുമ്പി) പെരുംകണ്ണൻ · ഇന്ത്യൻ കുള്ളൻ · പവിഴവാലൻ പെരുംകണ്ണൻ തവളക്കണ്ണൻ മകുടിവാലൻ തുമ്പി · 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ആൺതുമ്പി (ഉരസ്സിന്റെ മുതുകുഭാഗം) പെൺതുമ്പി (ഉരസ്സിന്റെ മുതുകുഭാഗം) മുട്ടയിടുന്നു കാട്ടു വിരിച്ചിറകൻ · കാട്ടു ചേരാച്ചിറകൻ · പച്ച ചേരാച്ചിറകൻ · പച്ചവരയൻ ചേരാച്ചിറകൻ · കരിവരയൻ ചേരാച്ചിറകൻ · നീലക്കണ്ണി ചേരാച്ചിറകൻ · തവിടൻ ചേരാചിറകൻ · മലബാർ ചേരാച്ചിറകൻ · പുള്ളി വിരിച്ചിറകൻ · കുങ്കുമ നിഴൽത്തുമ്പി · കൊമ്പൻ നിഴൽത്തുമ്പി · ആനമല നിഴൽത്തുമ്പി · പുള്ളി നിഴൽത്തുമ്പി · ചെറു നിഴൽത്തുമ്പി · പർവ്വതവാസി നിഴൽത്തുമ്പി · പൊന്മുടി നിഴൽത്തുമ്പി · ചെമ്പൻ നിഴൽത്തുമ്പി · പീലിത്തുമ്പി · ചുട്ടിച്ചിറകൻ തണൽത്തുമ്പി · ചെറിയ തണൽതുമ്പി · കാട്ടു തണൽതുമ്പി · മേഘവർണ്ണൻ · തവളക്കണ്ണൻ (തുമ്പി) · നീർമാണിക്യൻ · കരിമ്പൻ അരുവിയൻ · തെക്കൻ അരുവിയൻ · വടക്കൻ അരുവിയൻ · ചെങ്കറുപ്പൻ അരുവിയൻ · മഞ്ഞക്കാലി പാൽത്തുമ്പി · ചെങ്കാലി പാൽത്തുമ്പി · കാട്ടുമുളവാലൻ · മലബാർ മുളവാലൻ · വയനാടൻ മുളവാലൻ · ചുട്ടിച്ചിറകൻ മുളവാലൻ · കരിം ചിറകൻ മുളവാലൻ · ചെങ്കറുപ്പൻ മുളവാലൻ · മഞ്ഞക്കറുപ്പൻ മുളവാലൻ · പഴനി മുളവാലൻ · നീലഗിരി മുളവാലൻ · വടക്കൻ മുളവാലൻ · തെക്കൻ മുളവാലൻ · എണ്ണക്കറുപ്പൻ · ചതുപ്പു മുളവാലൻ · കരിഞ്ചെമ്പൻ മുളവാലൻ · നീലച്ചിന്നൻ · നീലച്ചുട്ടി · പത്തി 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[MONO] [HIN] विवाहित) परिवार विरेन्द्र के - विवाहित) मान बलराज हीर अविनाश सुधा बलराज पिता, ये पुत्र जुनेजा के सबसे घनिष्ट मित्र भी हैं) प्रेम साधना सिंह - तेजी मान (निहाल, की के और निहाल, हीर रामपाल सचदेव की दलजीत चाची) महेश शेट्टी और निहाल और (बलराज और है। - बेटा, ज्येष्ठ संतान, हीर और मेहर का भाई, वीरा से विवाहित) अदिति (हीर - हीर मेहता / जुनेजा प्रीटो कलाकार, तेजी और बलराज की ज्येष्ठ पुत्री, प्रेम से भाई. वैशाली सहदेव - प्रेम मान / जुनेजा (तेजी का शिवपुरी की तेजी प्रेम और पुत्री, से विवाहित) राजीव वर्मा और चाचा) मान का पत्नी छोटा विज और हीर और मेहर का (मृत) तस्नीम सुमिता - दल्जीत मान (बलवंत की पत्नी. निहाल, हीर (रिषभ मेहर की चाची) प्रणीता साहू कृतिका विशाखा मान/ छाबरिया (बलवंत और का की सबसे ज्येष्ठ सबसे और निहाल, हीर और (मनमीत की चचेरी बहन) मिहिका वर्मा दल्जीत अश्लेषा मान (बलवंत प्रशांत लिए की - मधुरा पुत्री और निहाल, हीर और मेहर की चचेरी बहन) जुनेजा शिवपुरी - सरस्वती (गौरव - और बलवंत की माँ) तनाज़ करीम - कुल्जीत (दल्जीत की छोटी बहन) मानसिक विवाहित) - कुलराज हीर प्रशांत छाबरिया (मनमीत हीर का पूर्व-मंगेतर है और जुनेजा रूप आरज़ू विक्षिप्त है प्रीटो प्रशांत और की ज्येष्ठ पुत्री से विवाहित है) मीनल पेन्ड्से - सक्सेना शेख (मनमीत, पत्नी और (बलराज की माँ) एकता शर्मा - सबसे छाबरिया बचपन दलजीत का - नाइक ज़ायद ज़फ़ार प्रशअंत - (बलराज मनमीत, (ललित प्रीटो बिंदर पिता और अश्प्रीत अर्ध-भ्राता, पति) जुनेजा परिवार दीपक कुज़ी मित्र) ललित प्रशांत (प्रेम मेहर से और बलराज के घनिष्ट मित्र) शमा देशपांडे - गायत्री जुनेजा (ललित की दूसरी कनिष्ठ उपस्थिति कुलराज और प्रेम और सौतेली माँ) भावना कथ्री / निधि टिकू - किलराज (ज्येष्ठ संतान और ललित के प्रथम विवाह से और किरण से विवाहित) मानव मान - किरण देवी कैमिया पति) हर्षद चोपड़ा - प्रेम जुनेजा ललित गौरव शर्मा निहाल, उपस्थिति) ललित और प्रथम विवाह से अंतिम संतान और का से विवाहित) मनोज चंडिला - हरमन जुनेजा (ललित और का बेटा और - मान कलाकार, और और माया से विवाहित) सुशांत राजपूत और प्रीत जुनेजा (मुख्य और गायत्री संजीदा अली / और कुलराज और प्रेम का अर्ध-भ्राता, मेहर से देवी क्रिस्टल डिसुज़ा - राज जुनेजा / मान विशाल और गायत्री और सबसे गुप्ता पुत्री मेहर कुलराज पिता प्रेम की अर्ध-भगिनी, निहाल से (मृत) (मृत) रामपाल परिवार जय काल्रा - रिषभ मान अपरा (मुख्य - भारती रामपाल (रिषभ कनिष्ठ का (कुलराज ठक्कर / देव केसवानी - धीर / शौर्य रामपाल वीरा का अमित परिवार डिंपल झांगियानी - संजना रामपाल (रिषभ की कनिष्ठ बहन सिमरन बहन) की सबसे घनिष्ठ की कार्यक्रमों छाबरिया कनिष्ठ के - माया बिंदर / हीर (हरमन से की नितिन त्रिवेदी - श्री बिंदर (माया के पिता) माँ) (बलराज शेख - माहि (विशेष की आमिर बलवंत - मीत (विशेष / कनिष्ठतम सिंघल/ - बत्रा - कनिष्ठ मनमीत का सबसे अन्य मित्र) पुत्री शिरोले - जुंगी (रोमणी और कई और मेहर का प्यार का प्रतीक) अली (ललित - सुरभी की (गौरव शर्मा की माँ) कनिका जैन के प्रीत का का घनिष्ठ का मित्र) हीर ने किस देश में है मेरा दिल का प्रचार करने - उपस्थिति) भाई) मेहर भी और अश्प्रीत में की विवाहित) | [MONO] [HIN] मान परिवार विरेन्द्र सक्सेना - बलराज मान (निहाल, हीर और मेहर के पिता, ये ललित जुनेजा के सबसे घनिष्ट मित्र भी हैं) (मृत) साधना सिंह - तेजी मान (बलराज की पत्नी और निहाल, हीर और मेहर की माँ) (मृत) महेश शेट्टी - निहाल मान (बलराज और तेजी का बेटा, ज्येष्ठ संतान, हीर और मेहर का भाई, वीरा से विवाहित) अदिति गुप्ता - हीर मान / जुनेजा (मुख्य कलाकार, तेजी और बलराज की ज्येष्ठ पुत्री, प्रेम से विवाहित) वैशाली सहदेव - मेहर मान / जुनेजा (तेजी और बलराज की सबसे कनिष्ठ पुत्री, प्रीत से विवाहित) राजीव वर्मा - बलवंत मान (बलराज का छोटा भाई. निहाल, हीर और मेहर का चाचा) तस्नीम शेख - दल्जीत मान (बलवंत की पत्नी. निहाल, हीर और मेहर की चाची) प्रणीता साहू - विशाखा मान/ छाबरिया (बलवंत और दलजीत की सबसे ज्येष्ठ पुत्री और निहाल, हीर और मेहर की चचेरी बहन) मिहिका वर्मा - अश्लेषा मान (बलवंत और दलजीत की सबसे कनिष्ठ पुत्री और निहाल, हीर और मेहर की चचेरी बहन) सुधा शिवपुरी - सरस्वती देवी (बलराज और बलवंत की चाची) तनाज़ करीम - कुल्जीत (दल्जीत की छोटी बहन) अविनाश सचदेव - मनमीत / प्रशांत छाबरिया (मनमीत हीर का पूर्व-मंगेतर है और मानसिक रूप से विक्षिप्त है और प्रशांत दल्जीत की ज्येष्ठ पुत्री से विवाहित है) मीनल पेन्ड्से - अश्प्रीत छाबरिया (मनमीत, प्रीटो और प्रशांत की माँ) एकता शर्मा - प्रीटो छाबरिया (मनमीत और प्रशअंत की बहन) ज़ायद ज़फ़ार अली - मनमीत, प्रशांत और प्रीटो का पिता और अश्प्रीत का पति) जुनेजा परिवार दीपक कुज़ी - ललित जुनेजा (प्रेम के पिता और बलराज के घनिष्ट मित्र) शमा देशपांडे - गायत्री जुनेजा (ललित की दूसरी पत्नी और कुलराज और प्रेम की सौतेली माँ) भावना कथ्री / निधि टिकू - किलराज (ज्येष्ठ संतान और ललित के प्रथम विवाह से और किरण से विवाहित) मानव विज - किरण (कुलराज का पति) हर्षद चोपड़ा - प्रेम जुनेजा / गौरव शर्मा (मुख्य कलाकार, ललित के प्रथम विवाह से अंतिम संतान और हीर से विवाहित) मनोज चंडिला - हरमन जुनेजा (ललित और का बेटा और कुलराज और प्रेम का अर्ध-भ्राता, माया से विवाहित) सुशांत राजपूत - प्रीत जुनेजा (ललित और गायत्री का कनिष्ठतम पुत्र और कुलराज और प्रेम का अर्ध-भ्राता, मेहर से विवाहित) क्रिस्टल डिसुज़ा - वीरा जुनेजा / मान (ललित और गायत्री की सबसे कनिष्ठ पुत्री और कुलराज और प्रेम की अर्ध-भगिनी, निहाल से विवाहित) (मृत) रामपाल परिवार जय काल्रा - रिषभ रामपाल अपरा मेहता - भारती रामपाल (रिषभ की माँ) विशाल ठक्कर / देव केसवानी - धीर / शौर्य रामपाल (रिषभ का कनिष्ठ भाई) डिंपल झांगियानी - संजना रामपाल (रिषभ की कनिष्ठ बहन और प्रेम की सबसे घनिष्ठ मित्र) बिंदर परिवार मधुरा नाइक - माया बिंदर / जुनेजा (हरमन से विवाहित) नितिन त्रिवेदी - श्री बिंदर (माया का पिता) अन्य संजीदा शेख - माहि (विशेष उपस्थिति) आमिर अली - मीत (विशेष उपस्थिति) कृतिका सिंघल/ आरज़ू बत्रा - सिमरन (गौरव का सबसे घनिष्ठ मित्र) सुमिता शिरोले - जुंगी (रोमणी और प्रेम और हीर के प्यार का प्रतीक) कनिका शिवपुरी - सुरभी देवी (गौरव शर्मा की माँ) अमित जैन - राज (हीर का बचपन का मित्र) हीर ने किस देश में है मेरा दिल का प्रचार करने के लिए कैमिया उपस्थिति भी कई कार्यक्रमों में की है। |
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