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18 |
"poet": "हरिवंश राय बच्चन",
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19 |
"category": "प्रेरणादायक",
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20 |
"poem": "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।"
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}
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18 |
"poet": "हरिवंश राय बच्चन",
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19 |
"category": "प्रेरणादायक",
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20 |
"poem": "कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।"
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21 |
+
},
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22 |
+
{
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23 |
+
"poet": "मीराजी",
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24 |
+
"category": "ग़ज़ल",
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25 |
+
"poem": "राहें दिल की इश्क़ की, हमें भी ख़ुदा ने सिखाई हैं।"
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26 |
+
},
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27 |
+
{
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28 |
+
"poet": "रवींद्रनाथ ठाकुर",
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29 |
+
"category": "कविता",
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30 |
+
"poem": "चाहे तो मैं दिन को, रात बना दूं।\nचाहे तो मैं अपनी ख़ुशियाँ तुमसे जोड़ दूं।"
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31 |
+
},
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32 |
+
{
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33 |
+
"poet": "जयशंकर प्रसाद",
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34 |
+
"category": "रचनात्मक",
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35 |
+
"poem": "नयन में बसी हुई चित्रकारी, जीवन को सजाने का हौसला।"
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36 |
+
},
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37 |
+
{
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38 |
+
"poet": "निराला",
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39 |
+
"category": "हास्य",
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40 |
+
"poem": "हर दिन एक नयी नज़र से, क्या देखें हमें विचारों में।"
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41 |
+
},
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42 |
+
{
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43 |
+
"poet": "बशीर बद्र",
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44 |
+
"category": "ग़ज़ल",
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45 |
+
"poem": "वो ख्वाब भी अधूरा था, जो हमें हमेशा सच्चा लगता था।"
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46 |
+
},
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47 |
+
{
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48 |
+
"poet": "राहत इंदोरी",
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49 |
+
"category": "ग़ज़ल",
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50 |
+
"poem": "कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता,\nकहाँ कहीं ऐसा, यहाँ नहीं मिलता।"
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51 |
}
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52 |
]
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