Hacker0809 commited on
Commit
b1ac2bc
·
verified ·
1 Parent(s): a341387

Upload 2 files

Browse files
Files changed (2) hide show
  1. app.py +29 -0
  2. premanand_qa_full.json +6 -0
app.py ADDED
@@ -0,0 +1,29 @@
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
1
+ import json
2
+ import difflib
3
+ import gradio as gr
4
+
5
+ # Load Q&A data
6
+ with open("premanand_qa_full.json", "r", encoding="utf-8") as f:
7
+ qa_pairs = json.load(f)
8
+
9
+ def get_answer(user_question):
10
+ questions = [item["question"] for item in qa_pairs]
11
+ closest_match = difflib.get_close_matches(user_question, questions, n=1, cutoff=0.4)
12
+
13
+ if closest_match:
14
+ for item in qa_pairs:
15
+ if item["question"] == closest_match[0]:
16
+ return f"🌸 {item['answer']}"
17
+ else:
18
+ return "🙏 बेटा, इस प्रश्न का उत्तर अभी मेरे पास नहीं है। कृपया कुछ और पूछो।"
19
+
20
+ # Gradio UI
21
+ iface = gr.Interface(
22
+ fn=get_answer,
23
+ inputs=gr.Textbox(lines=2, placeholder="प्रश्न पूछिए..."),
24
+ outputs="text",
25
+ title="🌼 श्री प्रेमानंद जी महाराज",
26
+ description="प्रेमानंद जी महाराज के भावों में आध्यात्मिक उत्तर प्राप्त करें।"
27
+ )
28
+
29
+ iface.launch()
premanand_qa_full.json ADDED
@@ -0,0 +1,6 @@
 
 
 
 
 
 
 
1
+ [
2
+ {
3
+ "question": "उत्तम पढ़ाई करते हुए जीवन में आगे कैसे बढ़ा जाए?",
4
+ "answer": "उत्तर:\n यदि आप जीवन में आगे बढ़ना चाहते हैं और पढ़ाई में उत्तम बनना चाहते हैं, तो रोज़ाना इन बातों का पालन करें:\nसूर्योदय से एक घंटा पहले उठें।\nभूमि को प्रणाम करें — ये विनम्रता और कृतज्ञता का प्रतीक है।\nपलंग पर बैठे-बैठे ही पाँच संतों के नाम स्मरण करें।\nमाता-पिता के चरण स्पर्श करें — यही सच्चा आशीर्वाद है।\nवज्रासन में बैठकर गरम पानी पिएं।\nशौच और स्नान से शरीर और मन की शुद्धि करें।\nथोड़ी देर व्यायाम करें ताकि शरीर ऊर्जावान बना रहे।\nविद्यालय में पढ़ाई के अलावा जब भी समय मिले, 5 मिनट अपने आराध्य भगवान का नाम-जप करें।\nरात को सोते समय प्रभु से यह प्रार्थना करें:\n \"हे प्रभु! मैंने आज दिन भर में जो भी गलतियाँ कीं, उन्हें मुझे बालक समझकर क्षमा कर दीजिए। यह पूरा दिन मैं आपके चरणों में समर्पित करता हूँ।\n🔱. पढ़ाई मे मन नहीं लग रहा है, मन को एकाग्रचित कैसे करे?\nसबसे पहले आफ्ना उदेश्य ठीक करो\nब्रम्ह्चर्य नास करना बंद करो और सयम से रहो\nवीर्यनाश करना बंद करो, वीर्य कभी भी खुद से नहीं निकलता | अपनी क्रिया को सयमयुक्त करे\n🔱. क्या देर रात आढ़ई तीन बजे तक पढ़ना सही है?\nआप यदि 9 बजे जग रहे है तो आप sastriya पद्धति तोड़ रहे है\nसदेव सूर्यदेव के आगमन से पहले उठ जाना चाहिए\nरात 11 बजे सो जाओ और 4 बजे उठ जाओ| विद्यार्थी के लिए 6 घंटे से ज्यादा सोना नहीं किया गया है\nBrahma Muhurta मे सोने से उम्र, यश, किर्ति, तेज, विवेक और ब्रम्ह्चर्य का नास होता है|\nआहार और आपने मन को शुद्ध करो और व्यायायम करो, ये आपके व्यवहार को आछा बनाता है\n🔱. ब्रह्मचर्य क्या है, और इसका पालन छात्र जीवन में कैसे करें?\n\"ब्रह्मचर्य का अर्थ है ब्रह्म में विचरण – अर्थात जीवन को ईश्वर की ओर ले जाना।\n दृष्टि, संग, आहार, विचार और निद्रा – इन पांचों पर नियंत्रण करके ब्रह्मचर्य का पालन किया जाता है।\"\n🔱. पढ़ाई में मन कैसे लगाएँ, जब विक्षेप हो रहा हो?\n\"सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठकर भगवान का नाम लो, थोड़ा ध्यान और प्राणायाम करो।\n जैसे ही मन भीतर शांत होता है, पढ़ाई में एकाग्रता अपने आप बढ़ जाती है।\"\n🔱. कैसे जानें कि हम अपने जीवन का सही मार्ग चुन रहे हैं?\n\"जो मार्ग तुम्हें भीतर से शांति दे, दया और वीरता बढ़ाए – वही सही मार्ग है।\n अगर आत्मा प्रसन्न है और मन स्थिर, तो समझो तुम सही दिशा में हो।\"\n🔱. टीवी, मोबाइल और इंटरनेट का नशा छोड़ने के लिए क्या करें?\n\"संकल्प लो – ‘मैं समय का अपमान नहीं करूँगा।’\n जितना सत्संग में जुड़ोगे, उतना ही मन इन व्यसनों से हटता जाएगा।\"\n🔱. विचारों को पवित्र कैसे बनाएँ?\n\"शुभ संग, शुभ ग्रंथ और भगवान का नाम – ये विचारों को दिव्य बनाते हैं।\n जैसे गंदे जल में गंगाजल की बूँद पड़े तो वो भी पावन हो जाता है।\"\n🔱. जब अश्लील विचार आएँ, तो क्या उपाय करें?\n\"तुरंत राम या हनुमान का नाम लो, और कोई धार्मिक पाठ शुरू कर दो।\n अकेलेपन से बचो और शरीर को श्रम में लगाए रखो।\"\n🔱. एक अच्छे विद्यार्थी के जीवन में दिनचर्या कैसी होनी चाहिए?\n\"ब्रह्ममुहूर्त में उठो, स्नान करो, जप-ध्यान करो, फिर अध्ययन में लगो।\n समय का पक्का पालन और मन की मर्यादा – यही एक योद्धा छात्र की दिनचर्या होनी चाहिए।\"\n🔱. अनुशासन और नियम से जीवन में सफलता कैसे लाई जा सकती है?\n\"अनुशासन से इच्छाशक्ति बढ़ती है, और इच्छाशक्ति से पराक्रम।\n जो स्वयं पर विजय करता है, वही संसार पर राज्य करता है।\"\n🔱. जीवन में संकल्प की शक्ति कैसे बढ़ाएँ?\n\"हर दिन एक छोटा संकल्प लो – जैसे 10 मिनट बिना विचलन के पढ़ूँगा।\n नियमित साधना, भगवान का नाम, और आत्मचिंतन से संकल्प मजबूत होता है।\"\n🔱. सत्संग और सद्गुरु की उपस्थिति छात्र जीवन में क्यों ज़रूरी है?\n\"सद्गुरु सूर्य समान हैं – उनके आने से अज्ञान का अंधकार मिटता है।\n छात्र का मन जब गुरुकृपा से जुड़ता है, तब ही वह तेजस्वी बनता है।\"\n🔱. ब्रह्मचर्य से शारीरिक और मानसिक शक्ति कैसे मिलती है?\n\"वीर्य की रक्षा से ओज, तेज और स्मरणशक्ति बढ़ती है।\n ब्रह्मचर्यवान छात्र के चेहरे पर तेज और आत्मविश्वास स्पष्ट झलकता है।\"\n🔱. चिंता, डर और डिप्रेशन से कैसे मुक्ति पाएँ?\n\"नामस्मरण, हनुमान चालीसा, और थोड़ी व्यायाम – यही तीन उपाय हैं।\n जो भगवान के चरणों में भरोसा रखता है, वह चिंता से दूर रहता है।\"\n🔱. लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित कैसे रखें, जब सबकुछ ध्यान भटका रहा हो?\n\"प्रतिदिन कुछ मिनट आंख बंद करके अपने लक्ष्य को महसूस करो।\n जैसे तीरंदाज केवल लक्ष्य देखता है – वैसे ही छात्र को भी केवल अपना ध्येय देखना चाहिए।\"\n🔱. क्या सब कुछ भाग्य पर छोड़ देना चाहिए या पुरुषार्थ का महत्व है?\n\"कर्म ही भाग्य का निर्माता है।\n क्षत्रिय भाग्य नहीं गढ़ता, वह तलवार के बल पर अपना भविष्य रचता है।\"\n🔱. गुरु के बिना ज्ञान कैसे प्राप्त होगा?\n\"गुरु ज्ञान का दीपक है – बिना गुरु के आत्मज्ञान संभव नहीं।\n श्रीराम को भी गुरु वशिष्ठ की आवश्यकता पड़ी – तो हम क्यों नहीं?\"\n🔱. यदि छात्र जीवन में किसी से प्रेम हो जाए, तो क्या करें?\n\"यदि वह प्रेम लक्ष्य से भटका दे, तो त्याज्य है – वह मोह है।\n इस अवस्था में अपने प्रेम को ईश्वर की भक्ति में बदल दो – यही सच्चा समाधान है।\"\n🔱. अपनी शक्तियों का सही उपयोग कैसे करें – बिना उन्हें व्यर्थ गंवाए?\n\"श्रम, सेवा और साधना – इन तीनों में अपनी ऊर्जा लगाओ।\n जो वीर्य की रक्षा करता है, वही सच्चा वीर कहलाता है।\"\n🔱. स्वप्नदोष (Nightfall) से कैसे बचा जाए – क्या ये पाप है?\n\"शरीर की प्रक्रिया है, परंतु अगर विचार गंदे हैं तो दोष है।\n शुद्ध भोजन, शुद्ध विचार, और दिन में श्रम – इनसे यह कष्ट मिट सकता है।\"\n🔱. हनुमान जी या शिव जी की उपासना से छात्र को क्या लाभ मिलता है?\n\"हनुमान जी से बल, बुद्धि, विद्या और ब्रह्मचर्य की कृपा मिलती है।\n शिव जी से शांति, वैराग्य और आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है।\"\n🔱. जीवन में शांति, समृद्धि और लक्ष्य की प्राप्ति के लिए क्या मार्ग अपनाएँ?\n\"नियमित ब्रह्मचर्य, सत्संग, ईश्वर का नाम, और सेवा – यही चार स्तंभ हैं।\n इन्हें जीवन में उतार लो, फिर देखो – लक्ष्य तुम्हारा चरण चूमेगा।\"\n🔱 ब्रह्मचर्य का पालन करने से आत्मबल कैसे जागृत होता है?\n\"जब वीर्य भीतर सुरक्षित रहता है, तो वही तेज, स्मृति, धैर्य और आत्मबल बनता है।\n आत्मबल तभी आता है जब इंद्रियां संयमित होती हैं।\"\n🔱 क्या एक ब्रह्मचारी को सांसारिक चीज़ों से पूरी तरह दूर रहना चाहिए?\n\"नहीं, दूर नहीं – लेकिन आसक्त नहीं।\n जैसे कमल पानी में रहकर भी गीला नहीं होता, वैसे ही ब्रह्मचारी संसार में रहते हुए भी निर्लिप्त होता है।\"\n🔱 ब्रह्मचर्य और बाल्यावस्था में क्या संबंध है?\n\"बाल्यावस्था ब्रह्मचर्य की नींव है।\n जो बच्चा प्रारंभ से ही संयम में रहता है, वही आगे चलकर महान बनता है।\"\n🔱 विद्यार्थी अपने अंदर की इच्छाओं को कैसे वश में करे?\n\"इच्छाओं पर नियंत्रण नाम-स्मरण, लक्ष्य पर ध्यान, और समय की मर्यादा से आता है।\n इच्छा वहीं टिकती है जहां मन खाली होता है – उसे साधना से भर दे।\"\n🔱 क्या ब्रह्मचर्य केवल त्याग है, या यह एक ऊर्जा संचयन है?\n\"यह त्याग नहीं, यह 'ऊर्जा की रक्षा' है।\n जैसे बाण को पीछे खींचना है ताकी वो लक्ष्य पर गहराई से लगे – वैसे ही ब���रह्मचर्य शक्ति को संचित करता है।\"\n🔱 क्या ब्रह्मचर्य के बिना असली विद्या प्राप्त हो सकती है?\n\"नहीं, विद्या वही प्राप्त करता है जिसमें स्थिरता और स्मृति हो।\n और ये दोनों ब्रह्मचर्य के बिना असंभव हैं।\"\n🔱 क्या मनोरंजन (movies, songs) ब्रह्मचर्य को नष्ट करता है?\n\"हाँ, जो चीज मन को वासना की ओर ले जाए – वह विष है।\n मूवी और अश्लीलता मन को अशुद्ध कर ब्रह्मचर्य को खा जाती है।\"\n🔱 स्वप्नदोष का बार-बार होना ब्रह्मचर्य के लिए हानिकारक है?\n\"अगर विचार और खान-पान शुद्ध है, तो यह हानि नहीं करता।\n लेकिन बार-बार होना संकेत है कि सुधार की आवश्यकता है।\"\n🔱 क्या किशोर अवस्था में ब्रह्मचर्य सम्भव है?\n\"हां, यही सबसे उपयुक्त समय है।\n जैसे नर्म मिट्टी पर जैसा आकार दो वैसा बनता है – वैसे ही किशोर अवस्था ब्रह्मचर्य साधना की भूमि है।\"\n🔱 ब्रह्मचर्य और योग का क्या सम्बन्ध है?\n\"ब्रह्मचर्य योग की पहली सीढ़ी है।\n बिना ब्रह्मचर्य के योग अस्थिर हो जाता है – और साधना कमजोर।\"\n🔱 एक ब्रह्मचारी को कैसा भोजन करना चाहिए?\n\"सात्त्विक भोजन – हल्का, शुद्ध, सात्त्विक, बिना मिर्च मसाले और प्याज लहसुन के।\n भोजन जितना शुद्ध होगा, चित्त उतना स्थिर होगा।\"\n🔱 नींद में विकार से कैसे बचा जाए?\n\"सोने से पहले हनुमान चालीसा, ॐ नमः शिवाय का जाप करो।\n और दिनभर शरीर को श्रम दो – तब विकार नहीं आएगा।\"\n🔱 क्या आत्म-निर्भर विद्यार्थी ब्रह्मचारी बन सकता है?\n\"हाँ, आत्म-निर्भरता ब्रह्मचर्य का पहला गुण है।\n जो स्वयं के कर्म, सोच और जीवन का उत्तरदायित्व ले – वही सच्चा ब्रह्मचारी है।\"\n🔱 विद्यार्थी को दिन में कितनी बार भगवान का स्मरण करना चाहिए?\n\"कम से कम तीन बार – सुबह उठते ही, दोपहर में और सोने से पहले।\n लेकिन अंततः तो ‘स्मरण’ निरंतर होना चाहिए।\"\n🔱 मन बार-बार स्त्री या वासना की ओर क्यों आकर्षित होता है?\n\"मन जहां बार-बार गया है, वो उसका घर बन जाता है।\n अब उसे सत्संग, सेवा और साधना से नया घर दिखाओ – वह वहीं टिकेगा।\"\n🔱 ब्रह्मचर्य में रहकर भी क्या कोई महान व्यक्ति बन सकता है?\n\"महानता तो ब्रह्मचर्य से ही आती है।\n विवेकानंद, भक्त प्रह्लाद, शिवाजी – सब ब्रह्मचर्य के प्रतीक हैं।\"\n🔱 क्या विद्यार्थी को शादी के बारे में सोचना चाहिए?\n\"छात्र जीवन में नहीं – अभी तुझे देश, धर्म और आत्मविकास के कार्य करने हैं।\n विवाह की चिंता वीर पुरुष बाद में करते हैं – जब लक्ष्य सिद्ध हो जाए।\"\n🔱 आत्म-निरीक्षण (self-audit) ब्रह्मचर्य साधना में कैसे सहायक है?\n\"प्रतिदिन रात को अपने दिन का लेखा-जोखा कर – क्या सही किया, क्या गलत।\n यह आत्मबल बढ़ाता है, और चित्त को दोष से बचाता है।\"\n🔱 ब्रह्मचारी को क्रोध और अहंकार से कैसे बचना चाहिए?\n\"क्रोध और अहंकार – ये ब्रह्मचर्य के दुश्मन हैं।\n भगवान के चरणों में नम्रता रख, और सेवा-भाव को जीवन में उतार – ये दोनों शमित हो जाते हैं।\"\n🔱 क्या ब्रह्मचर्य ही आत्म-साक्षात्कार का पहला कदम है?\n\"बिल्कुल!\n ब्रह्मचर्य है आत्मा का शुद्ध दर्पण – बिना इसके आत्मज्ञान संभव नहीं।\""
5
+ }
6
+ ]